Fake Video

क्या राहुल गांधी ने वाकई सेनेटरी पैड पर छपवाई अपनी तस्वीर? वायरल फेक वीडियो ने मचाया बवाल, पीछे है BJP की साजिश?

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हाइलाइट्स

  • Fake Video का इस्तेमाल कर महिलाओं की सेहत से जुड़ी पहल को बदनाम करने की साजिश
  • राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए सेनेटरी पैड पर फोटो लगाने का वायरल फेक वीडियो
  • BJP के सोशल मीडिया नेटवर्क पर फैलाई जा रही घृणा और नफ़रत की राजनीति
  • महिलाओं के मासिक धर्म स्वच्छता अभियान को बदनाम करने की शर्मनाक कोशिश
  • कांग्रेस का पलटवार: BJP और उसके ट्रोल आर्मी के खिलाफ होगी क़ानूनी कार्रवाई

BJP समर्थकों का शर्मनाक फेक वीडियो: एक सोची-समझी साजिश

हाल ही में एक Fake Video सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी की तस्वीर सेनेटरी पैड पर छापी गई है। वीडियो के वायरल होते ही भाजपा समर्थकों और ट्रोल आर्मी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अभद्र टिप्पणियों की बौछार कर दी।

यह वीडियो न केवल पूरी तरह फेक है, बल्कि इससे यह भी साफ़ हो गया कि महिलाओं की गरिमा और स्वच्छता को लेकर BJP का असली चेहरा क्या है।

Fake Video की सच्चाई: तकनीक से गढ़ा गया भ्रम

वीडियो की गहन तकनीकी जांच से स्पष्ट हुआ है कि यह Fake Video एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है। राहुल गांधी की असली तस्वीर को डिजिटल रूप से मॉर्फ कर सेनेटरी पैड के पैकेट पर लगाया गया है, जिससे यह प्रतीत हो कि कांग्रेस नेता महिलाओं को सेनेटरी पैड बाँटते समय अपनी तस्वीर छपवा रहे हैं।

यह स्पष्ट रूप से दुष्प्रचार है और चुनावी फायदे के लिए फैलाया गया Fake Video

 महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़: किस दिशा में जा रही है राजनीति?

भारत में आज भी लगभग 23% किशोरियाँ मासिक धर्म के दौरान स्वच्छ साधनों की अनुपलब्धता के कारण स्कूल छोड़ देती हैं। ऐसे में सेनेटरी पैड का वितरण एक स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ा मुद्दा है। मगर इस गंभीर सामाजिक विषय को भी BJP समर्थक Fake Video बनाकर मजाक और घृणा का ज़रिया बना रहे हैं।

 क्या मोदी सरकार भूल गई कि उन्होंने भी बांटे थे सेनेटरी पैड?

यह जानकर हैरानी होती है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में भी महिलाओं को सेनेटरी पैड बाँटते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें पैकेट्स पर छपी थीं। उस वक़्त BJP समर्थकों ने इसे “महिला सशक्तिकरण” कहा था। अब वही कार्य अगर कांग्रेस करे, तो वह इनके लिए देशद्रोह कैसे हो जाता है?

 कांग्रेस का तीखा पलटवार: क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी

कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट शब्दों में इस Fake Video को घृणित मानसिकता का परिणाम बताया है। राहुल गांधी के मीडिया सलाहकारों ने कहा है कि यह वीडियो पूर्ण रूप से झूठा और मॉर्फ्ड है, और इसके खिलाफ साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

कांग्रेस प्रवक्ताओं की प्रतिक्रिया:

  • “यह सिर्फ राहुल गांधी को बदनाम करने की कोशिश नहीं है, बल्कि महिलाओं की गरिमा को अपमानित करने का शर्मनाक प्रयास है।”
  • “हम इस वीडियो के प्रसार में शामिल हर व्यक्ति पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे।”

 फेक न्यूज़ का नया एजेंडा: महिलाओं को लक्षित करना

भारतीय राजनीति में Fake Video और झूठे नैरेटिव कोई नई बात नहीं हैं। मगर जब यह महिलाओं के मासिक धर्म जैसे संवेदनशील विषयों को निशाना बनाए, तब यह सवाल उठाता है कि क्या राजनीति में अब “असभ्यता की सारी हदें पार” हो चुकी हैं?

मासिक धर्म से जुड़ी कुछ अहम बातें:

  • भारत में हर साल लाखों महिलाएं संक्रमण का शिकार होती हैं, क्योंकि उन्हें सेनेटरी पैड नहीं मिलते।
  • सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा sanitary napkin distribution एक जनस्वास्थ्य अभियान है, न कि कोई राजनीतिक स्टंट।
  • इस अभियान पर Fake Video बनाकर मज़ाक उड़ाना न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंडे की भी अवहेलना है।

 भाजपा की दोहरी नीति: “अपने लिए गौरव, दूसरों के लिए अपमान”

जब मोदी सरकार ने Ujjwala Yojana के तहत LPG सिलेंडर बांटे और पैकेट्स पर प्रधानमंत्री की तस्वीरें छपीं, तब इसे “ब्रांडिंग” कहा गया। अब जब कांग्रेस महिलाओं की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पैड बाँट रही है (भले ही वह वीडियो फर्जी ही क्यों न हो), तो यह घृणा का कारण बन गया?

 सोशल मीडिया यूजर्स का गुस्सा

लाखों सोशल मीडिया यूजर्स ने इस Fake Video के खिलाफ आवाज़ उठाई है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #FakeVideoPolitics, #RespectWomen और #RIPBJPMorality जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

महिलाओं के स्वास्थ्य पर राजनीति बंद होनी चाहिए

देश के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान की रक्षा करना जरूरी है। ऐसे में Fake Video फैलाकर उनके अधिकारों पर हमला करना न केवल निंदनीय है, बल्कि कानूनन अपराध भी है।

इस पूरे मामले ने यह दिखा दिया है कि राजनीति में जीत के लिए कुछ लोग किस हद तक गिर सकते हैं। देश को अब तय करना होगा कि वह महिलाओं के सम्मान के साथ खड़ा होगा या Fake Video फैलाने वालों की झूठी राजनीति के साथ।

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