हाइलाइट्स:
- भारत सरकार ने युद्ध जैसी स्थिति में नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का ऐलान किया है।
- 244 शहरों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का आयोजन किया जाएगा।
- नागरिकों को सुरक्षित रहने के लिए 25 महत्वपूर्ण सुरक्षा टिप्स दिए गए हैं।
- राजस्थान के जयपुर समेत 28 शहरों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट होगा।
- सुरक्षा गाइडलाइन में आत्मरक्षा, मुहल्ला स्तर पर तैयारी, और मानसिक तैयारी पर जोर दिया गया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव और नागरिक सुरक्षा की अहमियत
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के समय में तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। सीमावर्ती इलाकों में सैन्य गतिविधियां बढ़ने के साथ-साथ, दोनों देशों की तरफ से युद्ध जैसी आपात स्थिति के लिए तैयारियां भी तेज हो गई हैं। ऐसे में, भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मॉक ड्रिल (युद्ध अभ्यास) और ब्लैकआउट (बिजली बंद) करने का ऐलान किया है।
देशभर के 244 शहरों में यह मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट किया जाएगा, जिससे नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में सही कदम उठाने की जानकारी मिल सके। खासकर राजस्थान के जयपुर में शाम 4 बजे मॉक ड्रिल और रात 10 बजे ब्लैकआउट होगा। यह कदम नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए उठाए गए हैं।
नागरिकों के लिए सुरक्षा गाइडलाइन
युद्ध के दौरान सुरक्षित रहने के लिए सरकार ने नागरिकों के लिए 25 महत्वपूर्ण सुरक्षा टिप्स जारी किए हैं। इन गाइडलाइनों का पालन करने से नागरिकों को न केवल आपात स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी, बल्कि वे खुद को मानसिक रूप से भी तैयार रख सकेंगे।
I. युद्धकालीन तैयारी
- हवाई हमले का सायरन सुनते ही घबराएं नहीं, तुरंत सुरक्षित आश्रय स्थल पर जाएं।
- अपने घर में कम से कम 7 दिनों का राशन, पीने का पानी और जरूरी दवाएं जमा करें।
- टॉर्च, पावर बैंक, मास्क और प्राथमिक चिकित्सा किट हमेशा तैयार रखें।
- बिजली, गैस और पानी की मुख्य सप्लाई को तुरंत बंद कर दें।
- परिवार के सभी सदस्यों के जरूरी दस्तावेज और ब्लड ग्रुप की जानकारी सुरक्षित रखें।
II. बहुमंजिला इमारतों में सावधानी
- लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, केवल सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।
- खिड़कियों से दूर रहें, धमाकों से शीशे टूटकर खतरनाक हो सकते हैं।
- घर के बाथरूम की मजबूत दीवारों के पास शरण लें। यह अपेक्षाकृत सुरक्षित जगह होती है।
- अपनी इमारत के हर मंजिल पर निकासी (इमरजेंसी एग्जिट) मार्गों को पहचानकर रखें।
- बच्चों के लिए एक अलग सुरक्षा बैग तैयार रखें जिसमें उनकी जरूरत की चीजें हों।
III. मुहल्ला/सोसाइटी स्तर पर तैयारी
- अपनी कॉलोनी या सोसाइटी के हर गेट पर सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगवाएं।
- नियमित रूप से साप्ताहिक मॉक ड्रिल और सुरक्षा संबंधी बैठकों का आयोजन करें।
- महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा के बुनियादी प्रशिक्षण दिलाएं।
- अपने पड़ोस में ‘नेबरहुड वॉच’ ग्रुप बनाएं ताकि आपस में संपर्क बना रहे।
- व्हाट्सएप या टेलीग्राम पर एक अलर्ट ग्रुप बनाएं और किसी भी तरह की गलत सूचना फैलाने से बचें।
IV. सायरन या धमाके के बाद
- ‘ड्रॉप, कवर, होल्ड’ की मुद्रा अपनाएं – जमीन पर लेट जाएं और अपने सिर और गर्दन को हाथों से ढक लें।
- घायल होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार करें या दूसरों से मदद लें।
- किसी भी संदिग्ध वस्तु को बिल्कुल न छुएं और तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें।
- रेडियो या सरकार की आधिकारिक चेतावनी के बिना घर से बाहर न निकलें।
- अपने पालतू जानवरों के लिए रस्सी, खाने और पानी का इंतजाम रखें।
V. मानसिक और सामाजिक तैयारी
- घर के बुजुर्गों और बच्चों को मानसिक रूप से शांत रखें और उन्हें ढांढस बंधाएं।
- अपनी सुरक्षा का संदेश ‘मैं सुरक्षित हूं’ SMS या व्हाट्सएप के जरिए भेजें।
- हमेशा सकारात्मक सोच बनाए रखें और धैर्य व संयम से काम लें।
- सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की फर्जी या बिना पुष्टि वाली सूचनाएं बिल्कुल न फैलाएं।
- एकजुट रहें – इस मुश्किल घड़ी में जाति और धर्म का भेद भूलकर देशहित में एक-दूसरे का सहयोग करें।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का महत्व
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की गतिविधियों से नागरिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि युद्ध जैसी परिस्थितियों में उन्हें किस प्रकार की तैयारियों की आवश्यकता होगी। यह अभ्यास नागरिकों को तनावपूर्ण परिस्थितियों में ठंडे दिमाग से निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदान करेगा। इसके साथ ही, यह कार्यक्रम लोगों में जागरूकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।
इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए सरकार ने नागरिकों से मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। इसके अलावा, लोगों से यह भी कहा गया है कि वे इन सुरक्षा टिप्स को ध्यान में रखें और अपने परिवार को भी इन नियमों के बारे में बताएं।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सरकार की यह पहल नागरिकों को सुरक्षित रखने और उन्हें आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट से नागरिकों को युद्ध जैसी स्थितियों के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाएगा। इस दौरान, नागरिकों को संयम बनाए रखते हुए सुरक्षित रहने की महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है, जिससे वे किसी भी स्थिति में सुरक्षित रह सकें।