हाइलाइट्स
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सोशल मीडिया पर अश्लीलता बढ़ती जा रही है, जिससे महिलाओं की गोपनीयता और सम्मान को खतरा है।
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वायरल वीडियो और अनैतिक कंटेंट युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं।
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भारतीय कानून (आईटी एक्ट, धारा 67) के तहत अश्लील सामग्री साझा करना अपराध है।
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महिलाओं को साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्राइवेसी के प्रति जागरूक होना चाहिए।
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समाज को नैतिक मूल्यों और सोशल मीडिया जिम्मेदारी को बढ़ावा देना होगा।
सोशल मीडिया पर बढ़ती अश्लीलता: एक सामाजिक संकट
वायरल कंटेंट का दुष्प्रभाव
आजकल सोशल मीडिया पर अश्लीलता का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा एक युवा लड़की के साथ अनुचित व्यवहार दिखाया गया। इस तरह के वीडियो न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँचाते हैं, बल्कि समाज में अनैतिकता को भी बढ़ावा देते हैं।
सोशल मीडिया पर अश्लीलता का यह चलन युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रहा है। शोध बताते हैं कि ऐसा कंटेंट देखने वाले युवाओं में हिंसक प्रवृत्ति और अनैतिक व्यवहार बढ़ रहा है।
दुनिया की तबाही होना अब दूर नहीं?
महिलाएं दुनिया की जननी हैं, जो जीवन को जन्म देती हैं और पोषण करती हैं !!
कुछ कलयुगी महिलाएँ दुनिया का नाश करने पर तुली है !!
कुछ भी करने को तैयार है रील के चक्कर में आज कल ये लड़कियां !!🤪 pic.twitter.com/H1YubjipWa
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) May 18, 2025
कानूनी पहलू: क्या कहता है भारतीय कानून?
भारत में सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाना एक गंभीर अपराध है। भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत ऐसी सामग्री बनाने, साझा करने या प्रचारित करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
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आईटी एक्ट, धारा 67: अश्लील सामग्री ऑनलाइन पोस्ट करने पर 5 साल तक की जेल और जुर्माना।
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धारा 67A: यौन उत्तेजक सामग्री के लिए और भी सख्त सजा।
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धारा 354D (IPC): साइबर स्टॉकिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा।
महिलाओं की सुरक्षा: क्या करें?
सोशल मीडिया पर अश्लीलता के खिलाफ महिलाओं को सजग रहना चाहिए। कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:
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प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें – सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट रखें और अनजान लोगों को ब्लॉक करें।
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अनैतिक कंटेंट की रिपोर्ट करें – फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी सामग्री को फ्लैग करें।
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साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं – अगर कोई आपके साथ ऑनलाइन दुर्व्यवहार करता है, तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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डिजिटल लिटरेसी बढ़ाएं – युवाओं को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में शिक्षित करें।
समाज की जिम्मेदारी: नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना
सोशल मीडिया पर अश्लीलता को रोकने के लिए केवल कानून ही काफी नहीं है। समाज को भी जागरूक होना होगा। माता-पिता को बच्चों को नैतिक शिक्षा देनी चाहिए। स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल एथिक्स पर सेमिनार आयोजित किए जाने चाहिए।
एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर
सोशल मीडिया पर अश्लीलता एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जागरूकता और कानूनी कार्रवाई से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। हमें महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देनी होगी। अगर हम सभी मिलकर जिम्मेदारी से सोशल मीडिया का उपयोग करें, तो एक बेहतर और सुरक्षित डिजिटल समाज बनाना संभव है।