हाइलाइट्स
- डायबिटीज शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है, खासकर पैरों में इसके शुरुआती लक्षण स्पष्ट दिखाई देते हैं।
- पैरों में लगातार झनझनाहट और जलन होना डायबिटीज का गंभीर संकेत हो सकता है।
- ब्लड शुगर बढ़ने पर पैरों के बाल झड़ना और स्किन का रंग बदलना आम लक्षण हैं।
- टखनों के पास त्वचा का काला पड़ना डायबिटिक डर्मोपैथी का संकेत हो सकता है।
- रात को बार-बार पैरों में ऐंठन होना भी डायबिटीज से जुड़ी नसों की खराबी को दर्शाता है।
डायबिटीज क्या है और क्यों है खतरनाक
डायबिटीज एक मेटाबोलिक बीमारी है जिसमें पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता। इंसुलिन की कमी से शरीर में ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है और धीरे-धीरे इसका असर हृदय, किडनी, लिवर और फेफड़ों तक पहुंच जाता है। डायबिटीज को समय रहते पहचानना और नियंत्रित करना बेहद जरूरी है क्योंकि लंबे समय तक बढ़ा हुआ शुगर स्तर शरीर की छोटी से छोटी नसों को भी नुकसान पहुंचाता है।
पैरों पर क्यों दिखते हैं डायबिटीज के शुरुआती लक्षण
डायबिटीज का असर सबसे पहले पैरों पर इसलिए दिखता है क्योंकि ये शरीर का पूरा भार संभालते हैं और रक्त संचार की किसी भी समस्या का संकेत सीधे इन्हीं में दिखाई देता है। हाई ब्लड शुगर से पैरों की नसें और रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। यही वजह है कि डायबिटीज के शुरुआती लक्षण पैरों में आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
पैरों में डायबिटीज के प्रमुख लक्षण
पैरों में लगातार झनझनाहट
डायबिटीज के मरीजों में पैरों में झनझनाहट होना एक सामान्य लेकिन गंभीर लक्षण है। यह परेशानी अक्सर रात के समय ज्यादा महसूस होती है और इसे पेरिफेरल न्यूरोपैथी कहा जाता है। अगर लंबे समय तक यह समस्या बनी रहे तो यह नसों की क्षति का संकेत है।
पैरों में जलन या आग जैसा अहसास
डायबिटीज के कारण जब नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो पिंडलियों और पैरों में जलन महसूस होती है। यह जलन कभी-कभी इतनी ज्यादा होती है कि मरीज को लगता है मानो पैरों में आग लग गई हो। यह स्थिति आराम करते समय भी बनी रह सकती है।
पैरों के बाल झड़ना
डायबिटीज के चलते रक्त संचार प्रभावित हो जाता है। नतीजतन बालों की जड़ों तक पोषण और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। इसका असर पैरों के बालों पर भी दिखता है, जो अचानक गिरने लगते हैं। यह संकेत है कि पैरों तक खून सही मात्रा में नहीं पहुंच रहा।
टखनों के पास स्किन का काला पड़ना
कई लोग इसे साधारण टैनिंग समझ लेते हैं, लेकिन डायबिटीज में यह डायबिटिक डर्मोपैथी हो सकती है। ब्लड शुगर बढ़ने से शरीर की छोटी रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं और इससे त्वचा का रंग गहरा होने लगता है।
रात में पैरों में ऐंठन होना
डायबिटीज का एक और आम लक्षण है रात को पैरों में बार-बार ऐंठन होना। यह नसों की गड़बड़ी और कमजोर रक्त प्रवाह का परिणाम हो सकता है। जब मांसपेशियों को पर्याप्त खून नहीं मिलता, तो वे अचानक दर्दनाक तरीके से सिकुड़ने लगती हैं।
डायबिटीज के लक्षणों को नजरअंदाज करना क्यों है खतरनाक
अगर पैरों में इन लक्षणों को शुरुआती स्तर पर पहचानकर इलाज न कराया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है। लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज पैरों में अल्सर, घाव और यहां तक कि गैंग्रीन का कारण भी बन सकती है। कई बार यह हालत इतनी बिगड़ जाती है कि पैर काटने तक की नौबत आ जाती है। इसलिए डायबिटीज को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
डायबिटीज के मरीज पैरों की देखभाल कैसे करें
रोजाना पैरों की जांच
डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों की नियमित जांच करनी चाहिए। अगर कहीं घाव, सूजन या रंग में बदलाव दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आरामदायक जूते पहनें
तंग जूते या सैंडल पहनने से पैरों में घाव और जलन बढ़ सकती है। डायबिटीज के मरीजों को हमेशा आरामदायक और हल्के जूते पहनने की सलाह दी जाती है।
पैरों की सफाई और नमी बनाए रखें
पैरों को रोज धोकर साफ रखना और मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करना जरूरी है ताकि त्वचा सूखी न हो। सूखी त्वचा में दरारें बन सकती हैं जो संक्रमण का खतरा बढ़ाती हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल करें
सबसे अहम बात यह है कि डायबिटीज के मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें। इसके लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें, नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार अपनाएं।
विशेषज्ञों की राय
हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों की पहचान समय रहते हो जाए तो मरीज गंभीर जटिलताओं से बच सकता है। खासतौर पर पैरों में आने वाले बदलाव को अनदेखा करना खतरनाक है क्योंकि यह डायबिटीज की जटिलता का पहला संकेत होता है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे समय रहते पहचानना और नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। पैरों में झनझनाहट, जलन, बाल झड़ना या स्किन का काला पड़ना जैसे लक्षण इस बात का संकेत हैं कि ब्लड शुगर लेवल बढ़ गया है। अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया गया तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए जरूरी है कि डायबिटीज के मरीज अपने पैरों की खास देखभाल करें और समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहें