हाइलाइट्स
- रक्षाबंधन 2025 पर इस बार भी भद्रा काल का साया, लेकिन चिंता की बात नहीं
- 9 अगस्त शनिवार को देशभर में उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा राखी का पर्व
- सुबह 5:30 से दोपहर 1:20 तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
- इस रक्षाबंधन पर बन रहे हैं शोभन योग और अभिजीत मुहूर्त जैसे कई शुभ संयोग
- साल 1930 में भी 9 अगस्त को शनिवार के दिन ही मनाया गया था रक्षाबंधन का पर्व
रक्षाबंधन 2025 का पर्व इस वर्ष 9 अगस्त, दिन शनिवार को पूरे देश में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा भी माना जाता है। सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्योहार हर साल नई ऊर्जा, प्रेम और सुरक्षा की भावना को संजोता है।
भद्रा काल: इस बार रक्षाबंधन 2025 पर भी है प्रभाव
कब से कब तक रहेगा भद्रा काल?
हर वर्ष की तरह रक्षाबंधन 2025 पर भी भद्रा काल का साया मंडरा रहा है, लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह चिंता की बात नहीं है। भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त को रात 1:52 बजे तक रहेगा। अच्छी बात यह है कि यह काल सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा, जिससे रक्षाबंधन 2025 के दिन पूरे शुभ समय में राखी बांधी जा सकेगी।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: रक्षाबंधन 2025 को मिलेगा लंबा समय
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, रक्षाबंधन 2025 पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:20 बजे तक रहेगा। इसका अर्थ है कि बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए पूरे 7 घंटे 50 मिनट का अवसर मिलेगा। यह समय अत्यंत शुभ माना गया है और इसी दौरान रक्षासूत्र बांधना उत्तम रहेगा।
रक्षाबंधन 2025 पर बन रहे हैं कई शुभ संयोग
शोभन योग
रक्षाबंधन 2025 के दिन शोभन योग का भी विशेष महत्व रहेगा। यह योग रात 2:15 बजे तक रहेगा और इस दौरान राखी बांधना अत्यंत फलदायक माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त 10 अगस्त को सुबह 4:22 से 5:04 तक रहेगा। हालांकि यह अगले दिन है, लेकिन धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ के लिए यह समय श्रेष्ठ माना गया है।
अभिजीत मुहूर्त
9 अगस्त को रक्षाबंधन 2025 के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:17 से 12:53 तक रहेगा, जो कि एक अत्यंत शुभ काल है। इस समय में कोई भी शुभ कार्य करने से सकारात्मक फल की प्राप्ति होती है।
इतिहास से जुड़ता है रक्षाबंधन 2025 का यह विशेष दिन
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि साल 1930 में भी रक्षाबंधन 2025 की तरह ही 9 अगस्त को शनिवार के दिन यह पर्व मनाया गया था। उस समय पूर्णिमा का योग शाम 4:27 बजे तक था और तिथि दोपहर 2:07 पर आरंभ हुई थी। यह ऐतिहासिक समानता इस बार के रक्षाबंधन को और भी खास बना देती है।
रक्षाबंधन 2025: एक पर्व, अनेक भावनाएं
रक्षाबंधन 2025 केवल एक त्योहार नहीं बल्कि बहनों के स्नेह और भाइयों की सुरक्षा के संकल्प का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर, मिठाई खिलाकर और राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई, बहन की रक्षा का वचन देते हैं।
आज के युग में रक्षाबंधन 2025 का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि यह पर्व सामाजिक समरसता और पारिवारिक मूल्यों की याद दिलाता है। कई जगहों पर अब बहनें भी अपने छोटे भाइयों से राखी बंधवाती हैं और उन्हें भी सुरक्षा का वचन देती हैं।
सावधानियां: रक्षाबंधन 2025 के दिन क्या करें और क्या न करें?
करें:
- शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधें
- भाई को तिलक लगाने से पहले पूजा करें
- मिठाई और नारियल जैसे शुभ चीजें साथ रखें
न करें:
- भद्रा काल में राखी न बांधें
- खाली पेट पूजा न करें
- राखी बांधने के बाद झगड़ा या कटु वचन से परहेज करें
आधुनिक दौर में रक्षाबंधन 2025 का बदलता स्वरूप
रक्षाबंधन 2025 में सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने राखी भेजने को आसान बना दिया है। जो बहनें दूर-दराज में रहती हैं, वे अब ऑनलाइन राखी भेजकर भी इस पर्व को जीवंत बनाए रखती हैं।
रक्षाबंधन अब केवल पारिवारिक नहीं बल्कि सामाजिक स्तर पर भी मनाया जाने लगा है। बहनें पुलिस, सेना, और सामाजिक रक्षकों को राखी बांधकर उनके योगदान को सम्मान देती हैं।
रक्षाबंधन 2025 केवल भाई-बहन का पर्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की वह भावना है जो रिश्तों को जोड़ती है, भावनाओं को पोषित करती है और सुरक्षा व प्रेम का संदेश देती है। इस वर्ष शुभ मुहूर्तों और ऐतिहासिक संयोगों के साथ यह पर्व और भी विशेष हो गया है। आप भी इस रक्षाबंधन पर अपने प्रियजनों के साथ इस अद्भुत पर्व को प्रेम और श्रद्धा से मनाएं।