हाइलाइट्स
- IRS Officer अमित कुमार सिंघल को 45 लाख की रिश्वत मामले में किया गया गिरफ्तार
- दिल्ली, मोहाली, मुंबई और पंजाब में सीबीआई की बड़ी छापेमारी
- 3.5 किलो सोना, 2 किलो चांदी और ₹1 करोड़ नकद जब्त
- 25 बैंक खाते, एक लॉकर और अचल संपत्तियों के दस्तावेज मिले
- 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए दोनों आरोपी
नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक IRS Officer और उसके सहयोगी को एक गंभीर रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। यह मामला न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि यह बताता है कि किस प्रकार से उच्च पदों पर बैठे अधिकारी भी कानून की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करते हैं।
क्या है पूरा मामला?
₹45 लाख की रिश्वत की मांग
सीबीआई ने 31 मई 2025 को इस केस को दर्ज किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि IRS Officer अमित कुमार सिंघल ने आयकर विभाग से राहत दिलाने के बदले उससे ₹45 लाख की रिश्वत की मांग की थी। इतना ही नहीं, अधिकारी ने यह धमकी भी दी कि अगर पैसे नहीं दिए गए, तो कानूनी कार्रवाई, भारी जुर्माना और उत्पीड़न झेलना पड़ेगा।
जाल बिछाकर रंगे हाथों गिरफ्तारी
सीबीआई ने इस मामले में एक ट्रैप ऑपरेशन चलाया। 1 जून 2025 को हर्ष कोटक नाम के व्यक्ति को मोहाली स्थित अधिकारी के आवास पर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। वहीं, IRS Officer अमित कुमार सिंघल को दिल्ली के वसंत कुंज स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई की छापेमारी में क्या मिला?
भारी मात्रा में कैश और कीमती धातु
सीबीआई ने देश के चार प्रमुख शहरों – दिल्ली, मोहाली, मुंबई और पंजाब में एक साथ छापेमारी की। इस छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और संपत्तियां बरामद की गईं।
जब्त की गई वस्तुएं:
- करीब 3.5 किलो सोना (कीमत लगभग ₹2.3 करोड़)
- 2 किलो चांदी (अनुमानित मूल्य ₹2 लाख)
- ₹1 करोड़ नकद
- 25 बैंक खातों के दस्तावेज
- एक लॉकर की जानकारी
- दिल्ली, मुंबई और पंजाब में अचल संपत्तियों के दस्तावेज
इन सभी वस्तुओं की कुल अनुमानित कीमत ₹10 करोड़ से अधिक मानी जा रही है।
कौन हैं IRS Officer अमित कुमार सिंघल?
2007 बैच के अधिकारी
IRS Officer अमित कुमार सिंघल 2007 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Service) अधिकारी हैं। वर्तमान में वे दिल्ली के ITO स्थित CR बिल्डिंग में डायरेक्टरेट ऑफ टैक्सपेयर सर्विसेज में एडिशनल डायरेक्टर जनरल के पद पर तैनात थे। उनका कार्यक्षेत्र करदाता सेवाओं से जुड़ा हुआ था, लेकिन उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्वतखोरी का गंभीर अपराध किया।
भ्रष्टाचार पर फिर से उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि जब IRS Officer जैसे उच्च पदों पर आसीन लोग ही रिश्वतखोरी में लिप्त पाए जाएं, तो आम जनता कैसे भरोसा करे? आयकर विभाग जैसी संवेदनशील संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता अब और भी ज्यादा महसूस की जा रही है।
अदालत में पेशी और अगला कदम
14 दिन की न्यायिक हिरासत
दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई ने बताया है कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है, और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे संभव हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानून के जानकारों का मानना है कि IRS Officer के खिलाफ मिले प्रमाण इतने ठोस हैं कि उन्हें सजा मिलना तय है। वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मल्होत्रा के अनुसार, “इस तरह के मामलों में अदालतें सख्त रुख अपनाती हैं और दोष सिद्ध होने पर लंबी सजा दी जाती है।”
CBI की छवि और जिम्मेदारी
इस मामले में CBI की तत्परता और कार्यशैली की सराहना हो रही है। एक ऐसे समय में जब भ्रष्टाचार के मामलों पर सरकार की सख्ती के दावे किए जा रहे हैं, CBI की यह कार्रवाई न केवल एक मिसाल पेश करती है बल्कि एक चेतावनी भी है कि कानून से ऊपर कोई नहीं।
यह पूरा मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम एक ऐसी व्यवस्था में रह रहे हैं, जहां ईमानदारी अपवाद बनती जा रही है? जब एक IRS Officer अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों की संपत्ति जमा कर सकता है, तो क्या हमें व्यवस्था में और अधिक पारदर्शिता लाने की आवश्यकता नहीं है? यह वक्त है, जब ऐसे मामलों को उदाहरण बनाकर सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और अधिकारी ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे।