हाइलाइट्स
- Joint Pain के लिए Patanjali की नई आयुर्वेदिक दवा Orthogrit ने दिलाया राहत का भरोसा
- Elsevier के इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुआ Patanjali का वैज्ञानिक अध्ययन
- वचा, मोथा, अश्वगंधा और पुनर्नवा जैसी 100% आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी है Orthogrit
- गठिया के सूजन, कार्टिलेज घिसाव और mobility पर दिखाया सकारात्मक असर
- आचार्य बालकृष्ण बोले- Ayurveda और विज्ञान का संगम है Orthogrit, जो Joint Pain को मूल से खत्म करता है
हर घर में आज एक सामान्य पीड़ा बन चुकी है जोड़ों का दर्द यानी Joint Pain। बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक, हर आयु वर्ग इससे परेशान है। आधुनिक चिकित्सा जहां केवल लक्षणों को दबाने पर केंद्रित है, वहीं आयुर्वेद में रोग के मूल कारण को खत्म करने की परंपरा रही है। पतंजलि के वैज्ञानिकों ने इसी सिद्धांत पर आधारित एक नई आयुर्वेदिक औषधि “Orthogrit” विकसित की है, जिसने गठिया (Arthritis) के इलाज में उम्मीद की नई किरण दिखाई है।
अंतरराष्ट्रीय जर्नल में छपा शोध, मिली वैज्ञानिक मान्यता
यह शोध प्रतिष्ठित मेडिकल प्रकाशन Elsevier के Pharmacological Research – Reports जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में Orthogrit को गठिया के मुख्य कारण — सूजन (inflammation), कार्टिलेज घिसाव (cartilage degradation) और जोड़ों की जड़ता (mobility loss) — पर असरदार पाया गया।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का चमत्कारी संगम
Orthogrit में शामिल प्रमुख तत्व:
- वचा (Acorus calamus)
- मोथा (Cyperus rotundus)
- दारूहल्दी (Berberis aristata)
- पिप्पलमूल
- अश्वगंधा (Withania somnifera)
- पुनर्नवा (Boerhavia diffusa)
- निर्गुंडी (Vitex negundo)
इन सभी जड़ी-बूटियों को प्राचीन काल से Joint Pain और सूजन में उपयोग किया जाता रहा है।
डॉ. अनुराग वार्ष्णेय का बयान: “Orthogrit गठिया की प्रगति को रोकता है”
पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय ने कहा,
“हमने 3D Spheroids में मानव Cartilage कोशिकाओं और C. elegans जैसे जीवों पर Orthogrit का परीक्षण किया। इस दवा ने Reactive Oxygen Species (ROS) को कम किया, IL-6 और IL-1β जैसे सूजन सूचकांक को घटाया और Cartilage को क्षति से बचाया।”
Orthogrit ने जिन प्रमुख जीन अभिव्यक्तियों को नियंत्रित किया, वे हैं:
- JAK2
- COX2
- MMP1
- MMP3
- ADAMTS-4
इन सभी का गठिया की गंभीरता में अहम योगदान होता है। Joint Pain को बढ़ाने में यही कारक सबसे अधिक जिम्मेदार होते हैं।
C. elegans पर परीक्षण में भी सकारात्मक संकेत
इस अध्ययन में Orthogrit के प्रयोग से इन जीवों के जीवनकाल में वृद्धि देखी गई, साथ ही उनकी mobility और सूजन-संबंधी जीन (PMK-1, SEK-1, CED-3) पर भी नियंत्रण पाया गया।
इससे साफ होता है कि Orthogrit सिर्फ लक्षण नहीं, बल्कि गठिया जैसी बीमारी की जड़ पर काम करता है और Joint Pain को जड़ से समाप्त करने की क्षमता रखता है।
आचार्य बालकृष्ण का स्पष्ट संदेश: “Orthogrit है आयुर्वेद और विज्ञान का सेतु”
आचार्य बालकृष्ण ने शोध की उपलब्धि पर कहा:
“आधुनिक चिकित्सा जहां केवल लक्षणों को दबाने का प्रयास करती है, वहीं आयुर्वेद रोग के मूल कारण को खोजता है और उसे मिटाता है। Orthogrit उसी आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का मेल है जो Joint Pain के स्थायी समाधान की ओर बढ़ रहा है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि गठिया कोई सामान्य बीमारी नहीं, बल्कि समय के साथ व्यक्ति की कार्यक्षमता को समाप्त करने वाली गंभीर समस्या है।
क्या Orthogrit आम उपयोग के लिए उपलब्ध होगी?
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, पतंजलि इस आयुर्वेदिक औषधि को जल्द ही बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए लाने की योजना बना रहा है। इसे बिना साइड इफेक्ट और पूरी तरह से प्राकृतिक बताया जा रहा है, जिससे यह बाजार में मौजूद बाकी Joint Pain दवाओं की तुलना में एक बेहतर विकल्प बन सकता है।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. भावना सिंह, आयुर्वेद विशेषज्ञ:
“Orthogrit की जड़ी-बूटियां परंपरागत रूप से गठिया के इलाज में उपयोग होती रही हैं। इसका वैज्ञानिक प्रमाण मिलना इस क्षेत्र के लिए मील का पत्थर है।”
डॉ. अजय चौधरी, फिजियोथेरेपिस्ट:
“यदि यह दवा हड्डी और cartilage की स्थिति को सुधारती है, तो यह Joint Pain के लाखों मरीजों के लिए जीवन बदलने वाली हो सकती है।”
पतंजलि का Orthogrit न केवल एक औषधि है, बल्कि आयुर्वेद और विज्ञान के सम्मिलन की एक जीवंत मिसाल भी है। गठिया जैसी बीमारी से जूझ रहे करोड़ों लोगों के लिए यह एक नई आशा बनकर सामने आई है। Joint Pain से राहत पाने के लिए अब एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित, प्राकृतिक और प्रभावी विकल्प उपलब्ध हो रहा है, जो आने वाले समय में स्वास्थ्य प्रणाली को नया रास्ता दिखा सकता है।