क्या आपकी रोज़ की दवाएं धीरे-धीरे बना रही हैं शरीर को बीमार? चौंकाने वाला खुलासा

Health

हाइलाइट्स

  • दवाओं के साइड इफेक्ट्स: लंबे समय तक दवाओं का सेवन शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी पैदा कर सकता है।
  • एस्पिरिन, पैरासिटामोल, एंटासिड और एंटीबायोटिक्स जैसी आम दवाएं पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करती हैं।
  • डायटिशियन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर ही दवाओं का सेवन करना चाहिए और साथ ही पोषण की भरपाई पर ध्यान देना चाहिए।
  • स्टैटिन्स, स्टेरॉयड्स और बर्थ कंट्रोल पिल्स भी शरीर की न्यूट्रिशनल हेल्थ पर असर डालती हैं।
  • ब्लड टेस्ट और सही डाइट से इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स को काफी हद तक रोका जा सकता है।

आज की तेज़-रफ्तार जिंदगी में छोटी-छोटी समस्याओं जैसे सिरदर्द, हल्का बुखार, एसिडिटी या पेट दर्द के लिए लोग तुरंत दवाओं का सहारा लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत धीरे-धीरे दवाओं के साइड इफेक्ट्स को जन्म देती है और शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी ला सकती है।

डायटिशियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, लगातार और बिना जरूरत के दवाओं का सेवन करने से शरीर विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य जरूरी पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता। यही कारण है कि लंबे समय तक दवा लेने वालों को कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

दवाओं के साइड इफेक्ट्स: कौन-सी दवा क्या असर डालती है?

एस्पिरिन और इसके प्रभाव

  • असर: विटामिन C का अवशोषण घटाता है और आंतों की परत को कमजोर करता है।
  • जोखिम: ASPREE ट्रायल के अनुसार, दवाओं के साइड इफेक्ट्स में एस्पिरिन से एनीमिया का खतरा 20% तक बढ़ सकता है।

पैरासिटामोल (Acetaminophen)

  • असर: शरीर में एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन की मात्रा घटाता है।
  • जोखिम: लिवर फंक्शन पर असर, जिससे डायबिटीज, कैंसर और इंफेक्शन का खतरा।

बर्थ कंट्रोल पिल्स

  • असर: फोलिक एसिड, विटामिन B2, B6, B12, C, E और जिंक की कमी।
  • जोखिम: लंबे समय तक सेवन से थकान, कमजोर इम्यूनिटी और प्रजनन स्वास्थ्य पर असर।
  • WHO के अनुसार, इनसे होने वाले दवाओं के साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए पोषण सप्लीमेंट्स जरूरी हैं।

मेटफॉर्मिन (Metformin)

  • असर: विटामिन B12 के अवशोषण में बाधा।
  • जोखिम: नर्व डैमेज, हाथ-पैरों में झनझनाहट और कमजोरी।

एंटासिड्स

  • असर: पेट में एसिड का उत्पादन घटाते हैं, जिससे विटामिन B12 रिलीज नहीं हो पाता।
  • जोखिम: कैल्शियम और जिंक की कमी; हड्डियों की कमजोरी और थकान।

स्टैटिन्स (Cholesterol-Lowering Drugs)

  • असर: CoQ10 एंजाइम को कम करते हैं।
  • जोखिम: मांसपेशियों में दर्द, थकावट और दिल की सेहत पर असर।

एंटीबायोटिक्स

  • असर: शरीर के अच्छे बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
  • जोखिम: पाचन तंत्र पर असर, कमजोर इम्यूनिटी और मोटापा।
  • यह भी माना जाता है कि लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स के सेवन से दवाओं के साइड इफेक्ट्स और बढ़ जाते हैं।

स्टेरॉयड्स

  • असर: कैल्शियम, विटामिन D और मैग्नीशियम को कम करते हैं।
  • जोखिम: हड्डियां कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस) और मांसपेशियों में ऐंठन।

दवाओं के साइड इफेक्ट्स: छिपे संकेत जिन पर ध्यान दें

लंबे समय तक दवा लेने वालों में पोषण की कमी के ये लक्षण आमतौर पर दिखाई देते हैं:

  • लगातार थकान महसूस होना
  • डिप्रेशन या चिड़चिड़ापन
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • बाल झड़ना या त्वचा का रूखापन
  • पाचन संबंधी दिक्कतें
  • जल्दी बीमार पड़ना

इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ये संकेत देते हैं कि दवाओं के साइड इफेक्ट्स आपके शरीर को धीरे-धीरे प्रभावित कर रहे हैं।

समाधान: दवाओं के साइड इफेक्ट्स से कैसे बचें?

1. डॉक्टर से परामर्श लें

बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का लंबे समय तक सेवन न करें।

2. न्यूट्रिएंट बैलेंस पर ध्यान दें

यदि आपको किसी दवा का लंबे समय तक सेवन करना पड़ रहा है, तो उसके साथ जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स लेना जरूरी है।

3. नियमित ब्लड टेस्ट

नियमित जांच से पता चलता है कि आपके शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी तो नहीं हो रही।

4. सही खानपान

हरी सब्जियां, दालें, फल, बीज, नट्स और प्रोबायोटिक युक्त आहार शामिल करें।

5. सप्लीमेंट्स का सेवन

डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह से मल्टीविटामिन और मिनरल्स सप्लीमेंट्स लें।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में दवाओं का सेवन आम हो गया है, लेकिन इनके साथ जुड़ी सबसे बड़ी चुनौती दवाओं के साइड इफेक्ट्स हैं। यह न केवल शरीर में पोषण की कमी पैदा करते हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि दवा का इस्तेमाल सोच-समझकर करें और संतुलित आहार, नियमित जांच और पोषण सप्लीमेंट्स से अपने शरीर को सुरक्षित रखें।

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