हाइलाइट्स
- मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा: व्हाइट हाउस में आयोजित बैठक में मेलानिया ट्रंप ने AI शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा पर ज़ोर दिया।
- डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित डिनर में दुनिया के बड़े टेक लीडर्स हुए शामिल।
- बैठक में गूगल, IBM और Code.org जैसे दिग्गज संगठनों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।
- मेलानिया ने कहा कि AI को बच्चों की तरह गाइड करना होगा ताकि उसका उपयोग सुरक्षित और जिम्मेदारी से हो।
- “Take It Down Act” कानून पर चर्चा कर उन्होंने बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा हाल ही में उस समय सुर्खियों में आई जब उन्होंने व्हाइट हाउस में एक हाई-प्रोफाइल बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित टेक्नोलॉजी डिनर से ठीक पहले हुई। खास बात यह रही कि इस बैठक का केंद्र बिंदु था – अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षा को बढ़ावा देना और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा पर ज़ोर
AI को बच्चों की तरह गाइड करने की जरूरत
बैठक में मेलानिया ट्रंप ने एक सशक्त संदेश दिया – “रोबोट अब हमारे बीच हैं। भविष्य अब सिर्फ साइंस फिक्शन नहीं रहा।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा का उद्देश्य केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित दिशा प्रदान करना है।
उनका कहना था कि जैसे माता-पिता बच्चों को शक्ति और स्वतंत्रता देते हैं, लेकिन निगरानी बनाए रखते हैं, उसी तरह टेक कंपनियों को भी AI को बढ़ावा देना चाहिए, पर जिम्मेदारी के साथ।
डिनर से पहले की महत्वपूर्ण बैठक
AI Education Task Force
डिनर से पहले हुई बैठक में मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा विषय पर गहन चर्चा हुई। इस टास्क फोर्स में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, IBM के चेयरमैन अरविंद कृष्णा और Code.org के प्रेसिडेंट कैमरन विल्सन जैसे टेक लीडर्स शामिल थे।
बैठक का मुख्य एजेंडा था – अमेरिका में AI शिक्षा को स्कूल स्तर से ही लागू करना और इसके सुरक्षित उपयोग की रणनीति बनाना।
बच्चों की सुरक्षा और AI
Take It Down Act
मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा की दिशा में उनका सबसे बड़ा कदम “Take It Down Act” कानून है। इस कानून का मकसद AI और डीपफेक तकनीक से होने वाले यौन शोषण और ऑनलाइन उत्पीड़न पर रोक लगाना है।
मेलानिया का मानना है कि सरकार, टेक कंपनियां और माता-पिता मिलकर बच्चों को एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा के AI शिक्षा अधूरी है।
डिनर में शामिल हुए बड़े नाम
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित हाई-प्रोफाइल डिनर में शामिल हुए कुछ प्रमुख चेहरे थे:
- Meta के फाउंडर मार्क जकरबर्ग
- Apple के सीईओ टिम कुक
- Google के सीईओ सुंदर पिचाई और फाउंडर सर्गेई ब्रिन
- Microsoft के सीईओ सत्या नडेला और फाउंडर बिल गेट्स
- OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन
- Oracle की सीईओ सफ्रा कैट्ज़
- AMD की सीईओ लिसा सु
- Micron टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मेहरोत्रा
- Blue Origin के सीईओ डेविड लिम्प
- Scale.ai के फाउंडर एलेक्ज़ेंडर वांग
- Palantir CTO श्याम शंकर
यह डिनर अमेरिका और दुनिया की टेक्नोलॉजी दुनिया के सबसे प्रभावशाली दिमागों को एक मंच पर लाने का प्रतीक था।
मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा: भविष्य की दृष्टि
शिक्षा प्रणाली में बदलाव
बैठक में यह तय हुआ कि मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा की पहल को अमेरिकी स्कूलों में व्यापक स्तर पर लागू किया जाएगा। AI को केवल टेक्निकल विषय के रूप में नहीं, बल्कि जिम्मेदार डिजिटल नागरिकता के हिस्से के रूप में भी पढ़ाया जाएगा।
वैश्विक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह पहल सफल होती है, तो यह न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए शिक्षा और AI सुरक्षा का नया मॉडल बनेगी।
मेलानिया ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा पर हुई यह बैठक न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक स्तर पर एक ऐतिहासिक पहल कही जा सकती है। जहां एक ओर तकनीक की रफ्तार लगातार बढ़ रही है, वहीं मेलानिया का दृष्टिकोण इस बात पर केंद्रित है कि आने वाली पीढ़ी को सही मार्गदर्शन और सुरक्षा दी जाए।
उनका यह संदेश कि “AI को बच्चों की तरह गाइड करना होगा” आज की तकनीकी दुनिया के लिए एक गहरी सीख है।