हाइलाइट्स
- योग से Thyroid की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
- थायरॉइड अब सिर्फ 40 की उम्र के बाद नहीं, बल्कि युवाओं और किशोरों में भी आम हो गया है।
- गले में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि पूरे शरीर की एनर्जी, मूड और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है।
- गलत जीवनशैली और तनाव के कारण Thyroid तेजी से फैल रही है।
- उज्जायी, नाड़ी शोधन, शशकासन जैसे योगाभ्यास Thyroid के लिए बेहद लाभकारी हैं।
थायरॉइड (Thyroid) एक ऐसा रोग है, जो बिना शोर किए धीरे-धीरे शरीर को खा जाता है। इसे ‘साइलेंट किलर’ यूं ही नहीं कहा गया। इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं – थकान, वजन बढ़ना या घटना, मूड स्विंग्स, अनियमित पीरियड्स, और यहां तक कि डिप्रेशन भी। Thyroid ग्रंथि गले में मौजूद होती है और थाइरॉक्सिन हार्मोन का निर्माण करती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और मूड को कंट्रोल करता है।
Thyroid के लिए योग: आयुर्वेद और विज्ञान का मिलन
आज की चिकित्सा विज्ञान भी यह स्वीकार करता है कि नियमित योगाभ्यास से Thyroid जैसी जटिल बीमारी में भी बहुत लाभ मिलता है। खासकर कुछ विशेष प्राणायाम और आसनों से थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित किया जा सकता है जिससे हार्मोनल संतुलन बना रहता है।
कौन-कौन से योगासन और प्राणायाम Thyroid में लाभकारी हैं?
1. उज्जायी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करते समय गले से विशेष ध्वनि उत्पन्न होती है जिससे Thyroid ग्रंथि सक्रिय होती है। रोज़ाना इसे 10 से 20 बार करने से ग्रंथि का ब्लड फ्लो सुधरता है और हार्मोन बैलेंस होता है।
2. नाड़ी शोधन प्राणायाम
एक नाक से सांस लेना और दूसरी से छोड़ना, यह प्रक्रिया मानसिक शांति के साथ-साथ Thyroid की कार्यक्षमता को भी ठीक करती है। यह प्राणायाम तनाव घटाकर ग्रंथि के स्वास्थ्य को सुधारता है।
3. ध्यान योग
श्वास पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘सो-हम’ की ध्वनि का मन में उच्चारण करने से न सिर्फ मानसिक स्थिरता आती है, बल्कि Thyroid के लक्षण भी कम होते हैं।
4. ब्रह्ममुद्रा
गर्दन की हर दिशा में गति देने वाला यह आसन Thyroid ग्रंथि को प्राकृतिक रूप से उत्तेजित करता है। इसे प्रतिदिन 10-10 बार करें।
5. मांजरासन (Cat Pose)
इस आसन में गर्दन और रीढ़ की हड्डी को ऊपर-नीचे किया जाता है जिससे Thyroid ग्रंथि पर हल्का दबाव पड़ता है और वह सक्रिय होती है।
थायरॉइड पर नियंत्रण के लिए प्रभावशाली योगासन
6. उष्ट्रासन (Camel Pose)
यह आसन गर्दन को पीछे की ओर झुकाने में मदद करता है, जिससे Thyroid ग्रंथि को सीधा असर मिलता है। यह हार्मोन को संतुलित करने में सहायक है।
7. शशकासन (Rabbit Pose)
गर्दन को नीचे की ओर मोड़कर किया जाने वाला यह आसन Thyroid ग्रंथि पर रक्त प्रवाह बढ़ाता है।
8. मत्स्यासन (Fish Pose)
यह आसन गले को खुलाव देता है, जिससे Thyroid ग्रंथि पर सकारात्मक असर पड़ता है। नियमित अभ्यास करने से थकावट, वजन असंतुलन जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
9. सर्वांगासन (Shoulder Stand)
यह योगासन थायरॉइड के लिए सबसे प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि यह गले पर सीधा प्रभाव डालता है और ग्रंथि को सक्रिय करता है।
10. भुजंगासन (Cobra Pose)
यह आसन गर्दन को ऊपर उठाकर किया जाता है जिससे Thyroid ग्रंथि उत्तेजित होती है और हार्मोन के स्त्राव में सुधार होता है।
जरूरी चेतावनी: किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही करें अभ्यास
Thyroid के इलाज के लिए योग को जरूर अपनाएं, लेकिन शुरुआत में किसी योग्य योगाचार्य की देखरेख में ही सभी आसनों और प्राणायामों का अभ्यास करें। हर व्यक्ति की शारीरिक क्षमता अलग होती है, इसलिए योग का चयन शरीर और रोग की स्थिति के अनुसार करें।
खानपान में भी रखें विशेष ध्यान
Thyroid रोगी को आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग संतुलित मात्रा में करना चाहिए। इसके अलावा ब्रोकली, गोभी और सोया प्रोडक्ट्स को सीमित मात्रा में लेना चाहिए। अधिक फाइबर, विटामिन बी12 और जिंक युक्त आहार लेना लाभदायक होता है।
Thyroid से लड़ाई में योग है सबसे बड़ा हथियार
दवाओं के अलावा Thyroid से जूझने में योग और ध्यान एक कारगर विकल्प हैं। यह न सिर्फ बीमारी को नियंत्रित करता है बल्कि मानसिक और शारीरिक संतुलन भी प्रदान करता है। यदि आप नियमित रूप से ऊपर बताए गए प्राणायाम और योगासन का अभ्यास करें तो यकीन मानिए Thyroid की जड़ें कमजोर होने लगेंगी।