हाइलाइट्स
- ब्लड ग्रुप के आधार पर बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
- ब्लड ग्रुप A और B वालों को O ब्लड ग्रुप की तुलना में 8-15% तक ज़्यादा खतरा
- खून के थक्के जमने की प्रवृत्ति बनती है दिल की बीमारियों का कारण
- लाइफस्टाइल सुधार कर कम किया जा सकता है हार्ट अटैक का रिस्क
- ब्लड ग्रुप को जानना अब सिर्फ ट्रांसफ्यूजन के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी ज़रूरी
ब्लड ग्रुप और दिल की बीमारियों के बीच अनदेखा रिश्ता
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। आमतौर पर इनके पीछे खराब खान-पान, नींद की कमी, स्मोकिंग और तनाव जैसे कारण गिनाए जाते हैं। लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च ने एक और चौंकाने वाला कारण सामने रखा है — ब्लड ग्रुप।
जी हां, अब आपका ब्लड ग्रुप सिर्फ ब्लड डोनेशन या मेडिकल ट्रांसफ्यूजन तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह आपकी दिल की सेहत को भी प्रभावित कर सकता है।
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा की गई एक व्यापक रिसर्च में लगभग चार लाख लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन में यह जानने की कोशिश की गई कि क्या किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप उसके हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकता है।
रिसर्च के मुख्य निष्कर्ष:
- जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O नहीं था, उनमें हार्ट अटैक का खतरा ज़्यादा पाया गया।
- A और B ब्लड ग्रुप वाले लोग, O ग्रुप की तुलना में 8% से 15% तक ज़्यादा रिस्क पर थे।
- A ब्लड ग्रुप वालों को हार्ट फेलियर का खतरा 11% तक अधिक होता है।
- B ब्लड ग्रुप वालों में दिल की धमनियों में ब्लॉकेज होने की संभावना सबसे ज़्यादा पाई गई।
क्यों होता है A और B ब्लड ग्रुप वालों को ज्यादा खतरा?
अब सवाल उठता है कि आखिर A और B ब्लड ग्रुप वालों को इतना अधिक खतरा क्यों होता है? इसका कारण शरीर में खून के थक्के बनने की प्रवृत्ति से जुड़ा हुआ है।
वैज्ञानिक कारण:
- रिसर्च में यह पाया गया कि A और B ब्लड ग्रुप वालों में O ग्रुप के लोगों की तुलना में 44% अधिक खून के थक्के बनने की संभावना होती है।
- ये थक्के दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- ब्लड क्लॉटिंग के अलावा, इन ग्रुप्स में सूजन और ब्लड वेसल डैमेज की घटनाएं भी अधिक देखी गई हैं।
क्या O ब्लड ग्रुप वाले पूरी तरह सुरक्षित हैं?
ये जानना बेहद ज़रूरी है कि O ब्लड ग्रुप वाले लोग भी पूरी तरह से हार्ट अटैक के जोखिम से मुक्त नहीं हैं। हालांकि, उनके शरीर में खून का थक्का जमने की संभावना कम होती है, जिससे उनका रिस्क घटता है।
लेकिन अगर O ब्लड ग्रुप वाला व्यक्ति धूम्रपान करता है, मोटापा है, या जीवनशैली खराब है, तो उसे भी हार्ट अटैक का गंभीर खतरा हो सकता है।
क्या करें अगर आपका ब्लड ग्रुप A या B है?
अगर आपका ब्लड ग्रुप A या B है, तो घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि सजग रहने की आवश्यकता है। आप अपनी दिनचर्या और आदतों को सुधारकर इस जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
दिल की सेहत के लिए अपनाएं ये 5 ज़रूरी आदतें:
1. संतुलित आहार लें
फल, हरी सब्जियां, दालें और साबुत अनाज अपने भोजन में शामिल करें। ट्रांस फैट और शक्कर से परहेज करें।
2. नियमित व्यायाम करें
हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30-45 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें। योग, दौड़ना, तेज़ चलना आदि मददगार हो सकते हैं।
3. तनाव कम करें
ध्यान, प्राणायाम और योग जैसे उपाय तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है।
4. नियमित जांच कराएं
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ईसीजी की समय-समय पर जांच करवाएं।
5. धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
ये दोनों आदतें हृदय रोग के सबसे बड़े कारकों में से हैं। इनसे दूरी बनाना दिल को सुरक्षित करता है।
ब्लड ग्रुप बने चेतावनी, डर नहीं
इस रिसर्च से यह बात स्पष्ट हो गई है कि ब्लड ग्रुप हमारी सेहत का एक अहम संकेतक है, जिसे हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए। हालांकि यह कोई अभिशाप नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से एक चेतावनी है।
आपका ब्लड ग्रुप अगर A या B है तो यह आपको अलर्ट रहने का संकेत देता है, न कि आपको डराने का। जीवनशैली में सुधार, समय पर जांच और सकारात्मक सोच से आप किसी भी जोखिम को मात दे सकते हैं।