हाइलाइट्स:
- 2025 की नई MSME support schemes में वित्तीय, तकनीकी और डिजिटल सहायता के साथ व्यापक विस्तार
- ₹30,000 करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज, 50 लाख एमएसएमई को मिलेगा सीधा लाभ
- ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्योगों के लिए “ग्राम उद्योग मिशन” का शुभारंभ
- महिला और अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता
- जीएसटी, क्रेडिट स्कोरिंग, और डिजिटल पोर्टल के ज़रिए पारदर्शी प्रक्रिया
MSME support schemes क्या हैं और क्यों ज़रूरी हैं?
भारत की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) की भूमिका रीढ़ की हड्डी जैसी है। लगभग 11 करोड़ से अधिक लोग इस क्षेत्र से जुड़े हैं और GDP में इसका योगदान 30% से अधिक है।
इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 2025 में MSME क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई MSME support schemes लागू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य वित्तीय सहायता, तकनीकी उन्नयन, बाज़ार तक पहुंच और उद्यमियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है।
सरकार की प्रमुख MSME support schemes 2025 में
वर्तमान सरकार ने बजट 2025 में MSME क्षेत्र को सबसे बड़े पैमाने पर समर्थन देने का निर्णय लिया। आइए जानते हैं प्रमुख योजनाएं:
1. क्रेडिट गारंटी योजना 2.0
- ₹25 लाख तक के लोन पर सरकारी गारंटी
- 2% ब्याज सब्सिडी
- कम क्रेडिट स्कोर वालों को भी ऋण की सुविधा
2. डिजिटल MSME अभियान
- व्यवसाय संचालन के लिए मुफ्त ERP सॉफ्टवेयर
- जीएसटी और इनवॉइसिंग को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया
- डिजिटली ट्रेंडिंग का निःशुल्क प्रशिक्षण
3. “ग्राम उद्योग मिशन”
- ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख MSME इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य
- खादी, हथकरघा, और स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ा जाएगा
- पंचायत स्तर पर इन्क्यूबेशन सेंटर
4. महिला MSME उद्यमिता योजना
- 5 लाख तक ब्याज मुक्त लोन
- महिला स्वयं सहायता समूहों को तकनीकी प्रशिक्षण
- महिला उद्यमियों को जीएसटी और टेंडर में प्राथमिकता
₹30,000 करोड़ का MSME प्रोत्साहन पैकेज: क्या-क्या है शामिल?
2025 में घोषित यह पैकेज भारत के 50 लाख MSME व्यवसायों को सीधा लाभ देगा। इसमें शामिल हैं:
- 3 साल तक टैक्स में छूट
- हर राज्य में MSME हेल्पडेस्क की स्थापना
- ई-ट्रेड प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए 100% सब्सिडी
- MSME क्लस्टर के विकास के लिए ₹5,000 करोड़ की विशेष निधि
यह MSME support schemes सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत एक अहम कड़ी साबित हो रही हैं।
कोरोना के बाद MSME क्षेत्र की स्थिति और अब की तुलना
कोरोना काल में MSME क्षेत्र को जबरदस्त झटका लगा था। लाखों यूनिट्स बंद हुईं, रोजगार घटा, और कर्ज चुकाने में मुश्किलें आईं। लेकिन 2025 तक आते-आते सरकार की नीतियों और MSME support schemes ने स्थिति बदल दी है।
तुलना तालिका
मापदंड | 2020 | 2025 |
---|---|---|
कुल रजिस्टर MSME | 63 लाख | 1.25 करोड़ |
रोजगार | 7 करोड़ | 11.2 करोड़ |
एक्सपोर्ट में योगदान | 48% | 53% |
औसत सालाना ग्रोथ | -3% | +6.8% |
डिजिटल MSME: तकनीक से बदलती पहचान
सरकार ने MSME के डिजिटलीकरण को गति दी है, जिससे छोटे उद्यमी अब भीम ऐप, GST पोर्टल, और Udyam Registration के ज़रिए अपने व्यवसाय को टेक्नोलॉजी से जोड़ पा रहे हैं।
प्रमुख डिजिटल पहलें
- Udyam Assist Portal
- CHAMPIONS हेल्पलाइन
- E-SHRAM पोर्टल
- GeM पोर्टल पर मुफ्त पंजीकरण
ये सभी MSME support schemes छोटे उद्योगों को सरकारी खरीद प्रक्रिया से जोड़ने में मदद करते हैं।
ग्रामीण और कृषि-आधारित MSME के लिए योजनाएं
“PM Vishwakarma योजना”
- पारंपरिक कारीगरों को ₹1 लाख तक बिना ब्याज ऋण
- हथकरघा, माटी कला, लकड़ी, और काष्ठकला से जुड़े उद्यमों को प्राथमिकता
- GI टैग उत्पादों को बढ़ावा
कृषि आधारित MSME
- खाद्य प्रसंस्करण यूनिट्स के लिए 50% तक सब्सिडी
- जैविक उत्पाद MSME को निर्यात में प्राथमिकता
- FPO (Farmers Producer Organizations) को MSME में रजिस्टर कराने की सुविधा
MSME को वैश्विक बाज़ार से जोड़ने की पहल
MSME support schemes के तहत MSME मंत्रालय ने कई देशों के साथ समझौते किए हैं:
- India-UAE MSME Corridor
- UK-India Trade Connect
- ASEAN मार्केट एक्सेस कार्यक्रम
इससे MSME को एक्सपोर्ट, ब्रांडिंग और ट्रेड फेयर में हिस्सा लेने में सहायता मिल रही है।
विशेषज्ञों की राय और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
प्रो. संजय मल्होत्रा (भारतीय व्यापार स्कूल):
“2025 की MSME support schemes पहली बार इतनी समग्र दृष्टि से लागू की गई हैं। इससे न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि उद्यमिता को भी नई पहचान मिलेगी।”
फिक्की की रिपोर्ट:
“MSME का डिजिटलीकरण, फंडिंग और ग्लोबल कनेक्टिविटी इसे भारत की अगली ग्रोथ ड्राइविंग फोर्स बना सकते हैं।”
आंकड़ों में MSME की मजबूती
आंकड़ा | 2024 | 2025 (Q1) |
---|---|---|
नए पंजीकरण | 11 लाख | 19 लाख |
महिला उद्यमी | 16% | 24% |
ग्रामीण MSME | 32% | 45% |
डिजिटल MSME इकाइयाँ | 5.8 लाख | 9.2 लाख |
आत्मनिर्भर भारत का आधार बन रही हैं MSME support schemes
सरकार की 2025 की MSME support schemes ने भारत के छोटे उद्यमों को नया जीवन दिया है। अब ये इकाइयाँ केवल जीविका का माध्यम नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता के स्तंभ बनती जा रही हैं।
अगर इन योजनाओं का क्रियान्वयन राज्य और ज़िला स्तर पर सुचारू रूप से हुआ, तो भारत 2030 तक दुनिया की टॉप 3 MSME अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो सकता है।