Prostate Cancer

खामोशी से ज़हर बनता ये कैंसर मर्दों की ज़िंदगी कर देता है बर्बाद, पहचानें इसके 5 खतरनाक शुरुआती लक्षण

Health

 हाइलाइट्स

  • Prostate Cancer शुरुआती स्टेज में लक्षण दिखाए बिना शरीर को अंदर से कमजोर बना सकता है
  • पेशाब में बदलाव, खून आना और इरेक्टाइल डिसफंक्शन इसके प्रमुख संकेत हैं
  • पेल्विक एरिया में दर्द और बिना वजह वजन घटना को भी नजरअंदाज न करें
  • 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को PSA टेस्ट करवाना जरूरी
  • समय रहते पहचान से Prostate Cancer का इलाज पूरी तरह संभव

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) एक ऐसा रोग है जो पुरुषों की प्रजनन प्रणाली से जुड़ा होता है, लेकिन इसके शुरुआती लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि अधिकांश लोग इसे नज़रअंदाज़ कर बैठते हैं। यह कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होता है, जो सीमेन के निर्माण में सहायक एक महत्वपूर्ण अंग है। जब इस ग्लैंड की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का निर्माण करती हैं, तब Prostate Cancer विकसित होता है।

प्रोस्टेट ग्लैंड क्या है?

प्रोस्टेट एक छोटा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण ग्लैंड है, जो पुरुषों के पेल्विक क्षेत्र में स्थित होता है। यह मूत्राशय के नीचे और मूत्रमार्ग के चारों ओर होता है। इसकी मुख्य भूमिका सीमेन (semen) को पोषण देना और उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करना है। उम्र बढ़ने के साथ यह ग्रंथि सामान्य रूप से थोड़ी बढ़ सकती है, लेकिन असामान्य वृद्धि का मतलब Prostate Cancer हो सकता है।

Prostate Cancer के शुरुआती संकेत जो नहीं करने चाहिए नजरअंदाज

1. पेशाब करने में दिक्कत

Prostate Cancer का सबसे आम लक्षण पेशाब से जुड़ी समस्याएं हैं। इसमें मुख्यतः शामिल हैं:

  • पेशाब की शुरुआत में कठिनाई
  • बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में (Nocturia)
  • धार का कमजोर होना या रुक-रुक कर पेशाब आना

यह सब संकेत इस बात के हो सकते हैं कि प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़कर मूत्रमार्ग पर दबाव डाल रहा है।

2. पेशाब या सीमेन में खून

जब पेशाब या सीमेन में खून दिखाई दे, तो यह बहुत गंभीर संकेत हो सकता है। इसे हेमाट्यूरिया या हेमाटोस्पर्मिया कहा जाता है। ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह Prostate Cancer की शुरुआत हो सकती है।

3. पेल्विक एरिया या निचली कमर में दर्द

पेल्विक क्षेत्र, पीठ के निचले हिस्से या जांघों में लगातार दर्द या असहजता Prostate Cancer की ओर संकेत कर सकते हैं। यह दर्द कैंसर के आसपास के टिशू पर दबाव डालने के कारण होता है।

4. इरेक्टाइल डिसफंक्शन

इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी यौन संबंध के दौरान स्तंभन में कठिनाई, कई बार Prostate Cancer का नतीजा हो सकता है। यह तब होता है जब कैंसर नसों और ब्लड वेसल्स को प्रभावित करता है।

5. अचानक वजन घटना और थकान

बिना किसी वजह के तेजी से वजन घटना, कमजोरी और थकावट इस बात का संकेत हो सकता है कि शरीर की ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा कैंसर से लड़ने में खर्च हो रहा है। यह लक्षण अक्सर कैंसर के फैलने की अवस्था में दिखते हैं।

 कैसे पहचानें Prostate Cancer को सही समय पर?

जरूरी मेडिकल टेस्ट

PSA टेस्ट (Prostate-Specific Antigen)

खून में PSA नामक प्रोटीन का स्तर बढ़ना Prostate Cancer का संकेत हो सकता है। 50 वर्ष से ऊपर के पुरुषों को यह टेस्ट साल में एक बार जरूर करवाना चाहिए।

डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE)

इसमें डॉक्टर प्रोस्टेट को हाथ से महसूस करके उसके आकार और बनावट का आकलन करते हैं।

बायोप्सी और MRI

यदि PSA या DRE के परिणाम संदिग्ध हों, तो बायोप्सी और MRI स्कैन से स्थिति स्पष्ट की जाती है।

 बचाव ही इलाज है: कैसे करें Prostate Cancer से बचाव

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी

  • फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं – इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स प्रोस्टेट को सुरक्षित रखते हैं
  • वजन नियंत्रित रखें – मोटापा Prostate Cancer का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है
  • रेगुलर एक्सरसाइज – शारीरिक गतिविधि इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है
  • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें – ये तत्व शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं

 किन लोगों को ज्यादा खतरा?

  • 50 साल से ऊपर के पुरुष
  • जिनके परिवार में पहले किसी पुरुष को Prostate Cancer हुआ हो
  • अफ्रीकी या अफ्रीकी-अमेरिकन वंश के लोग
  • मोटे पुरुष जिनकी डाइट फास्ट फूड आधारित हो

 जल्दी पहचान ही बचाव की कुंजी

Prostate Cancer धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर हो सकता है, लेकिन यदि समय रहते इसका पता ना चले तो यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। शुरुआती जांच, नियमित टेस्ट और हेल्दी जीवनशैली के ज़रिए इसे रोका या नियंत्रित किया जा सकता है।

भारत में पुरुषों में बढ़ते Prostate Cancer के मामलों को देखते हुए जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। बहुत से लोग शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और इलाज में देरी कर बैठते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने शरीर के इशारों को समझें, समय पर जांच कराएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

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