हाइलाइट्स
- सेंसेक्स 1,081 अंक चढ़कर 81,678 के पार
- निफ्टी 24,988 पर, पहली बार 25,000 की दहलीज को छुआ
- GST सुधारों की घोषणा और S&P की रेटिंग अपग्रेड से बाजार में जोश
- विदेशी तेल आपूर्ति संकट में राहत, निवेशकों के चेहरे खिले
- फार्मा, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटो और टेलीकॉम शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी
शेयर बाज़ार का ऐतिहासिक सोमवार
भारत के शेयर बाज़ार ने 18 अगस्त 2025 को जबरदस्त उछाल दर्ज किया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1,081 अंकों की छलांग लगाकर 81,678 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 24,950 की सीमा पार कर 24,988 पर बंद हुआ।
यह वृद्धि न सिर्फ़ एक तकनीकी सुधार थी बल्कि निवेशकों के विश्वास की भी झलक थी। पिछले कुछ हफ्तों से जारी मंदी और अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितताओं के बीच यह उछाल एक राहत भरी खबर है।
उछाल के तीन बड़े कारण
1. GST सुधारों की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में संकेत दिए कि सरकार जल्द ही अगली पीढ़ी के GST सुधार लागू करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुधारों से कर ढांचे को और सरल बनाया जाएगा और उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में राहत मिलेगी। इससे कंपनियों की लागत घटेगी और खपत बढ़ेगी, जिसका सीधा असर शेयर बाज़ार पर दिख रहा है।
2. S&P की रेटिंग अपग्रेड
वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P ने भारत की क्रेडिट रेटिंग ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दी। इसका सीधा असर विदेशी निवेश पर पड़ा है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) अब भारत में अधिक निवेश करने को लेकर उत्साहित हैं। रेटिंग सुधार से यह भी संदेश गया है कि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत है और कर्ज़ जोखिम कम हुआ है।
3. तेल आपूर्ति संकट में राहत
हाल ही में हुई ट्रंप–पुतिन वार्ता के बाद रूस से तेल आपूर्ति को लेकर बनी आशंकाएं कम हो गई हैं। इसके चलते कच्चे तेल की कीमतें स्थिर हुई हैं। भारत जैसे आयातक देश के लिए यह राहत की बात है, क्योंकि तेल कीमतों का सीधा असर मुद्रास्फीति और चालू खाते के घाटे पर पड़ता है।
निवेशकों का जोश और बाजार की धारणा
आज का दिन निवेशकों के लिए उत्साहजनक रहा। शुरुआती कारोबार से ही सेंसेक्स और निफ्टी में मजबूती दिखी और पूरे दिन खरीदारी का रुझान जारी रहा।
- विदेशी निवेशकों (FPI) ने भारी खरीदारी की।
- घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भी सपोर्ट दिया।
- मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 3% तक की तेजी दर्ज की गई।
तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि अगर निफ्टी 25,000 के ऊपर टिके रहने में सफल होता है तो आने वाले दिनों में यह 25,300 और 25,500 तक जा सकता है।
कौन से सेक्टर रहे चमकदार?
1. ऑटो सेक्टर
ऑटोमोबाइल कंपनियों जैसे मारुति सुजुकी, M&M और टाटा मोटर्स के शेयरों में 4% से अधिक तेजी आई। वाहन बिक्री के अच्छे आंकड़े और उत्सव सीजन की मजबूत डिमांड ने इस सेक्टर को मजबूती दी।
2. फार्मा सेक्टर
ग्लेनमार्क फार्मा और सन फार्मा जैसे दिग्गज शेयरों में तेजी दर्ज की गई। अमेरिकी बाजार में नई दवाओं की मंजूरी और घरेलू स्तर पर रिसर्च-डेवलपमेंट में सुधार से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
3. टेलीकॉम और इंफ्रास्ट्रक्चर
वोडाफोन आइडिया, NTPC, और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन जैसे शेयरों ने भी आज बाजार को सहारा दिया। सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर जोर और टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा कम होने से इन कंपनियों को फायदा मिला।
IPO और निवेशकों की दिलचस्पी
बाजार में लगातार नए IPO आ रहे हैं और निवेशक उनमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पिछले हफ्ते लॉन्च हुए तीन IPO को रिकॉर्ड सब्सक्रिप्शन मिला। इससे संकेत मिलता है कि इक्विटी बाजार में निवेशक धारणा मजबूत बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय संकेतों का असर
अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों से भी सकारात्मक संकेत मिले। चीन ने अपने विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र में सुधार के संकेत दिए हैं, जिससे वैश्विक निवेशकों का मूड बेहतर हुआ है। भारत पर इसका सीधा असर दिखा और विदेशी निवेशकों ने बड़ी मात्रा में खरीदारी की।
आगे का रास्ता: निवेशकों के लिए क्या रणनीति हो?
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को इस उछाल में बिना सोचे-समझे कूदने से बचना चाहिए। हालांकि, लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह बेहतरीन अवसर है।
- फार्मा और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत हैं।
- ऑटो और कंज्यूमर गुड्स कंपनियों को उत्सव सीजन से बड़ा फायदा होगा।
- टेक्नोलॉजी और डिजिटल पेमेंट सेक्टर में भी अगले 2-3 सालों में जबरदस्त बढ़ोतरी की संभावना है।
18 अगस्त 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने नया कीर्तिमान बनाया और निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। यह उछाल केवल संयोग नहीं बल्कि सुधारों, रेटिंग अपग्रेड और वैश्विक परिस्थितियों का संयोजन है।
आने वाले दिनों में यदि सरकार वाकई GST सुधारों को लागू करती है और आर्थिक नीतियों में स्थिरता बनाए रखती है, तो भारतीय शेयर बाजार 2025 के अंत तक नए रिकॉर्ड बना सकता है।