हाइलाइट्स
- जैन धर्म का कलश चोरी होने की घटना से समुदाय में आक्रोश।
- लाल किले के सामने धार्मिक अनुष्ठान के दौरान हुई बड़ी चोरी।
- करीब 1 करोड़ रुपये का सोने-हीरे जड़ा कलश चोरी हुआ।
- सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध कैद, पुलिस ने शुरू की जांच।
- लगातार बढ़ रही चोरी की घटनाओं से दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल।
जैन धर्म का कलश चोरी: लाल किले के सामने से गायब हुआ बहुमूल्य कलश
राजधानी दिल्ली में लाल किले के सामने आयोजित जैन धर्म के धार्मिक अनुष्ठान में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब करोड़ों रुपये मूल्य का जैन धर्म का कलश चोरी हो गया। यह घटना पूरे देशभर में चर्चा का विषय बन गई है। बताया जा रहा है कि कलश रोजाना पूजा के लिए कारोबारी सुधीर कुमार जैन लेकर आते थे। बीते मंगलवार को इस धार्मिक आयोजन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी शामिल हुए थे।
घटना कैसे हुई?
धार्मिक अनुष्ठान के बीच हुई बड़ी चोरी
अनुष्ठान के दौरान स्वागत की अफरातफरी में अचानक जैन धर्म का कलश चोरी हो गया। जैसे ही लोगों ने इसे देखा, पूरे पंडाल में हंगामा मच गया। पुलिस को सूचना दी गई और तुरंत जांच शुरू हुई।
सीसीटीवी फुटेज में कैद संदिग्ध
दिल्ली पुलिस ने बताया कि जैन धर्म का कलश चोरी करने वाले संदिग्ध की गतिविधियां सीसीटीवी फुटेज में कैद हो चुकी हैं। पुलिस ने संदिग्ध की पहचान कर ली है और जल्द ही गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
जैन धर्म का कलश चोरी क्यों खास है?
सोना और हीरे से जड़ा हुआ कलश
जो कलश चोरी हुआ है, वह साधारण नहीं बल्कि बेहद कीमती है। करीब 760 ग्राम सोने का बना यह कलश 150 ग्राम हीरे, माणिक्य और पन्ना से जड़ा हुआ था। इसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये आंकी गई है।
धार्मिक और भावनात्मक महत्व
कारोबारी सुधीर कुमार जैन ने बताया कि यह केवल बहुमूल्य ही नहीं, बल्कि जैन धर्म का कलश चोरी होने से धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि चोर ने धार्मिक वेशभूषा धारण कर इस घटना को अंजाम दिया।
दिल्ली में चोरी की बढ़ती घटनाएं
इंटरनेशनल मोबाइल चोर गैंग का खुलासा
बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके से एक अंतरराष्ट्रीय मोबाइल चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया था। यह गिरोह मेट्रो और बसों में यात्रियों को निशाना बनाता था। चोरी के फोन को कोलकाता के रास्ते बांग्लादेश तस्करी किया जाता था।
बढ़ते अपराध और पुलिस की चुनौती
दिल्ली में आए दिन चोरी, स्नैचिंग और डकैती की घटनाएं सामने आती रहती हैं। जैन धर्म का कलश चोरी की घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब लाल किले जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ऐसी बड़ी चोरी हो सकती है, तो आम इलाकों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पुलिस की कार्रवाई
संदिग्ध की पहचान
दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध की पहचान कर ली है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जल्द ही गिरफ्तारी की संभावना है।
सुरक्षा में लापरवाही पर सवाल
स्थानीय लोगों और जैन समुदाय ने सवाल उठाया है कि इतने बड़े धार्मिक कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त क्यों नहीं थी। आयोजकों का कहना है कि उन्होंने सुरक्षा की पूरी कोशिश की थी, लेकिन चोर ने धार्मिक वेशभूषा का फायदा उठाकर चोरी को अंजाम दिया।
जैन धर्म का कलश चोरी: समुदाय की प्रतिक्रिया
आक्रोश और चिंता
जैन समुदाय के लोगों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह केवल आर्थिक नुकसान नहीं बल्कि धार्मिक आस्था पर भी प्रहार है।
धार्मिक आयोजन पर असर
इस चोरी की वजह से अनुष्ठान की शांति भंग हुई और लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। समुदाय ने मांग की है कि पुलिस जल्द से जल्द अपराधी को गिरफ्तार करे और चोरी हुआ कलश बरामद करे।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा प्रणाली की मजबूती की जरूरत
क्रिमिनोलॉजिस्ट्स का कहना है कि जैन धर्म का कलश चोरी जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध आवश्यक हैं।
अपराधियों की नई रणनीति
विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि अपराधी अब धार्मिक वेशभूषा का सहारा लेकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस को विशेष प्रशिक्षण और तकनीक का इस्तेमाल करना होगा।
लाल किले के सामने हुई जैन धर्म का कलश चोरी की घटना केवल एक चोरी का मामला नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह घटना न सिर्फ जैन समुदाय बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। अब देखना यह होगा कि दिल्ली पुलिस कितनी जल्दी इस मामले का समाधान करती है और चोरी हुए कलश को बरामद करती है।