Cancer Causes

क्या एक मामूली सा घाव बन सकता है मौत की वजह? मुंह के कैंसर की ये खामोश चाल चौका देगी!

Health

हाइलाइट्स:

  • Cancer Causes में एक अनदेखा कारण बन रहा है मुंह का अल्सर, जिससे बढ़ रहा है माउथ कैंसर का खतरा।
  • डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार होने वाला मुंह का घाव हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत।
  • तंबाकू, गुटखा के अलावा तेज ब्रशिंग और दांतों से कट लगना भी है Cancer Causes में शामिल।
  • अल्सर अगर 2 हफ्तों से ज्यादा समय तक न भरें तो तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी।
  • रिम्स रांची की एक्सपर्ट डॉक्टर सुगंधा वर्मा ने बताए Cancer Causes से जुड़े गहरे तथ्य।

माउथ अल्सर से कैंसर: एक अनदेखा लेकिन गंभीर खतरा

भारत में Cancer Causes में एक प्रमुख कारण तंबाकू और गुटखा का सेवन माना जाता है। लेकिन अब डॉक्टर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मुंह के अल्सर, जो आमतौर पर लोग मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, वास्तव में Cancer Causes की एक गंभीर वजह हो सकते हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

डॉ. सुगंधा वर्मा की चेतावनी

ओरल कैंसर विशेषज्ञ डॉ. सुगंधा वर्मा, जो रिम्स रांची के डेंटल इंस्टीट्यूट में ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग में कार्यरत हैं, बताती हैं कि कई बार ब्रशिंग करते समय या दांतों की नोंक से गाल में कट लग जाता है। इससे बनने वाले अल्सर अगर समय के साथ ठीक न हों, तो यह मुंह के कैंसर यानी Cancer Causes की शुरुआत हो सकती है।

 अल्सर से कैसे होता है मुंह का कैंसर?

 एक कट, जो बन सकता है जानलेवा

शरीर में अधिकांश घाव समय पर भर जाते हैं, लेकिन यदि मुंह का अल्सर दो सप्ताह से अधिक समय तक बना रहता है, तो यह Cancer Causes में गिना जा सकता है। डॉ. वर्मा के अनुसार, “यदि बार-बार उसी स्थान पर घाव हो रहा है या अल्सर का आकार बढ़ रहा है, तो यह एक गंभीर संकेत है।”

मुंह के कैंसर के अन्य शुरुआती संकेत

केवल अल्सर नहीं, कई अन्य लक्षण भी करें सतर्क

Cancer Causes से जुड़ी समस्याओं को पहचानना तभी संभव है जब लोग अपने शरीर के संकेतों को समझें। मुंह के कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

  • लगातार गले में खराश रहना
  • आवाज में बदलाव
  • खाने या निगलने में परेशानी
  • कानों में दर्द या खून आना
  • मसूड़ों और जीभ में सूजन

यदि ये लक्षण 15 दिन से अधिक समय तक बने रहें, तो तुरंत विशेषज्ञ से मिलना जरूरी है।

Cancer Causes को पहचानने की जांच प्रक्रिया

 कैसे पता करें कि अल्सर सामान्य है या कैंसर की शुरुआत?

कैंसर की पुष्टि के लिए डॉक्टर पहले फिजिकल जांच करते हैं। इसके बाद कुछ विशेष परीक्षण किए जाते हैं:

  • बायोप्सी (Biopsy): जिससे घाव के कैंसरस सेल्स की जांच होती है।
  • इमेज टेस्टिंग (Imaging): जैसे कि MRI, CT स्कैन आदि।
  • एंडोस्कोपी (Endoscopy): जिससे मुंह के अंदरूनी हिस्सों को गहराई से जांचा जाता है।

इन सभी टेस्ट से पता चलता है कि अल्सर सामान्य है या Cancer Causes की गंभीर श्रेणी में आता है।

 बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है

Cancer Causes से कैसे बचें?

मुंह के कैंसर से बचने के लिए जरूरी है जीवनशैली में बदलाव। डॉ. वर्मा बताती हैं:

  • दिन में दो बार ब्रश करना और हर भोजन के बाद कुल्ला करना
  • गुटखा, तंबाकू, सिगरेट और शराब से पूरी तरह परहेज
  • बहुत गर्म, तीखा और एसिडिक भोजन से बचाव
  • दांतों की नियमित जांच कराना
  • जीभ, मसूड़े और गालों की खुद से हर हफ्ते जांच करना

अगर आप इन आदतों को अपनाते हैं, तो आप खुद को Cancer Causes से काफी हद तक बचा सकते हैं।

 समाज में जागरूकता की ज़रूरत

हर व्यक्ति को जानना चाहिए ये खतरे

भारत में आज भी कई लोग मुंह के अल्सर को मामूली समझकर इलाज नहीं कराते। ये जागरूकता की कमी का परिणाम है। अगर आम जनता को यह बताया जाए कि Cancer Causes केवल तंबाकू नहीं बल्कि लंबे समय तक रहने वाले अल्सर भी हो सकते हैं, तो माउथ कैंसर के मामलों में कमी लाई जा सकती है।

हर अल्सर को हल्के में न लें

हर घाव केवल दर्द या जलन नहीं होता, कई बार वो कैंसर का पहला संकेत बन सकता है। इसलिए जब भी मुंह में कोई घाव दो हफ्तों तक न भरे, उसमें से खून आए या वह बढ़ता जाए, तो इसे Cancer Causes मानकर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *