हाइलाइट्स
- Full Moon Rituals के दौरान दीप जलाना बेहद शुभ माना जाता है
- 11 जून 2025 को मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा, सुबह 11:35 बजे से तिथि शुरू
- नदी में स्नान व दीपदान करने से पितृ दोष होता है दूर
- तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर करें लक्ष्मी पूजन
- मुख्य द्वार पर दीप जलाने से घर में सुख-समृद्धि का होता है प्रवेश
Full Moon Rituals: क्यों है ज्येष्ठ पूर्णिमा का इतना महत्व?
ज्येष्ठ पूर्णिमा न केवल चंद्र दर्शन और व्रत का दिन होता है, बल्कि यह एक विशेष Full Moon Rituals का अवसर भी है, जो सनातन परंपरा में अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। इस दिन स्नान, दान और दीपदान जैसे कर्म विशेष फलदायी माने जाते हैं। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति, पितृ शांति और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय
🕉 वैदिक पंचांग के अनुसार:
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 10 जून 2025, सुबह 11:35 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 जून 2025, दोपहर 01:13 बजे
- चंद्रोदय (Moonrise): 10 जून, रात 8:01 बजे
इन शुभ समयों में किए गए Full Moon Rituals विशेष प्रभावकारी होते हैं।
दीप जलाने के Full Moon Rituals: करें मां लक्ष्मी का स्वागत
नदी में स्नान व दीपदान
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर Full Moon Rituals की शुरुआत पवित्र नदी में स्नान से होती है।
- स्नान के बाद दीपदान करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- यह कर्म पितृ दोष को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
तुलसी के पास दीपक जलाना
- सुबह स्नान के बाद तुलसी को जल अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
- तुलसी पूजन से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य की वृद्धि होती है। घर के मुख्य द्वार पर दीपक
- पूर्णिमा की रात घर के प्रवेश द्वार पर दीपक जलाना एक अचूक Full Moon Rituals में शामिल है।
- इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और शुभ ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- मां लक्ष्मी के घर में वास से दरिद्रता का अंत होता है।
पूर्णिमा व्रत का महत्व
Full Moon Rituals में व्रत का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर व्रत करने से—
- मन की एकाग्रता बढ़ती है
- पाप नष्ट होते हैं
- आत्मिक शांति प्राप्त होती है
- रोगों से मुक्ति मिलती है
व्रती को चाहिए कि वह दिनभर जल, फल और दूध पर रहे और शाम को दीप प्रज्वलन व विष्णु पूजन करें।
भगवान विष्णु की पूजा कैसे करें?
Full Moon Rituals के अंतर्गत भगवान विष्णु की पूजा इस प्रकार करें:
पूजा विधि:
- स्वच्छ स्थान पर विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- उन्हें पीले फूल, चंदन, तुलसी दल अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- अंत में आरती कर नैवेद्य अर्पण करें।
यह विधि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों को प्रसन्न करती है।
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, Full Moon Rituals करने से—
- चंद्र दोष समाप्त होता है
- मन शांत रहता है
- मानसिक रोगों से बचाव होता है
- व्यापार में वृद्धि और घर में सुख-शांति आती है
विशेषकर ज्येष्ठ पूर्णिमा को किया गया दीपदान संतान सुख, वैवाहिक जीवन और करियर में स्थिरता लाता है।
दीपक जलाने की वैज्ञानिकता
- दीपक का प्रकाश घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है
- घी से जलाया गया दीपक वातावरण को शुद्ध करता है
- मनोवैज्ञानिक रूप से दीपक मानसिक तनाव को कम करता है
- धार्मिक दृष्टि से यह साधना में सहायता करता है
Full Moon Rituals का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक समन्वय जीवन में संतुलन और समृद्धि लाता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा केवल एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि एक अवसर है अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का। इस दिन किए गए Full Moon Rituals न केवल आध्यात्मिक उन्नति देते हैं, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा से घर-परिवार में स्थायी सुख-समृद्धि भी आती है। दीप जलाने की परंपरा का पालन कर आप अपने जीवन को आलोकित कर सकते हैं। तो इस पूर्णिमा पर दीप जलाएं, पुण्य कमाएं और जीवन में उजास लाएं।