Fasting Sugar

सुबह-सुबह क्यों बढ़ जाता है शुगर का स्तर? जानिए वो 6 छुपी हुई गलतियां जो आपको भी भारी पड़ सकती हैं

Health

हाइलाइट्स

  • Fasting Sugar के लगातार हाई रहने के पीछे छिपे हो सकते हैं कई गंभीर कारण
  • देर रात खाना और नींद की कमी भी बढ़ा सकती है शुगर लेवल
  • तनाव और हार्मोनल बदलाव हैं अनदेखा किए जाने वाले बड़े कारण
  • एक्सरसाइज ना करना और अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी है जिम्मेदार
  • डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए जरूरी है नियमित ब्लड शुगर मॉनिटरिंग

Fasting Sugar क्या होती है और क्यों है ये महत्वपूर्ण?

Fasting Sugar वह ब्लड शुगर लेवल होता है, जो किसी व्यक्ति के सो कर उठने के बाद खाली पेट लिया जाता है। आमतौर पर इसे सुबह के समय चेक किया जाता है, जब व्यक्ति ने कम से कम 8 घंटे तक कुछ नहीं खाया हो। यह जांच मधुमेह (डायबिटीज) की पहचान और प्रबंधन के लिए बेहद जरूरी मानी जाती है।

Fasting Sugar का सामान्य स्तर 70-100 mg/dL के बीच होता है। अगर यह बार-बार 126 mg/dL या इससे अधिक आता है, तो इसे डायबिटीज का संकेत माना जाता है।

ये हैं वो 6 वजहें जो Fasting Sugar को कर सकती हैं हाई

 1. देर रात भोजन करना

अगर आप देर रात भारी भोजन करते हैं या देर तक जगे रहते हैं, तो आपका शरीर भोजन को पूरी तरह पचा नहीं पाता। इससे Fasting Sugar का स्तर सुबह के समय ज्यादा आता है। शरीर को पाचन के लिए समय चाहिए और नींद में इंसुलिन की संवेदनशीलता घट जाती है।

सलाह: रात का खाना सोने से कम से कम 2 घंटे पहले लें और हल्का भोजन करें।

 2. नींद की कमी या खराब नींद

अपर्याप्त नींद का सीधा असर आपकी मेटाबोलिज्म पर पड़ता है। नींद की कमी से कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो शुगर लेवल को प्रभावित करता है। कई रिसर्च में यह पाया गया है कि नींद की खराब गुणवत्ता Fasting Sugar को हाई कर सकती है

सलाह: प्रतिदिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।

 3. Dawn Phenomenon (डॉन फेनोमेनन)

यह एक मेडिकल टर्म है, जिसमें शरीर सुबह के समय कुछ हार्मोन जैसे कॉर्टिसोल और ग्लूकागॉन रिलीज करता है, जो लिवर से ग्लूकोज को रिलीज कराते हैं। इससे शरीर को सुबह की एनर्जी मिलती है, लेकिन डायबिटीज मरीजों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।

नतीजा: बिना कुछ खाए भी सुबह Fasting Sugar हाई हो सकती है।

 4. तनाव और मानसिक दबाव

मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन का स्तर बढ़ा देते हैं, जिससे शुगर लेवल अनियमित हो जाता है। कई बार व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ दिखता है लेकिन उसका Fasting Sugar हाई होता है क्योंकि वह लगातार मानसिक तनाव में जी रहा होता है।

सलाह: ध्यान, योग और रूटीन में बदलाव से मानसिक तनाव को कम करें।

 5. अनियमित दवाइयों का सेवन

मधुमेह की दवाएं नियमित समय पर लेना बहुत जरूरी है। कई लोग दवा लेना भूल जाते हैं या समय पर नहीं लेते, जिससे शरीर में इंसुलिन का प्रभाव घट जाता है और Fasting Sugar बढ़ जाती है।

सलाह: दवाएं हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार लें और समय का पालन करें।

 6. शारीरिक गतिविधियों की कमी

जो लोग बहुत ज्यादा बैठते हैं, वॉक या एक्सरसाइज नहीं करते, उनके शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता घट जाती है। इससे ग्लूकोज का उपयोग सही ढंग से नहीं हो पाता और Fasting Sugar का स्तर हाई हो जाता है।

सलाह: प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की वॉक या हल्की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें।

Fasting Sugar हाई होने पर क्या करें?

  • ब्लड शुगर मॉनिटर करें: रोज़ाना सुबह खाली पेट Fasting Sugar जांचें और उसे नोट करें।
  • लो-ग्लाइसेमिक डाइट लें: जैसे ओट्स, दलिया, दालें, और हरी सब्जियाँ।
  • खाली पेट रहना बंद करें: लंबे समय तक भूखे रहने से भी शुगर लेवल बढ़ सकता है।
  • इंसुलिन या दवा का सही डोज: डॉक्टर से परामर्श लेकर दवा की मात्रा को नियंत्रित करें।
  • रेगुलर वर्कआउट प्लान: खासकर ब्रिस्क वॉक, योग और स्ट्रेचिंग।

Fasting Sugar को नियंत्रित रखने वाले घरेलू उपाय

 मेथी दाना पानी

रातभर भीगे हुए मेथी दानों का पानी सुबह खाली पेट पीने से Fasting Sugar कंट्रोल में रहती है।

 आंवला और हल्दी

एक चम्मच आंवले के रस में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पीने से लिवर और अग्न्याशय बेहतर काम करता है।

 करेला जूस

करेले में मौजूद करेलिन नामक तत्व शरीर में इंसुलिन की क्रिया को बेहतर करता है।

Fasting Sugar के स्तर की श्रेणियां (नॉर्मल से डायबिटिक तक)

श्रेणी Fasting Sugar (mg/dL)
सामान्य 70-100
प्री-डायबिटिक 101-125
डायबिटिक 126 या उससे अधिक

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर आपकी Fasting Sugar लगातार 126 mg/dL से ऊपर आ रही है और इसके साथ थकान, प्यास, पेशाब की अधिकता, या वज़न घटने जैसे लक्षण भी दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से कोई दवा न लें।

Fasting Sugar का बार-बार हाई आना सिर्फ डायबिटीज का संकेत नहीं, बल्कि आपकी जीवनशैली में हो रही गंभीर चूकों का नतीजा भी हो सकता है। समय पर सतर्कता, नियमित जांच और एक संतुलित जीवनशैली अपनाकर आप खुद को मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकते हैं। याद रखें—मौन लक्षण भी शरीर के अंदर बड़ी गड़बड़ी का संकेत हो सकते हैं।

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