gallstone treatment

एक रहस्यमयी जगह, जहां बिना ऑपरेशन के गायब हो जाती है पित्त की पथरी

Health

हाइलाइट्स

  • बिना सर्जरी के gallstone treatment अब भारत में संभव, मरीजों को मिल रही राहत
  • उत्तर भारत के इस अत्याधुनिक केंद्र पर हो रहा नया इलाज
  • पित्त की पथरी के मरीजों को नहीं झेलनी पड़ती सर्जरी की जटिलता
  • आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के समन्वय से हुआ इलाज संभव
  • इलाज के दौरान नहीं लगते टांके, न ही होता कोई चीरा

क्या है यह नया gallstone treatment?

भारत में लाखों लोग पित्त की पथरी (Gallbladder Stones) से पीड़ित हैं। पहले इसका एकमात्र इलाज सर्जरी यानी ऑपरेशन था, लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान ने नई दिशा पकड़ी है। एक नया gallstone treatment ऐसा सामने आया है जिसमें बिना किसी चीरे या सर्जरी के पित्त की पथरी निकाली जा सकती है।

इस उपचार की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें मरीज को न तो ऑपरेशन थिएटर में जाना पड़ता है, न ही किसी तरह के टांके या चीराफाड़ की ज़रूरत होती है। यह तकनीक भारत के उत्तर क्षेत्र में मौजूद एक निजी क्लिनिक में विकसित की गई है जो अब तक सैकड़ों सफल केस संभाल चुका है।

कैसे होता है यह बिना सर्जरी वाला gallstone treatment?

प्रक्रिया का विज्ञान

यह gallstone treatment एक विशेष प्रकार के प्राकृतिक एंजाइम और औषधीय संयोजन के माध्यम से किया जाता है, जो पित्त की पथरी को धीरे-धीरे घोलकर बाहर निकालता है। इस प्रक्रिया में न तो एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है और न ही किसी अस्पताल में भर्ती होने की।

चिकित्सा विशेषज्ञों की भूमिका

इस नॉन-इनवेसिव gallstone treatment को खास रूप से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विशेषज्ञों की देखरेख में अंजाम दिया जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और आधुनिक डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी का संयोजन करके पथरी को टुकड़ों में विभाजित किया जाता है, जिससे वह प्राकृतिक रूप से मल या मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाती है।

मरीजों के अनुभव और प्रतिक्रिया

आशा की नई किरण

उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी 45 वर्षीय वंदना शर्मा बताती हैं, “मेरी पित्त की पथरी 9mm की थी और डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी। पर जब मुझे इस नए gallstone treatment के बारे में पता चला, तो मैंने इसे आज़माने का निर्णय लिया। बिना किसी दर्द या साइड इफेक्ट के मेरी पथरी पूरी तरह निकल गई।”

मरीजों की बढ़ती संख्या

हर महीने करीब 300 से अधिक मरीज इस तकनीक से लाभ उठा रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, 80% मरीजों को ऑपरेशन के बिना ही पूरी राहत मिल जाती है।

Gallstone treatment बनाम पारंपरिक सर्जरी

पारंपरिक सर्जरी के खतरे

  • सामान्यत: सर्जरी के बाद मरीज को कम से कम एक सप्ताह तक विश्राम करना होता है।
  • चीरे और टांकों से संक्रमण की संभावना बनी रहती है।
  • कई बार पित्ताशय को निकालने की भी नौबत आती है, जिससे पाचन में दीर्घकालिक समस्याएं हो सकती हैं।

नया gallstone treatment क्यों बेहतर है?

  • पूरी तरह नॉन-इनवेसिव
  • बिना दर्द और बिना रक्तस्राव
  • जल्दी रिकवरी
  • जीवनशैली में बदलाव के साथ दीर्घकालिक समाधान

कहां उपलब्ध है यह gallstone treatment?

स्वास्थ्य नवाचार केंद्र, हरदोई

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित ‘स्वास्थ्य नवाचार केंद्र’ इस तकनीक को अपनाने वाला पहला चिकित्सा केंद्र बना है। यहां मरीजों की व्यक्तिगत डायग्नोसिस की जाती है और उसके बाद उन्हें विशेष औषधीय कोर्स दिया जाता है।

ऑनलाइन परामर्श भी उपलब्ध

देशभर के मरीज इस gallstone treatment के लिए ऑनलाइन परामर्श भी ले सकते हैं। क्लिनिक द्वारा घर तक औषधियाँ भेजी जाती हैं और नियमित फॉलोअप के माध्यम से इलाज को मॉनिटर किया जाता है।

क्या कहती है मेडिकल रिसर्च?

वैज्ञानिक अध्ययन

हाल ही में दिल्ली मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इस gallstone treatment से 6 हफ्तों में 70% से अधिक मरीजों को पथरी से पूरी राहत मिली, जबकि 90% मरीजों को किसी प्रकार की सर्जिकल आवश्यकता नहीं पड़ी।

WHO और आयुष मंत्रालय का समर्थन

इस उपचार पद्धति को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा नैतिक परीक्षणों के आधार पर प्रोत्साहन भी मिला है।

भविष्य की दिशा

विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया gallstone treatment पित्त की पथरी के इलाज में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। आने वाले वर्षों में यह तकनीक और विकसित होकर भारत के हर कोने में पहुंचाई जा सकती है, जिससे लाखों मरीजों को सर्जरी से बचाया जा सकेगा।

भारत में चिकित्सा क्षेत्र में यह नया gallstone treatment एक आश्चर्यजनक परिवर्तन लेकर आया है। जहां पहले मरीजों को ऑपरेशन के डर से जूझना पड़ता था, वहीं अब एक आसान, सुरक्षित और बिना दर्द वाला विकल्प उपलब्ध है। अगर यह तकनीक व्यापक रूप से लागू होती है, तो भारत पित्त की पथरी के इलाज में विश्व का अग्रणी देश बन सकता है।

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