मुजफ्फरपुर की दिल दहला देने वाली घटना: माँ ने की अपनी ही बेटी की निर्मम हत्या

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हाइलाइट्स 
– दिल दहला देने वाली घटना ने मुजफ्फरपुर को हिलाकर रख दिया है।
– काजल नाम की महिला ने अपनी 6 साल की बेटी मिस्ती की हत्या कर दी।
– हत्या के बाद लाश को सूटकेस में भरकर फेंक दिया गया।
– काजल का प्रेमी संजीव बच्ची को नहीं अपनाना चाहता था, जिसके चलते यह घिनौना कृत्य हुआ।
– पुलिस ने काजल को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जाँच जारी है।

पृष्ठभूमि: काजल का अतीत और नया जीवन
रेड लाइट एरिया से शादी तक का सफर
काजल मुजफ्फरपुर के एक रेड लाइट एरिया में काम करती थी, जहाँ वह हर रोज़ कई पुरुषों के साथ संबंध बनाती थी। मानोज नाम के एक व्यक्ति को उससे प्यार हो गया और उसने काजल को वेश्यावृत्ति से निकालकर उससे शादी कर ली। शादी के बाद दोनों को एक प्यारी सी बेटी हुई, जिसका नाम मिस्ती रखा गया।

नया प्रेमी और बेटी से दूरी
कुछ साल बाद काजल का संजीव नाम के एक अन्य व्यक्ति से अफेयर शुरू हो गया। वह संजीव से शादी करना चाहती थी, लेकिन संजीव उसकी बेटी मिस्ती को स्वीकार नहीं करना चाहता था। इसी कारण काजल ने अपनी ही बेटी की हत्या करने का निर्णय लिया।

दिल दहला देने वाली घटना: मिस्ती की निर्मम हत्या सूटकेस में लाश को छुपाने की कोशिश

काजल ने अपनी 6 साल की बेटी मिस्ती की हत्या कर दी और उसके शव को एक सूटकेस में भरकर फेंक दिया। इसके बाद वह संजीव के पास भाग गई। हालाँकि, पुलिस को शक हुआ और जब सूटकेस की तलाशी ली गई, तो उसमें मिस्ती का शव मिला।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
मामला सामने आते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और काजल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान काजल ने अपने अपराध को स्वीकार किया और बताया कि वह संजीव के साथ नया जीवन शुरू करना चाहती थी, इसलिए उसने यह कदम उठाया।


समाज और कानून की प्रतिक्रिया लोगों में आक्रोश, महिला आयोग ने उठाए सवाल
इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे मुजफ्फरपुर को झकझोर दिया है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और काजल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। बिहार महिला आयोग ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है और पुलिस से त्वरित न्याय सुनिश्चित करने को कहा है।

कानूनी प्रक्रिया और सजा की माँग
भारतीय कानून के अनुसार, बच्चे की हत्या एक जघन्य अपराध है और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है। काजल पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाना) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

 एक अमानवीय घटना की कहानी
यह दिल दहला देने वाली घटना न सिर्फ़ मुजफ्फरपुर बल्कि पूरे देश के लिए एक सदमे की तरह है। एक माँ द्वारा अपनी ही बेटी की हत्या करना मानवता के लिए कलंक है। समाज और कानून दोनों को ऐसे मामलों पर सख्ती से काम करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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