हाइलाइट्स
- डायबिटीज़ में बार-बार पेशाब आना एक सामान्य लेकिन गंभीर लक्षण
- रात में नींद बार-बार टूटने पर हो सकता है डायबिटीज़ का संकेत
- ब्लड शुगर बढ़ने से किडनी अधिक मात्रा में ग्लूकोज बाहर निकालती है
- बार-बार पेशाब के साथ अगर प्यास और थकान भी महसूस हो तो सतर्क हो जाएं
- संतुलित खानपान, नियमित व्यायाम और डॉक्टर की सलाह से मिल सकता है आराम
डायबिटीज़ और पेशाब की बढ़ती आवृत्ति: कितना सामान्य, कितना खतरा?
डायबिटीज़ (मधुमेह) आज भारत में एक आम लेकिन गंभीर बीमारी बन चुकी है। यह केवल रक्त में शर्करा की अधिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके लक्षण शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर डालते हैं। इनमें से एक प्रमुख लक्षण है – बार-बार पेशाब आना। यदि आप दिन में 7-10 बार से अधिक पेशाब कर रहे हैं या रात में नींद बार-बार टूट रही है, तो यह डायबिटीज़ का संकेत हो सकता है।
क्यों होती है डायबिटीज़ में पेशाब अधिक?
ब्लड शुगर का बढ़ना और किडनी पर असर
जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर अत्यधिक हो जाता है, तो किडनी उस अतिरिक्त ग्लूकोज को पेशाब के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करती है। इस प्रक्रिया में शरीर से अधिक मात्रा में पानी भी बाहर निकलता है, जिससे व्यक्ति को बार-बार पेशाब की जरूरत महसूस होती है।
शरीर से पानी की कमी और थकान
पेशाब के जरिए पानी की अत्यधिक निकासी से शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है। इससे व्यक्ति को बार-बार प्यास लगती है और शरीर थका हुआ महसूस करता है। यही वजह है कि डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति दिनभर थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान की कमी महसूस कर सकते हैं।
डायबिटीज़ के अन्य लक्षण क्या हैं?
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
- बार-बार पेशाब आना (दिन और रात दोनों समय)
- अत्यधिक प्यास लगना
- भूख बढ़ना लेकिन वजन कम होना
- लगातार थकान महसूस होना
- आंखों के सामने धुंधलापन
- घाव धीरे-धीरे भरना
- पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन
यदि इन लक्षणों में से कोई दो या अधिक लगातार बने हुए हैं, तो यह डायबिटीज़ का संकेत हो सकता है।
डायबिटीज़ में पेशाब की जांच कैसे करें?
जरूरी टेस्ट और चिकित्सा परामर्श
1. ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं
- फास्टिंग ब्लड शुगर (खाली पेट)
- पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (भोजन के बाद)
- HbA1c टेस्ट (तीन महीनों का औसत शुगर लेवल)
2. यूरीन टेस्ट जरूरी
- पेशाब में ग्लूकोज की मात्रा
- कीटोन लेवल
- संक्रमण की जांच
3. डॉक्टर से सलाह लें
यदि बार-बार पेशाब आने की समस्या बनी हुई है, तो एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या फिजीशियन से तुरंत मिलें।
बार-बार पेशाब आने से कैसे बचें?
डायबिटीज़ नियंत्रण के उपाय
1. संतुलित आहार लें
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ लें
- अधिक फाइबर और कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट अपनाएं
- मीठा और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें
2. नियमित व्यायाम करें
- रोजाना 30 मिनट टहलें या योग करें
- मांसपेशियों को सक्रिय रखने वाले व्यायाम शामिल करें
3. तरल पदार्थों का संतुलन रखें
- दिन में पर्याप्त पानी पिएं लेकिन
- रात में अधिक पानी पीने से बचें ताकि नींद बाधित न हो
4. दवा और इंसुलिन समय पर लें
- डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार दवाओं या इंसुलिन का सेवन करें
- दवा छोड़ना या अनियमितता से ब्लड शुगर बढ़ सकता है
कब सतर्क हो जाएं?
यदि निम्नलिखित स्थितियां लगातार बनी रहती हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें:
- हर घंटे पेशाब की आवश्यकता महसूस हो
- रात में तीन या अधिक बार नींद टूटे पेशाब के कारण
- पेशाब में जलन, दुर्गंध या असामान्य रंग हो
- अत्यधिक प्यास और थकान साथ-साथ हो
यह सभी लक्षण डायबिटीज़ के अनियंत्रित होने का संकेत हो सकते हैं और जल्द इलाज जरूरी है।
डायबिटीज़ में पेशाब की समस्या को नजरअंदाज न करें
डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जो शुरुआत में साधारण लक्षणों के साथ आती है, लेकिन यदि समय रहते इसे नियंत्रित न किया जाए तो यह बड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है। बार-बार पेशाब आना एक ऐसा ही लक्षण है जिसे बहुत से लोग मामूली समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यही लक्षण आगे चलकर डिहाइड्रेशन, किडनी डैमेज और नींद की कमी जैसे गंभीर परिणाम दे सकता है।
इसलिए यदि आप बार-बार पेशाब जाने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो लक्षणों को गंभीरता से लें, जांच करवाएं और डॉक्टर की सलाह अनुसार उचित जीवनशैली अपनाएं। एक सतर्क कदम आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।