हाइलाइट्स
- फरीदाबाद आग हादसा में एसी ब्लास्ट से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत
- ग्रीन फील्ड कॉलोनी में रात के समय हुआ हादसा, बेटा अब भी अस्पताल में भर्ती
- एक्सपर्ट्स का कहना – लगातार चलने से एसी का कंप्रेसर ओवरहीट होकर खतरा बढ़ाता है
- शॉर्ट सर्किट और लापरवाही से बढ़ते हैं हादसे, समय पर सर्विसिंग बेहद जरूरी
- सुरक्षा के लिए एसी के टाइमर, फिल्टर सफाई और आउटर यूनिट पर ध्यान देना अनिवार्य
दर्दनाक हादसे से दहला फरीदाबाद
हरियाणा के फरीदाबाद में फरीदाबाद आग हादसा ने पूरे शहर को झकझोर दिया। ग्रीन फील्ड कॉलोनी में रात को एसी ब्लास्ट के कारण आग लग गई, जिसमें पति-पत्नी और उनकी बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं बेटा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। यह घटना केवल एक परिवार का दुखद अंत नहीं, बल्कि एक बड़ी चेतावनी है कि हमारे घरों में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सही देखभाल न होने पर कितने खतरनाक हो सकते हैं।
क्यों होता है एसी में ब्लास्ट?
कंप्रेसर ओवरहीट होना
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब एसी लगातार लंबे समय तक चलता है तो उसका कंप्रेसर ओवरहीट हो जाता है। यही ओवरहीटिंग अक्सर फरीदाबाद आग हादसा जैसे हादसों की वजह बनती है। लगातार गर्मी और उमस वाले मौसम में मशीन पर दबाव इतना बढ़ जाता है कि आग लगने या ब्लास्ट की संभावना काफी ज्यादा हो जाती है।
शॉर्ट सर्किट का खतरा
रात में जब लोग गहरी नींद में होते हैं, एसी का लगातार चालू रहना शॉर्ट सर्किट की संभावना बढ़ाता है। बिजली के तारों में हल्की सी गड़बड़ी भी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। ठीक यही कारण इस फरीदाबाद आग हादसा में देखने को मिला।
एसी हादसों से बचने के लिए जरूरी कदम
टाइमर का इस्तेमाल करें
रात भर एसी चालू रखने की बजाय टाइमर का इस्तेमाल करें। कुछ घंटों बाद मशीन अपने आप बंद हो जाएगी और कंप्रेसर को ठंडा होने का समय मिल जाएगा।
फिल्टर की नियमित सफाई
एसी के फिल्टर की सफाई हर 10-15 दिन में करनी चाहिए। गंदा फिल्टर मशीन पर अतिरिक्त दबाव डालता है और कूलिंग क्षमता कम करता है। यह लापरवाही भी फरीदाबाद आग हादसा जैसे खतरे का कारण बन सकती है।
सालाना सर्विसिंग अनिवार्य
एसी की सर्विसिंग साल में कम से कम एक बार जरूर कराएं। इससे वायरिंग, प्लग और स्विच बोर्ड की स्थिति की जांच हो जाती है और शॉर्ट सर्किट की संभावना कम होती है।
टर्बो मोड से बचें
एसी का टर्बो मोड तुरंत ठंडक देता है लेकिन मशीन पर अधिक दबाव डालता है। लंबे समय तक इस मोड में एसी चलाना जोखिमभरा है।
आउटर यूनिट की देखभाल
स्प्लिट एसी के आउटर यूनिट पर धूल और मिट्टी जमने से वह ज्यादा गर्म होता है। इसकी सफाई बेहद जरूरी है। ध्यान रखें कि यह काम हमेशा एसी बंद करके ही करें।
पुराना एसी और खतरा
5 साल से ज्यादा पुराने एसी में ब्लास्ट का खतरा और ज्यादा होता है। इसलिए ऐसे उपकरणों की नियमित जांच और समय पर बदलना जरूरी है। फरीदाबाद आग हादसा हमें यह सिखाता है कि तकनीकी लापरवाही और पुरानी मशीनें हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।
विशेषज्ञों की राय
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विशेषज्ञों का कहना है कि हादसों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका सावधानी है। यदि लोग एसी के इस्तेमाल में थोड़ी जागरूकता दिखाएं तो फरीदाबाद आग हादसा जैसे मामले टाले जा सकते हैं।
सबक क्या है?
फरीदाबाद आग हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि चेतावनी है। घरों में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आराम देने के साथ-साथ खतरा भी बन सकते हैं। एसी को सही तरीके से इस्तेमाल करना, समय-समय पर उसकी सर्विसिंग कराना और बिजली की वायरिंग की जांच कराना हमारी जिम्मेदारी है।
फरीदाबाद का यह हादसा उन सभी परिवारों के लिए सबक है जो एसी का लंबे समय तक इस्तेमाल करते हैं। आराम जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है सुरक्षा। फरीदाबाद आग हादसा ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि छोटी-सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी का रूप ले सकती है।