दिमाग कंप्यूटर की तरह तेज होगा, नपुंसकता और कैल्शियम की कमी का समाधान है यह दवा

Health

हाइलाइट्स

  • चूना को आयुर्वेद में अमृत समान माना गया है, कई बीमारियों की सस्ती और प्रभावी दवा है।
  • पीलिया, नपुंसकता और एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों में चूना कारगर साबित होता है।
  • गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए चूना कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत माना जाता है।
  • हड्डियों, घुटनों और रीढ़ की बीमारियों के इलाज में भी चूना मददगार है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार तंबाकू और कत्था से परहेज कर पान में केवल चूना का इस्तेमाल फायदेमंद है।

चूना क्यों है खास?

भारत में चूना को ज्यादातर लोग पान का एक हिस्सा मानते हैं, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यही साधारण सा चूना शरीर के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा में चूना को कैल्शियम का सस्ता और प्रभावी स्रोत माना गया है। यह न केवल शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है बल्कि पीलिया, नपुंसकता, एनीमिया, हड्डियों की कमजोरी और कई अन्य गंभीर बीमारियों में कारगर साबित होता है।

पीलिया और चूना का संबंध

पीलिया यानी जॉन्डिस से पीड़ित मरीजों के लिए चूना किसी रामबाण दवा से कम नहीं है। गन्ने के रस में गेहूं के दाने जितना चूना मिलाकर पिलाने से पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है। ग्रामीण इलाकों में यह तरीका आज भी घरेलू उपचार के रूप में अपनाया जाता है।

नपुंसकता और प्रजनन क्षमता में लाभ

चिकित्सकों का मानना है कि जिन लोगों में शुक्राणुओं की कमी होती है, उन्हें नियमित रूप से गन्ने के रस के साथ चूना दिया जाए तो धीरे-धीरे उनकी प्रजनन क्षमता बढ़ने लगती है। यही नहीं, जिन महिलाओं के अंडे नहीं बनते, उनके लिए भी चूना फायदेमंद है। यह शरीर में संतुलन बनाकर प्राकृतिक तरीके से प्रजनन क्षमता को बेहतर करता है।

बच्चों और छात्रों के लिए वरदान

छोटे बच्चों की लंबाई बढ़ाने और स्मरण शक्ति को तेज करने में चूना मददगार साबित होता है। दही, दाल या पानी के साथ थोड़ी मात्रा में चूना देने से बच्चों की मानसिक और शारीरिक क्षमता में सुधार देखा गया है। यहां तक कि मतिमंद बच्चों के लिए भी यह किसी कारगर औषधि से कम नहीं है।

मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति में राहत

महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी तकलीफें आम हैं। ऐसे में चूना सबसे सरल और असरदार उपाय है। इसके अलावा, 50 वर्ष की उम्र के बाद जब मासिक धर्म बंद हो जाता है, तब भी चूना महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और कैल्शियम की कमी को पूरा करता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष लाभ

गर्भावस्था में कैल्शियम की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। अनार के रस या गन्ने के रस में चूना मिलाकर नौ महीने तक लगातार देने से कई फायदे होते हैं:

  • प्रसव सामान्य होता है और जटिलता कम होती है।
  • बच्चा स्वस्थ और तंदरुस्त पैदा होता है।
  • बच्चे का प्रतिरोधक तंत्र मजबूत होता है।
  • बच्चे की बुद्धि और आईक्यू बेहतर होता है।

हड्डियों और रीढ़ की बीमारियों का इलाज

चूना हड्डियों के लिए प्राकृतिक पूरक है। घुटनों का दर्द, कमर दर्द, कंधे का दर्द और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्याओं में चूना असरदार होता है। टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने में भी यह मदद करता है। यही नहीं, रीढ़ की हड्डी में आने वाले गैप को भरने की क्षमता भी इसमें होती है।

खून की कमी और एनीमिया में लाभकारी

आज के समय में एनीमिया यानी खून की कमी एक आम समस्या है। ऐसे में चूना अनार या संतरे के रस के साथ लेना बेहद लाभकारी है। यह खून बनाने की प्रक्रिया को तेज करता है और शरीर को ऊर्जा से भर देता है।

मुंह की समस्याओं का समाधान

यदि किसी को दांतों में ठंडा-गरम लगने की समस्या हो, या मुंह में छाले हों, तो चूने का पानी पीने से तुरंत राहत मिलती है। यह मुंह की समस्याओं को जड़ से खत्म करने का असरदार घरेलू उपाय है।

चूना कैसे खाएं?

  • गेहूं के दाने के बराबर मात्रा ही लें।
  • सुबह खाली पेट पानी, दही या दाल में मिलाकर खा सकते हैं।
  • गन्ने या अनार के रस के साथ लेना सबसे लाभकारी है।
  • ध्यान रहे, पथरी के रोगी को चूना नहीं खाना चाहिए।

चूना और पान: सही तरीका क्या है?

भारत में पान खाने की परंपरा है। पान में डाला गया चूना शरीर के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसमें कत्था, तंबाकू और सुपारी मिलाने से नुकसान होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पान में इलायची, सौंठ, लौंग या केसर जैसे तत्व मिलाकर खाया जाए तो यह न केवल स्वादिष्ट बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है।

सावधानी और निषेध

  • पथरी के मरीजों को चूना नहीं लेना चाहिए।
  • मात्रा से ज्यादा चूना खाना हानिकारक हो सकता है।
  • हमेशा शुद्ध और सीमित मात्रा में ही चूना सेवन करें।

चूना केवल पान का हिस्सा नहीं बल्कि प्राकृतिक औषधि है। इसकी मदद से पीलिया, नपुंसकता, एनीमिया, हड्डियों की कमजोरी, मासिक धर्म की समस्या और यहां तक कि गर्भवती महिलाओं की जरूरतें भी पूरी की जा सकती हैं। हालांकि इसका सेवन सीमित मात्रा में और चिकित्सकीय परामर्श के साथ करना ही सुरक्षित है।

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