300 रहस्यमय गुणों से भरपूर ये लकड़ी बन सकती है कैंसर और अल्सर की सबसे बड़ी दुश्मन – जानिए क्यों वैज्ञानिक भी रह गए हैरान!

Health

Table of Contents

हाइलाइट्स

  • मुलेठी की लकड़ी में मौजूद 300 से अधिक कंपाउंड शरीर के लिए वरदान माने जाते हैं।
  • यह न केवल सर्दी-खांसी बल्कि गैस, अल्सर और अस्थमा जैसी बीमारियों के लिए भी रामबाण औषधि है।
  • वैज्ञानिक शोधों से साबित हुआ है कि मुलेठी के सेवन से कैंसर की कोशिकाओं का विकास रुक सकता है।
  • स्किन प्रॉब्लम्स जैसे कील-मुंहासे और रैशेज के लिए मुलेठी की जड़ अत्यंत उपयोगी है।
  • मुलेठी के नियमित सेवन से इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है और वायरल संक्रमण से सुरक्षा मिलती है।

मुलेठी की लकड़ी: आयुर्वेद की छुपी हुई शक्ति जो आज वैज्ञानिक भी मानते हैं

भारत में सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का प्रयोग होता आ रहा है और मुलेठी की लकड़ी इस पद्धति की एक बहुमूल्य औषधि है। आम तौर पर लोग इसे केवल सर्दी-खांसी की दवा मानते हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि इसकी बहुआयामी विशेषताओं को पहचाना जाए। आधुनिक विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय शोधों ने भी यह प्रमाणित कर दिया है कि मुलेठी की लकड़ी न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त करती है, बल्कि कैंसर जैसे जानलेवा रोगों के खतरे को भी कम करती है।

वैज्ञानिकों की रिसर्च में क्या सामने आया?

300 से अधिक जैव सक्रिय यौगिक

हाल ही में की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, मुलेठी की लकड़ी में 300 से ज्यादा जैव सक्रिय यौगिक (बायोएक्टिव कंपाउंड्स) पाए गए हैं। ये यौगिक शरीर के विभिन्न अंगों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इनमें प्रमुख रूप से ग्लिसिरिज़िन, लिक्विरिटिन, आइसोलिक्विरिटिन और ग्लाब्रिडिन शामिल हैं। ये सभी यौगिक एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं।

पेट की बीमारियों का इलाज है मुलेठी

गैस, एसिडिटी और कब्ज से राहत

बहुत से लोग पेट की समस्याओं से जूझते हैं—चाहे वह गैस हो, एसिडिटी हो या फिर कब्ज। ऐसे में मुलेठी की लकड़ी का सेवन एक कारगर उपाय बन सकता है। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि 75 मिलीग्राम के मुलेठी कैप्सूल को दिन में दो बार, 30 दिनों तक देने से पाचन संबंधी सभी समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

अल्सर पर अद्भुत असर

मुलेठी की जड़ में ग्लिसिरिज़िन नामक एक यौगिक पाया जाता है, जो पेट के अल्सर को ठीक करने में मदद करता है। एक अध्ययन में दो सप्ताह तक मुलेठी के कैप्सूल दिए गए, जिसके बाद पेप्टिक अल्सर के लक्षणों में काफी कमी देखी गई।

सांस से संबंधित बीमारियों में भी लाभकारी

मुलेठी की लकड़ी गले की खराश, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और खांसी के लिए एक बेहद प्रभावशाली उपाय है। यह श्वसन नलिका में जमा म्यूकस को पतला कर बाहर निकाल देती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। विशेषकर सर्दी के मौसम में इसका उपयोग संक्रमण से बचाने में मदद करता है।

कैंसर के खिलाफ लड़ाई में भी कारगर

कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है

अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, मुलेठी की लकड़ी से निकाले गए यौगिक स्किन, ब्रेस्ट, कोलोन और प्रोस्टेट कैंसर के सेल्स के विकास को रोक सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेटरी तत्व कैंसर की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

स्किन केयर में भी इस्तेमाल करें मुलेठी

कील-मुंहासों का दुश्मन

मुलेठी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण चेहरे की त्वचा से विषैले तत्वों को निकालने का कार्य करते हैं। इससे कील-मुंहासे, रैशेज और अन्य स्किन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।

स्किन को बनाए जवां

इसके नियमित प्रयोग से ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम होता है और त्वचा पर चमक लौट आती है। मुलेठी पाउडर को चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे और झाइयों में भी कमी आती है।

मुलेठी का सही सेवन कैसे करें?

प्राकृतिक रूप में लें फायदा

  • बाजार से मुलेठी की लकड़ी खरीदें न कि प्रोसेस्ड पाउडर।
  • इसे दो-तीन दिनों तक पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करें।
  • जल्दी प्रभाव के लिए इसे पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पिएं।

ध्यान रखें: सीमित मात्रा ही लें

मुलेठी का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप, सिरदर्द या मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बन सकता है। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही इसका प्रयोग करें।

क्या कहते हैं आयुर्वेदाचार्य?

आयुर्वेदाचार्य डॉ. वी.के. मिश्रा के अनुसार, “मुलेठी की लकड़ी शरीर के हर अंग को लाभ देती है। यह एक ऐसी औषधि है जो गले से लेकर पेट और त्वचा तक के रोगों में असरकारक है। लेकिन इसे उचित मात्रा में और सही विधि से लेना जरूरी है।”

 प्रकृति का अद्भुत वरदान है मुलेठी

मुलेठी की लकड़ी केवल एक घरेलू नुस्खा नहीं, बल्कि एक शोध-प्रमाणित, वैज्ञानिक रूप से सिद्ध औषधि है जो अनेक बीमारियों में लाभकारी है। सर्दी-खांसी से लेकर पेट के अल्सर, अस्थमा और यहां तक कि कैंसर के रोकथाम में भी यह कारगर सिद्ध हुई है। यदि आप प्राकृतिक उपायों की ओर लौटना चाहते हैं, तो मुलेठी की लकड़ी आपके स्वास्थ्य का रक्षक बन सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *