हाइलाइट्स
- CCTV footage में दिनदहाड़े एक महिला से छेड़खानी करता दिखा एक बुजुर्ग व्यक्ति
- वारदात के बाद भीड़ ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया
- पुलिस ने CCTV footage के आधार पर दर्ज किया मामला, आरोपी को भेजा गया जेल
- महिला ने पुलिस को दी पूरी जानकारी, CCTV फुटेज बना सबूत
- पुलिस कमिश्नर बोले – ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई ही समाधान
घटना का विवरण: दिनदहाड़े हुई छेड़खानी
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में उस वक्त हड़कंप मच गया जब CCTV footage में एक बुजुर्ग व्यक्ति को एक महिला से छेड़छाड़ करते हुए देखा गया। यह वारदात शहर के व्यस्ततम बाज़ार क्षेत्र में दिन के उजाले में हुई, जब पीड़िता किराने की दुकान पर खरीदारी कर रही थी।
कैसे सामने आया मामला?
पीड़िता ने जब अपनी आपबीती दुकान मालिक को बताई, तो तुरंत दुकान के बाहर लगे CCTV footage को खंगाला गया। वीडियो में साफ दिखाई दिया कि एक लगभग 60 वर्षीय व्यक्ति, सफेद कुरता-पायजामा और टोपी पहने, महिला के बेहद करीब आकर अनुचित हरकत कर रहा है।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और कुछ ही घंटों में पुलिस भी हरकत में आ गई। CCTV footage को प्राथमिक सबूत मानते हुए आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया।
पुलिस की तत्परता और कार्रवाई
स्थानीय थाने के एसएचओ ने मीडिया को बताया कि, “CCTV footage हमारे लिए प्राथमिक सबूत रहा। महिला की शिकायत और वीडियो के आधार पर हमने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया और उसे तुरंत गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है।”
पुलिस ने बताया कि आरोपी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि पहले भी ऐसे व्यवहार की शिकायतें आ चुकी थीं, लेकिन कभी वीडियो सबूत नहीं मिला था।
🚨 शर्म की हद पार…
एक मुसलमान बूढ़ा आदमी दिनदहाड़े औरत से छेड़खानी करता पकड़ा गया जो CCTV कैमरे में सब रिकॉर्ड हो गया था…
ना उम्र की शर्म रही ना इंसानियत की लाज आज के मुसलमानों में…
अब पुलिस ने पकड़ के हवालात भेज दिया ऐसे जानवरों पर रहम नहीं होनी चाहिए..
इन्हें टोपी या… pic.twitter.com/FivFRQbAcJ
— Sudhanshu 🇮🇳 (@Sudhanshuz) June 30, 2025
लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है। बाजार समिति के अध्यक्ष ने कहा, “यह घटना इस बात का उदाहरण है कि CCTV footage किस तरह एक हथियार बन चुका है। यदि यह फुटेज ना होता, तो शायद यह मामला दबा दिया जाता।”
महिला संगठनों ने भी आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की है और प्रशासन से कहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों पर CCTV footage की व्यवस्था होनी चाहिए।
धर्म को न जोड़ें अपराध से
हालांकि आरोपी की पहचान एक धार्मिक पहचान से जोड़ने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि अपराधी की पहचान उसके कर्मों से होनी चाहिए, न कि धर्म, जाति या पहनावे से।
अपराध कोई भी करे, उसे कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए। इसीलिए, मीडिया और समाज को चाहिए कि ऐसे संवेदनशील मामलों में निष्पक्षता बनाए रखें और अपराध को अपराध की तरह ही देखें।
CCTV footage की अहमियत
आज के समय में CCTV footage कानून व्यवस्था का एक मजबूत आधार बन चुका है। यह न केवल अपराधियों को पकड़ने में सहायक है, बल्कि न्यायालय में भी अहम साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इस केस में भी, अगर CCTV footage नहीं होता, तो आरोपी आसानी से बच सकता था।
क्या ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं?
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में वर्ष दर वर्ष वृद्धि हो रही है। ऐसे में CCTV footage जैसी तकनीकें पुलिस के लिए बड़ी मदद साबित हो रही हैं।
समाज की भूमिका और समाधान
सिर्फ पुलिस या कानून से अपराध नहीं रुकते, समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। जब हम किसी महिला को असहज स्थिति में देखें, तो हमें चुप नहीं रहना चाहिए। CCTV footage एक तकनीकी मदद है, लेकिन नैतिक चेतना और सामूहिक जिम्मेदारी भी जरूरी है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि CCTV footage आधुनिक समय का निगरानी प्रहरी है। अपराधी कितना भी चालाक हो, कैमरे की आंख से नहीं बच सकता। साथ ही यह भी समझना जरूरी है कि किसी भी अपराध को धर्म या पहनावे से जोड़ना समाज को बांटने जैसा है।
हर पीड़िता को न्याय मिले, और हर अपराधी को कानून के तहत सजा – यही एक सभ्य समाज की निशानी है।