90% लड़कियों को नहीं पता होती ये जरूरी बात: क्या आप जानती हैं पहली बार पीरियड्स आने की सही उम्र?

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हाइलाइट्स

  • पीरियड्स की सही उम्र जानना हर लड़की और परिवार के लिए जरूरी है, क्योंकि यह महिला स्वास्थ्य से जुड़ा एक अहम पहलू है।
  • पहली बार पीरियड्स आने की सामान्य उम्र 10 से 15 वर्ष के बीच मानी जाती है।
  • समय से पहले या बहुत देर से पीरियड्स शुरू होना हार्मोनल असंतुलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  • जल्दी पीरियड्स आने से मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
  • स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार, संतुलित पोषण और लाइफस्टाइल से पीरियड्स की सही उम्र को प्रभावित किया जा सकता है।

पीरियड्स की सही उम्र: हर लड़की और परिवार को क्यों जानना चाहिए यह तथ्य?

पीरियड्स की सही उम्र सिर्फ एक उम्र नहीं, बल्कि महिला शरीर में होने वाले महत्वपूर्ण हार्मोनल बदलावों का संकेत है। जब कोई लड़की किशोरावस्था में प्रवेश करती है, तो उसके शरीर में कई बदलाव होते हैं – शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल। इस दौरान मासिक धर्म का शुरू होना एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिसे हम “पहला पीरियड” कहते हैं।

पीरियड्स की सही उम्र क्या है?

स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार, पीरियड्स की सही उम्र आमतौर पर 12 से 14 साल के बीच होती है। हालांकि, यह उम्र 10 से 15 साल के दायरे में सामान्य मानी जाती है। अगर किसी लड़की को 10 साल से पहले या 15 साल के बाद पीरियड्स शुरू होते हैं, तो यह एक चिकित्सकीय जांच का विषय हो सकता है।

डॉ. चंचल शर्मा क्या कहती हैं?

आशा आयुर्वेदा की निदेशक और प्रख्यात गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि:

“आजकल बहुत सी लड़कियों को 8-9 साल की उम्र में ही पीरियड्स आने लगे हैं, जो एक चिंता का विषय है। यह असामान्य हार्मोनल एक्टिविटी और वातावरणीय कारकों के कारण हो सकता है।”

जल्दी या देर से पीरियड्स शुरू होना: क्या है इसके संकेत और खतरे?

जल्दी पीरियड्स के लक्षण

  • ब्रेस्ट का असामान्य विकास
  • बार-बार व्हाइट डिस्चार्ज
  • शरीर में बालों की समय से पहले वृद्धि
  • मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन

देर से पीरियड्स के लक्षण

  • 15 साल की उम्र तक कोई शारीरिक बदलाव न दिखना
  • वजन बहुत कम या अत्यधिक होना
  • थायरॉयड या अन्य हार्मोनल समस्याएं
  • कुपोषण या अत्यधिक तनाव

जल्दी पीरियड्स आने के खतरे

  • मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है
  • मेनोपॉज जल्दी आ सकता है
  • हड्डियों की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है
  • दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है
  • मेंटल हेल्थ पर असर (जैसे डिप्रेशन, चिंता)

क्या कारण बनते हैं पीरियड्स की सही उम्र में बदलाव के?

1. जेनेटिक्स (वंशानुगत कारण)

यदि मां को जल्दी या देर से पीरियड्स शुरू हुए थे, तो बेटी में भी यही प्रवृत्ति देखी जा सकती है।

2. पोषण (Nutrition)

संतुलित आहार और उचित पोषण पीरियड्स की सही उम्र बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

3. शारीरिक गतिविधि और वजन

अत्यधिक मोटापा या बहुत कम वजन हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं।

4. तनाव और नींद की कमी

मानसिक तनाव और नींद की कमी भी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करती है।

5. हार्मोनल डिसऑर्डर

थायरॉयड, पीसीओएस जैसी समस्याएं पीरियड्स को प्रभावित कर सकती हैं।

पहली बार पीरियड्स आने के संकेत

शरीर में बदलाव

  • ब्रेस्ट का विकास
  • हिप्स में चौड़ाई आना
  • चेहरे पर मुंहासे

व्यवहार में बदलाव

  • भावनात्मक असंतुलन
  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या उदासी
  • अकेलेपन की भावना

शारीरिक संकेत

  • व्हाइट डिस्चार्ज
  • पेट में हल्का दर्द
  • कमर में थकान जैसा अनुभव

माता-पिता को क्या करना चाहिए?

1. जानकारी देना

बेटियों को समय रहते पीरियड्स की सही उम्र, उनके कारण और प्रभाव के बारे में जानकारी देना चाहिए।

2. संवाद बनाए रखें

खुलकर बात करना ज़रूरी है, ताकि बच्ची को कोई शर्म या डर न लगे।

3. सही उत्पाद चुनें

सैनिटरी नैपकिन, मेंस्ट्रुअल कप जैसी चीजों की जानकारी देना और सही चयन करवाना आवश्यक है।

4. संतुलित भोजन

घर में आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर आहार देना चाहिए।

सामाजिक नजरिया और भ्रांतियां

आज भी कई गांवों और कस्बों में पीरियड्स को लेकर चुप्पी और शर्म का माहौल है। लड़कियों को उनकी पीरियड्स की सही उम्र में जानकारी नहीं दी जाती, जिससे वे डर और भ्रम में जीती हैं। मीडिया, स्कूल और स्वास्थ्य संस्थाओं को मिलकर इस विषय पर खुलकर काम करना चाहिए।

पीरियड्स की सही उम्र न केवल महिला स्वास्थ्य का संकेतक है, बल्कि यह एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दा भी है। सही उम्र में पीरियड्स शुरू होना, संतुलित जीवनशैली, पोषण, और मानसिक स्वास्थ्य से सीधा जुड़ा हुआ है। इसलिए लड़कियों को समय रहते इस बदलाव के लिए तैयार करना, उन्हें शिक्षा देना और परिवार को जागरूक बनाना बेहद आवश्यक है।

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