हाइलाइट्स
- Heavy Water Reactor पर इजरायल ने ईरान के अराक शहर में एयरस्ट्राइक कर दिया, जिससे परमाणु खतरा और बढ़ गया है।
- ईरान में अब तक 639 लोगों की मौत और 1329 लोग घायल हो चुके हैं, जबकि इजरायल में 24 की मौत हुई।
- अराक और खोंडब दोनों शहरों को पहले ही खाली करने की चेतावनी दी गई थी।
- IR-40 Heavy Water Reactor, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का अहम हिस्सा, अब खतरे में है।
- दुनिया भर की बड़ी शक्तियां अब इस युद्ध को रोकने के लिए राजनयिक हस्तक्षेप पर जोर दे रही हैं।
इजरायल-ईरान संघर्ष में नया मोड़: Heavy Water Reactor बना युद्ध का केंद्र
पश्चिम एशिया में जारी इजरायल और ईरान के बीच का संघर्ष अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। बीते एक हफ्ते से चल रहे इस टकराव ने सोमवार रात उस समय भयानक रूप ले लिया जब इजरायल ने ईरान के Heavy Water Reactor पर सीधा हमला कर दिया। यह हमला ईरान के अराक शहर में स्थित IR-40 पर हुआ, जो देश के परमाणु कार्यक्रम की रीढ़ माना जाता है।
क्या होता है Heavy Water Reactor?
परमाणु ऊर्जा और युद्ध नीति का केंद्र
Heavy Water Reactor एक विशेष प्रकार का न्यूक्लियर रिएक्टर होता है, जो न्यूट्रॉन मॉडरेटर के रूप में ‘ड्यूटेरियम ऑक्साइड’ यानी भारी जल का उपयोग करता है। यह रिएक्टर प्राकृतिक यूरेनियम के साथ काम करने में सक्षम होता है और इसमें सामान्य जल के मुकाबले ज्यादा न्यूट्रॉन मॉडरेशन क्षमता होती है। ईरान के अराक में स्थित यह IR-40 Heavy Water Reactor खासतौर पर प्लूटोनियम उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया है।
ड्यूटेरियम से भरपूर होता है भारी जल
Heavy Water Reactor में इस्तेमाल होने वाला भारी जल सामान्य पानी से भारी होता है क्योंकि इसमें हाइड्रोजन की जगह ड्यूटेरियम (Hydrogen का भारी आइसोटोप) होता है। यही इसकी क्रियाशीलता और खतरनाक क्षमता को बढ़ाता है। ऐसे रिएक्टरों में प्लूटोनियम उत्पन्न करने की संभावना भी ज्यादा होती है, जिसका उपयोग परमाणु हथियार बनाने में किया जा सकता है।
अराक पर हमले के बाद मची तबाही
लाशों के ढेर और जलते हुए भवन
इजरायली एयरफोर्स द्वारा किए गए इस हमले में अराक में भारी तबाही हुई है। हालांकि ईरानी प्रशासन ने अब तक आधिकारिक तौर पर नुकसान का पूरा ब्यौरा नहीं दिया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 639 लोगों की मौत और 1329 लोग घायल हो चुके हैं। कई परमाणु वैज्ञानिकों के भी हताहत होने की आशंका जताई जा रही है।
हमले से पहले जारी की गई थी चेतावनी
इजरायल ने हमले से कुछ समय पहले अराक और खोंडब शहर के निवासियों को इलाके को खाली करने की चेतावनी दी थी। लेकिन सीमित समय और खराब व्यवस्थाओं के कारण ज्यादातर लोग शहर नहीं छोड़ सके और हमले का शिकार बन गए।
खोंडब: अगला निशाना?
IR-40 Heavy Water Reactor पर दोहरा खतरा
अराक से 40 किलोमीटर दूर स्थित खोंडब शहर में भी एक Heavy Water Reactor मौजूद है। यह भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। इजरायल ने खोंडब को भी खाली करने की चेतावनी दी है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि अगला हमला यहां हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह हमला ईरान के परमाणु आधारभूत ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अमेरिका और रूस के सुरों में अंतर
इजरायल द्वारा ईरान के Heavy Water Reactor पर हमले को लेकर अमेरिका ने इजरायल का समर्थन किया है, वहीं रूस ने इस हमले की तीव्र निंदा करते हुए इसे “परमाणु युद्ध भड़काने वाली कार्रवाई” करार दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाई गई है, जिसमें चीन, फ्रांस, ब्रिटेन समेत अन्य देशों ने चिंता जताई है।
परमाणु अप्रसार संधि पर फिर छिड़ी बहस
ईरान का कहना है कि उसका Heavy Water Reactor पूर्णतः शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए था और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से प्रमाणित था। वहीं इजरायल का दावा है कि ईरान इस तकनीक का इस्तेमाल छिपे तौर पर हथियार उत्पादन के लिए कर रहा था।
क्या यह परमाणु युद्ध की शुरुआत है?
हालात खतरनाक मोड़ पर
इजरायल और ईरान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव ने अब सीधा सैन्य रूप ले लिया है। Heavy Water Reactor जैसे परमाणु केंद्रों पर हमला किसी भी समय युद्ध को ऐसे मोड़ पर ले जा सकता है जहां से वापसी मुश्किल हो। पश्चिम एशिया में इस समय हालात बेहद गंभीर हैं और वैश्विक ताकतों को त्वरित राजनयिक हस्तक्षेप की जरूरत है।
इजरायल द्वारा ईरान के अराक स्थित Heavy Water Reactor पर किया गया हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरे की घंटी है। यह हमला न केवल परमाणु प्रसार की चिंताओं को बढ़ाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है। इस स्थिति में सबसे बड़ी आवश्यकता है वैश्विक स्तर पर संयम और वार्ता की, ताकि एक और विश्व युद्ध की संभावना को रोका जा सके।