हाइलाइट्स
- फतेहगढ़ के युवक ने हिंदू युवती को प्रेम में फंसा कर किया Forced Nikah
- क़ायमगंज की युवती को मस्जिद में मौलवी की मदद से कराया गया निकाह
- युवक का चाचा भी इस साजिश में शामिल, पुलिस कर रही है जांच
- निकाह के बाद आरोपी लड़की को लेकर हुआ फरार, पीड़िता की मां ने दर्ज कराई FIR
- परिजन बोले—”धोखे से धर्म बदलवाकर किया गया ये निकाह नाजायज़ है”
मामला कहां का है?
यह घटना उत्तर प्रदेश के फ़र्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ थाना क्षेत्र की है, जहां एक मुस्लिम युवक ने एक हिंदू युवती से धोखे से प्रेम संबंध बनाए और फिर उसे Forced Nikah के जाल में फंसा दिया। मामला सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। पीड़िता की मां ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने युवक, उसके चाचा और मस्जिद के मौलवी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
Forced Nikah का जाल: प्रेम के नाम पर धर्मांतरण
युवती को पहले प्यार में फंसाया गया
कायमगंज की रहने वाली एक 19 वर्षीय हिंदू लड़की, जो कि स्नातक की पढ़ाई कर रही थी, को फतेहगढ़ के शहबाज नामक युवक ने सोशल मीडिया के जरिए संपर्क कर प्रेमजाल में फंसा लिया। शहबाज ने खुद को ‘शिवम’ नाम बताकर दोस्ती की शुरुआत की और धीरे-धीरे लड़की का भरोसा जीत लिया।
मस्जिद में हुआ निकाह, मौलवी की भूमिका संदिग्ध
शिकायत में कहा गया है कि युवती को एक दिन शहबाज अपने चाचा के साथ बहला-फुसलाकर फतेहगढ़ ले गया, जहां उसे एक स्थानीय मस्जिद में ले जाया गया। वहां मौलवी की मौजूदगी में जबरन उसका निकाह कराया गया। Forced Nikah की यह घटना पूरी तरह योजना के तहत की गई प्रतीत होती है।
मौलवी और चाचा भी साजिश में शामिल
एफआईआर की प्रमुख धाराएं
युवती की मां ने थाने में दी गई शिकायत में IPC की धारा 366 (अगवा कर विवाह करना), 370 (मानव तस्करी), 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना), और 120B (षड्यंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। Forced Nikah की इस घटना में मौलवी और शहबाज का चाचा मुख्य अभियुक्त के रूप में नामित किए गए हैं।
A Muslim youth from Fatehgarh deceived a Hindu girl from Kayamganj and done a nikah with her in a mosque with the help of a maulvi and his uncle, and later fled with her. pic.twitter.com/FkRATxIzdh
— Treeni (@TheTreeni) July 14, 2025
पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मस्जिद का मौलवी पहले भी इस तरह के मामलों में संदिग्ध रहा है। जांच अधिकारी ने बताया कि Forced Nikah को अंजाम देने से पहले युवती से उसका धर्म भी बदलवाया गया, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है।
युवती का बयान: “मुझे नहीं पता था कि निकाह का मतलब क्या होता है”
मीडिया से बातचीत में रोते हुए बताया सच
निकाह के बाद किसी तरह पीड़िता अपने घर वापस लौटी। उसने मीडिया से कहा, “मुझे बताया गया कि एक छोटा सा ‘रीति-रिवाज’ होगा, बस कुछ नाम दोहराने होंगे। मुझे ये नहीं बताया गया कि ये Forced Nikah है। मैंने कभी इस्लाम कबूल नहीं किया था। मुझे धोखे में रखा गया।”
समाज और कानून की चिंता: बढ़ते Forced Nikah के मामले
उत्तर भारत में बढ़ रहे हैं ऐसे मामले
बीते कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में Forced Nikah के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। कई बार ये घटनाएं “लव जिहाद” जैसे विवादित विमर्श का हिस्सा भी बन जाती हैं। इस घटना ने एक बार फिर Forced Nikah पर कठोर कानून की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस अधीक्षक का बयान
फ़र्रुखाबाद के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। हम मामले की तह तक जाकर जांच कर रहे हैं। मौलवी और चाचा की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।” Forced Nikah में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
मौलवियों की भूमिका पर सवाल
धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग?
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या धार्मिक स्थलों को ऐसी जबरन शादियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है? मस्जिद में बिना किसी आधिकारिक जांच के Forced Nikah कराना धार्मिक नियमों की अवहेलना ही नहीं, बल्कि देश के संविधान के खिलाफ भी है।
कानून क्या कहता है?
धर्मांतरण और जबरन निकाह पर कानून
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021 में ‘गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम’ पारित किया था, जिसके तहत किसी को धोखे से या जबरन धर्म परिवर्तन कराकर शादी करना अपराध है। Forced Nikah जैसे मामलों में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।
समाजशास्त्रियों की राय
क्या यह सामाजिक विश्वास का संकट है?
समाजशास्त्री मानते हैं कि ऐसे Forced Nikah की घटनाएं केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं हैं, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और वैचारिक समस्या है, जिसे शिक्षा, जागरूकता और सख्त कानूनों से ही नियंत्रित किया जा सकता है।
Forced Nikah का यह मामला समाज में छिपे उस अंधेरे को उजागर करता है, जहां प्रेम और भरोसे को हथियार बनाकर किसी की ज़िंदगी बर्बाद की जाती है। फतेहगढ़ की यह घटना केवल एक उदाहरण नहीं, बल्कि चेतावनी है—सतर्क रहिए, जागरूक बनिए और ऐसे किसी भी प्रयास की सूचना तुरंत प्रशासन को दीजिए।