हाइलाइट्स
- मुंह का कैंसर के लक्षण सामान्य संक्रमण जैसे लगते हैं, लेकिन हो सकते हैं जानलेवा
- जंकयार्ड रॉक बैंड के सिंगर डेविड रोच की मौत ने उठाया एक गंभीर सवाल
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा तेजी से फैलने वाला और खतरनाक कैंसर है
- तंबाकू, शराब और खराब ओरल हाइजीन बन सकते हैं बड़ी वजह
- लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना बन सकता है जान के लिए खतरा
दुनिया भर में संगीत प्रेमियों के बीच पहचान बना चुके फेमस रॉक बैंड जंकयार्ड के सिंगर डेविड रोच अब हमारे बीच नहीं रहे। केवल 59 वर्ष की उम्र में उन्होंने स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा नामक एक जानलेवा बीमारी के चलते दुनिया को अलविदा कह दिया। यह बीमारी मुंह का कैंसर की एक बेहद आक्रामक किस्म मानी जाती है, जो अक्सर शुरुआत में सामान्य बुखार या खांसी जैसे लक्षणों के साथ सामने आती है, लेकिन वास्तविकता बेहद भयावह होती है।
डेविड की कहानी एक चेतावनी है — मुंह का कैंसर के शुरुआती लक्षण इतने साधारण हो सकते हैं कि लोग उन्हें नज़रअंदाज़ कर बैठते हैं।
क्या है स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मुंह का कैंसर?
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: एक आक्रामक कैंसर
यह मुंह का कैंसर का ही एक प्रकार है, जो आमतौर पर स्किन पर होता है, लेकिन मुंह, गले, और फेफड़ों में भी विकसित हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी UV किरणों, एचपीवी वायरस या तंबाकू जैसे कारकों के कारण पनपती है।
क्यों घातक है यह कैंसर?
- यह बेहद तेज़ी से फैलता है
- प्रारंभिक लक्षण आम वायरल संक्रमण जैसे होते हैं
- समय पर इलाज न हो तो स्थिति बिगड़ जाती है
- मृत्यु दर अन्य ओरल कैंसर की तुलना में अधिक
भारत में मुंह का कैंसर: बढ़ते आंकड़े, घटती जागरूकता
भारत में मुंह का कैंसर एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। ICMR की रिपोर्ट बताती है कि हर साल लाखों लोग ओरल कैंसर से पीड़ित होते हैं, जिनमें से अधिकतर मामले तंबाकू और गुटखा सेवन करने वालों के होते हैं।
क्यों है भारत में अधिक खतरा?
- गुटखा, पान मसाला, तंबाकू का अत्यधिक प्रयोग
- ग्रामीण क्षेत्रों में ओरल हाइजीन की कमी
- हेल्थकेयर एक्सेस की कमी
- जागरूकता की भारी कमी
मुंह के कैंसर के 7 खतरनाक लक्षण जिनसे नहीं मोड़नी चाहिए नजर
लक्षण पहचानें, जान बचाएं
- मुंह या जीभ में तीन हफ्तों से अधिक समय तक न भरने वाला घाव या अल्सर
- जीभ या गाल पर सफेद या लाल रंग के धब्बे
- होंठ, जीभ या मसूड़े पर कठोर गांठ
- आवाज में बदलाव या लगातार खराश
- निगलने में परेशानी
- खून के साथ खांसी
- मुंह से लगातार दुर्गंध आना
इनमें से कोई भी लक्षण अगर लगातार बना रहे, तो यह मुंह का कैंसर का संकेत हो सकता है।
क्यों होता है मुंह का कैंसर? जानिए प्रमुख कारण
जोखिम कारक
- तंबाकू और धूम्रपान: सबसे बड़ा कारण
- अत्यधिक शराब सेवन: तंबाकू के साथ मिलकर खतरा कई गुना बढ़ा देता है
- एचपीवी संक्रमण: एक वायरल संक्रमण जो ओरल कैंसर का कारण बन सकता है
- ओरल हाइजीन की कमी
- जिनेटिक फैक्टर और उम्र
कैसे करें मुंह के कैंसर से बचाव? अपनाएं ये जरूरी उपाय
1. तंबाकू और शराब को कहें अलविदा
धूम्रपान और शराब सेवन छोड़ना मुंह का कैंसर से बचाव का सबसे पहला और जरूरी कदम है।
2. ओरल हाइजीन रखें बेहतर
- दिन में दो बार ब्रश करें
- टंग क्लीनर का इस्तेमाल करें
- हर 6 महीने में डेंटल चेकअप कराएं
3. एचपीवी वैक्सीन पर करें विचार
विशेषज्ञ सलाह के अनुसार, एचपीवी वैक्सीन लेना ओरल कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
4. किसी भी लक्षण को न करें नजरअंदाज
अगर कोई लक्षण तीन हफ्तों से अधिक समय तक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
लंदन के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. जोनाथन केंटली का कहना है,
“अगर गले में गांठ, दर्द या खून आने जैसे लक्षण लगातार बने रहें तो यह मुंह का कैंसर का संकेत हो सकता है। जल्द जांच कराना ही जीवन रक्षा का रास्ता है।”
डेविड रोच की दुखद कहानी बनी चेतावनी
डेविड की शादी को मात्र दो हफ्ते हुए थे जब उन्हें मुंह का कैंसर का पता चला। कुछ ही समय में उनकी स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी यह त्रासदी हम सभी के लिए एक चेतावनी है — कैंसर को गंभीरता से लें, लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय रहते इलाज कराएं।
जागरूकता ही बचाव है
मुंह का कैंसर कोई अचानक होने वाली बीमारी नहीं है, यह धीरे-धीरे शरीर में पनपती है और समय रहते पहचान लेने पर पूरी तरह इलाज संभव है। इसके लिए समाज में जागरूकता जरूरी है। अगर हम अपने जीवनशैली में सुधार करें, ओरल हाइजीन बनाए रखें और लक्षणों पर ध्यान दें, तो इस भयावह बीमारी को रोका जा सकता है।