हाइलाइट्स
- चंद्र ग्रहण 2025: 7 सितंबर की रात होगा इस साल का आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण
- भारत समेत दुनिया के कई देशों में दिखेगा यह खगोलीय नजारा
- रात 9:58 बजे शुरू होकर 1:27 बजे तक चलेगा ग्रहण, कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट
- धार्मिक मान्यता के अनुसार दोपहर 12:59 बजे से सूतक काल शुरू हो जाएगा
- गर्भवती महिलाओं और कुछ राशियों के जातकों को ग्रहण से विशेष सावधानी बरतने की सलाह
चंद्र ग्रहण 2025 का खगोलीय महत्व
भाद्रपद पूर्णिमा की रात 7 सितंबर 2025 को इस साल का आखिरी और बेहद खास चंद्र ग्रहण 2025 लगने जा रहा है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका के कई हिस्सों में दिखाई देगा। खगोल विज्ञान की दृष्टि से यह वह समय होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में समा जाता है। इस बार यह पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे से शुरू होगा और अगले दिन 1:27 बजे समाप्त होगा।
चंद्र ग्रहण 2025 का समय
- ग्रहण की शुरुआत : रात 9 बजकर 58 मिनट
- ग्रहण का मध्यकाल : रात 11 बजकर 41 मिनट
- ग्रहण का समापन : रात 1 बजकर 27 मिनट
इस तरह, कुल मिलाकर चंद्र ग्रहण 2025 करीब 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा।
सूतक काल और उसके नियम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस बार सूतक काल दोपहर 12:59 बजे से ही शुरू हो जाएगा और ग्रहण समाप्ति तक जारी रहेगा।
सूतक काल में कुछ महत्वपूर्ण नियम माने जाते हैं:
- किसी भी प्रकार का शुभ कार्य, धार्मिक आयोजन या यात्रा वर्जित होती है।
- भोजन बनाना या करना वर्जित माना जाता है।
- मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।
चंद्र ग्रहण 2025 का धार्मिक महत्व
भारतीय संस्कृति में चंद्र ग्रहण 2025 का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दौरान मंत्र-जप, ध्यान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
ग्रहण के बाद स्नान करना और भगवान विष्णु तथा चंद्रमा की पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। तुलसी पत्ते डालकर भोजन ग्रहण करना और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न और द्रव्य का दान करना शुभ फल देता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां
- ग्रहण को सीधे आंखों से न देखें।
- नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करें।
- भोजन में तुलसी पत्तों का सेवन करें।
- घर के भीतर ही रहें और कोई नया कार्य शुरू न करें।
ब्लड मून का अद्भुत नजारा
इस बार का चंद्र ग्रहण 2025 पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तब उसका रंग हल्का लाल या नारंगी हो जाता है। इसी को खगोल विज्ञान में ब्लड मून कहा जाता है। 7 सितंबर की रात 11 बजे से यह अद्भुत दृश्य आकाश में दिखाई देने लगेगा।
चंद्र ग्रहण 2025 का राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, इस बार का चंद्र ग्रहण 2025 कुंभ राशि पर लगने जा रहा है। इसका असर अलग-अलग राशियों पर अलग तरह से पड़ेगा।
- नकारात्मक प्रभाव : कुंभ, मीन, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक और मकर राशि वालों को ग्रहण के प्रतिकूल फल मिल सकते हैं।
- सकारात्मक प्रभाव : मेष, वृष, कन्या और धनु राशि वालों के लिए यह ग्रहण लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
भारत में कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण 2025
7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण 2025 भारत के अधिकांश हिस्सों से साफ दिखाई देगा। प्रमुख शहर जहां से यह ग्रहण स्पष्ट रूप से नजर आएगा:
- दिल्ली
- मुंबई
- चेन्नई
- बेंगलुरु
- हैदराबाद
- जयपुर
- लखनऊ
- अहमदाबाद
- कोलकाता
- भोपाल
- नागपुर
- रायपुर
- चंडीगढ़
- पुणे
- गुवाहाटी
चंद्र ग्रहण 2025 में क्या करें और क्या न करें
- ग्रहण के दौरान मंत्र-जप, ध्यान और भजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए।
- अन्न, धातु, रत्न, वस्त्र और गौदान करने से विशेष पुण्य फल मिलता है।
- भोजन, जलपान और नींद से परहेज करना चाहिए।
- रोगी, बच्चे और वृद्धजन इन नियमों से मुक्त होते हैं।
चंद्र ग्रहण 2025 न केवल एक खगोलीय घटना है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह भारत सहित पूरे विश्व के लिए एक अद्भुत नजारा होगा। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण तो कुछ के लिए शुभ संकेतक होगा। हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टि से यह प्रकृति का अद्भुत खेल है, जिसे सुरक्षित तरीके से देखकर मनुष्य ब्रह्मांड की अनोखी झलक पा सकता है।