हाइलाइट्स
- Cancer in India तेजी से बन रहा है एक गंभीर राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट
- ICMR रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक कैंसर के मरीज 15.6 लाख पार कर सकते हैं
- स्तन, मुंह, फेफड़े और सर्वाइकल कैंसर के मामलों में सबसे तेज़ी से इजाफा
- तंबाकू, शराब, गलत जीवनशैली और प्रदूषण बने हैं सबसे बड़े कारण
- इलाज महंगा और जांच सुविधाएं सीमित, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति सबसे चिंताजनक
भारत में कैसे बन रहा है ‘Cancer in India’ एक भयावह चुनौती?
भारत में Cancer in India अब सिर्फ एक मेडिकल शब्द नहीं रहा, बल्कि एक डरावनी हकीकत बन चुका है जो हर आयु वर्ग, हर समाज और हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, जहां 2020 में भारत में करीब 13.9 लाख कैंसर मरीज थे, वहीं 2025 तक यह संख्या 15.6 लाख को पार कर सकती है। यानी लगभग 12% की वृद्धि – जो कि एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है।
कौन-कौन से कैंसर भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं?
स्तन कैंसर (Breast Cancer)
महिलाओं में Cancer in India के मामलों में सबसे तेजी से बढ़ता स्तन कैंसर है। यह खासतौर पर शहरी महिलाओं में तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे हैं:
- देर से शादी और गर्भधारण
- स्तनपान न कराना या कम समय तक कराना
- मोटापा और हार्मोनल असंतुलन
- तनावपूर्ण जीवनशैली
मुंह का कैंसर (Oral Cancer)
पुरुषों में मुंह का कैंसर तेजी से फैल रहा है और इसका मुख्य कारण है:
- तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और शराब
- खराब दांतों की सफाई और नियमित जांच का अभाव
- जागरूकता की कमी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में
फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
Lung Cancer भी अब भारत में सामान्य होते जा रहा है। वायु प्रदूषण, सिगरेट और वर्कप्लेस एक्सपोज़र इसके मुख्य कारण हैं।
अन्य तेजी से बढ़ते कैंसर
- पेट का कैंसर (Stomach Cancer)
- सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)
- कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)
- त्वचा कैंसर (Skin Cancer – मेलेनोमा और नॉन-मेलेनोमा)
इलाज की जटिलता और खर्च: आम आदमी की पहुंच से बाहर
Cancer in India का इलाज न सिर्फ जटिल है बल्कि बेहद महंगा भी है। देश में बड़ी संख्या में कैंसर मरीज़ या तो सही इलाज नहीं पा पाते या इलाज अधूरा छोड़ देते हैं।
प्रमुख समस्याएं:
- सरकारी अस्पतालों में सीमित संसाधन
- AIIMS जैसे अस्पतालों में महीनों की वेटिंग
- प्राइवेट अस्पतालों में लाखों रुपये का खर्च
- ग्रामीण क्षेत्रों में तो जांच केंद्र भी नहीं
क्या कहते हैं आंकड़े और विशेषज्ञ?
ICMR के मुताबिक 2025 तक हर 10 में से 1 व्यक्ति को कैंसर होने की आशंका है। डॉक्टरों और कैंसर संस्थानों की मानें तो भारत में अभी भी 60% कैंसर मरीज़ स्टेज 3 या 4 में पहुंचने के बाद ही अस्पताल आते हैं, जिससे इलाज की सफलता दर कम हो जाती है।
‘Cancer in India’ के प्रमुख कारण
बिगड़ती जीवनशैली
- अनियमित नींद
- तनाव और डिप्रेशन
- मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक उपयोग
खराब खानपान
- प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स
- सब्जियों और फलों का अभाव
- अधिक नमक और चीनी का सेवन
प्रदूषण
- वायु और जल प्रदूषण
- प्लास्टिक और केमिकल्स के अधिक उपयोग
- औद्योगिक कचरा और कीटनाशकों का असर
तंबाकू और शराब
Cancer in India के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर तंबाकू और शराब हैं, जो अकेले ही देश में 40% कैंसर मामलों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।
कैंसर से बचाव: समय रहते कदम ज़रूरी
नियमित स्वास्थ्य जांच
हर व्यक्ति को साल में एक बार पूरा चेकअप कराना चाहिए, खासतौर पर 40 की उम्र के बाद।
तंबाकू और शराब से दूरी
यह सबसे प्रभावी कदम है। युवाओं को विशेष रूप से शिक्षित करने की जरूरत है।
संतुलित आहार और व्यायाम
रोजाना 30 मिनट की वॉक, हरी सब्जियां और पानी पर्याप्त मात्रा में लेना बेहद जरूरी है।
महिला स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
- मैमोग्राफी (40+ उम्र के बाद)
- HPV वैक्सीन
- मासिक स्तन जांच की आदत
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान
योग, ध्यान और सकारात्मक सोच से तनाव को कम किया जा सकता है।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. सीमा चौधरी (ऑन्कोलॉजिस्ट, दिल्ली AIIMS) कहती हैं,
“भारत में Cancer in India की भयावहता को रोकने के लिए सिर्फ मेडिकल सिस्टम नहीं, पूरे समाज को आगे आना होगा। हमें जागरूकता और रोकथाम को प्राथमिकता बनाना होगा।”
अब भी समय है संभलने का
Cancer in India अब व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय समस्या बन चुका है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दशक में यह बीमारी भारत के लिए एक महामारी की तरह बन सकती है। जरूरी है कि हम जागरूक हों, बचाव को प्राथमिकता दें और नियमित जांच को जीवन का हिस्सा बनाएं।