Electric Cooler Accident

गर्मी से राहत पाने का इंतज़ाम बना जानलेवा जाल: तेलंगाना में मां-बेटी की रहस्यमयी मौत ने उड़ा दिए होश

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हाइलाइट्स

  • Electric Cooler Accident के कारण तेलंगाना में मां-बेटी की करंट लगने से दर्दनाक मौत
  • जुक्कल मंडल के गुल्ला थांडा गांव में हुआ हादसा, घर में लगे कूलर से हुआ करंट
  • मां शंकाबाई और बेटी श्रीवाणी की मौके पर ही मौत, बेटा बच गया
  • हादसे के समय पिता हैदराबाद में थे, बेटा सुबह उठने पर बना हादसे का चश्मदीद
  • स्थानीय स्तर पर बना लोहे का कूलर बना Electric Cooler Accident की वजह

तेलंगाना के कामारेड्डी जिले के जुक्कल मंडल के गुल्ला थांडा गांव में एक Electric Cooler Accident ने दो मासूम जिंदगियों को लील लिया। यह हादसा उस समय हुआ जब घर में लगे लोहे के कूलर में करंट आ गया और गर्मी से राहत पाने की कोशिश कर रहीं मां और बेटी की जान चली गई।

36 वर्षीय शंकाबाई और 12 साल की बेटी श्रीवाणी की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है। यह दुखद Electric Cooler Accident कई सवाल खड़े कर गया है – क्या घरेलू इलेक्ट्रिक उपकरणों की गुणवत्ता की कोई निगरानी है? क्या हम सस्ते विकल्पों के लिए अपनी और अपनों की जान को खतरे में डाल रहे हैं?

क्या हुआ उस रात: Electric Cooler Accident की दिल दहला देने वाली कहानी

घटना 8 मई की रात की है। घर के मुखिया प्रहलाद काम से हैदराबाद गए हुए थे। घर पर उनकी पत्नी शंकाबाई, बेटी श्रीवाणी और 16 वर्षीय बेटा मौजूद थे। रात में तापमान काफी बढ़ गया था, इसलिए शंकाबाई ने बच्चों के लिए कूलर चालू किया।

कुछ ही देर में बेटी श्रीवाणी का पैर गलती से कूलर से छू गया, जिसमें पहले से ही करंट था। झटका इतना तेज़ था कि श्रीवाणी ने डर के मारे अपनी मां को कसकर पकड़ लिया। नींद में सोई मां भी इस करंट की चपेट में आ गई और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

यह Electric Cooler Accident इतना भयानक था कि श्रीवाणी के पैर की उंगलियां तक जल गईं।

बेटा बना हादसे का चश्मदीद

घर का 16 वर्षीय बेटा जो थोड़ी दूरी पर सो रहा था, सुबह उठा तो उसने देखा कि मां और बहन अचेत पड़ी हैं। जब तक आसपास के लोग पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई, तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।

पुलिस ने मौके पर पहुंच कर Electric Cooler Accident का मामला दर्ज किया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इस हादसे ने पूरे गांव को हिला दिया।

स्थानीय स्तर पर बना कूलर बना Electric Cooler Accident की वजह

पड़ोसियों ने बताया कि जिस कूलर से यह Electric Cooler Accident हुआ, वह एक स्थानीय कारीगर द्वारा बनाया गया लोहे का कूलर था। उसमें कोई ग्राउंडिंग या सुरक्षा सुविधा नहीं थी। न ही किसी प्रकार का ISI या BIS प्रमाणन था।

यह खुलासा बेहद चौंकाने वाला है कि गांवों में अभी भी बड़ी संख्या में लोग स्थानीय और असुरक्षित इलेक्ट्रिक उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं, जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।

Electric Cooler Accident जैसी घटनाओं से बचाव कैसे करें?

 सुरक्षा युक्त उपकरणों का प्रयोग करें

सुनिश्चित करें कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ISI मार्क वाला हो और उसे किसी प्रमाणित ब्रांड से ही खरीदें।

 नियमित जांच करवाएं

प्रत्येक गर्मी के मौसम से पहले कूलर, पंखे, और अन्य उपकरणों की वायरिंग और बॉडी की जांच करवाएं।

 अर्थिंग सिस्टम लगवाएं

घर की बिजली प्रणाली में अर्थिंग का होना अनिवार्य है। यह Electric Cooler Accident जैसे हादसों को रोक सकता है।

 लोहे या धातु से बने कूलर से बचें

धातु के बने उपकरणों में करंट फैलने की संभावना अधिक होती है। प्लास्टिक बॉडी वाले उपकरण ज़्यादा सुरक्षित माने जाते हैं।

गांव में मातम, सरकार से मांग: हो Electric Cooler Accident पर सख्त कार्रवाई

गुल्ला थांडा गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे Electric Cooler Accident की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त नियम बनाए जाएं और स्थानीय स्तर पर असुरक्षित इलेक्ट्रिक उत्पादों के निर्माण पर रोक लगे।

इसके साथ ही, सरकार से मृतक परिवार को आर्थिक सहायता की मांग भी की जा रही है।

Electric Cooler Accident सिर्फ एक हादसा नहीं, चेतावनी है

यह घटना सिर्फ एक Electric Cooler Accident नहीं, बल्कि हर घर के लिए एक चेतावनी है। गर्मी से राहत के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण अगर सही तरीके से जांचे नहीं जाएं, तो वे जानलेवा बन सकते हैं।

सरकार, उपभोक्ता और निर्माता – सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सुरक्षित उत्पादों का निर्माण और उपयोग करें। वरना एक और Electric Cooler Accident किसी और के जीवन को छीन सकता है।

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