हाइलाइट्स
- महिला सुरक्षा को लेकर फिर खड़ा हुआ बड़ा सवाल, ट्रेन में सिपाही ने की शर्मनाक हरकत
- दिल्ली से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में आरपीएफ सिपाही पर लगाया गया गंभीर आरोप
- सोती हुई महिला यात्री को छूने का आरोप, जागने पर महिला ने दर्ज कराई शिकायत
- सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, हाथ जोड़कर माफी मांगता दिखा कांस्टेबल
- घटना ने रेल यात्राओं के दौरान महिला सुरक्षा पर खड़े किए कई गंभीर सवाल
महिला सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
भारत में महिला सुरक्षा एक बार फिर बहस के केंद्र में है। दिल्ली से प्रयागराज जा रही ट्रेन में 14 अगस्त की रात घटी एक घटना ने समाज को झकझोर दिया है। इस घटना में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के एक सिपाही पर आरोप लगा कि उसने एक अकेली महिला यात्री के साथ न सिर्फ अभद्र व्यवहार किया बल्कि उसे छूने की भी कोशिश की। यह मामला इसलिए और गंभीर हो गया क्योंकि महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन पर होती है, वही इसमें दोषी पाए गए।
घटना कैसे हुई?
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली से प्रयागराज जा रही ट्रेन में एक लड़की अकेले सफर कर रही थी। देर रात वह अपनी बर्थ पर सो गई। उसी समय आरपीएफ का सिपाही आशीष वहां पहुंचा और कथित तौर पर सो रही महिला यात्री को छूने लगा। महिला को जब इस हरकत का एहसास हुआ तो उसने तुरंत विरोध किया और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी सिपाही हाथ जोड़कर माफी मांग रहा है। महिला का कहना है कि अगर उसने शोर मचाया होता तो ट्रेन में मौजूद दूसरे यात्री भी सच देख पाते। वीडियो सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा और आक्रोश है। हर कोई सवाल कर रहा है कि जब सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले ही ऐसी हरकत करेंगे तो आम महिलाएं सुरक्षित कैसे रहेंगी?
सिपाही ने पहले महिला को बैड टच किया और फिर हाथ जोड़कर माफी मांग रहा है !!
महिलाएं कहीं भी नहीं सुरक्षित नहीं हैं !!
14 अगस्त की रात दिल्ली से प्रयाग जाने वाली ट्रेन में एक लड़की अकेले सफर कर रही थी !!
सफर के दौरान वह अपनी सीट पर सो गई तभी RPF का एक सिपाही #आशीष वहां पर आ गया… pic.twitter.com/rVl18GVX6V
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) August 22, 2025
महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दावे?
ट्रेन यात्रा में बढ़ रहा खतरा
रेलवे अक्सर दावा करता है कि महिला सुरक्षा के लिए उसने कई कदम उठाए हैं। महिला कोच में सिपाही तैनात करना, सीसीटीवी कैमरे लगाना और हेल्पलाइन नंबर देना इन दावों का हिस्सा हैं। लेकिन यह घटना बताती है कि ये सारे कदम पर्याप्त नहीं हैं। महिला सुरक्षा के नाम पर किए गए ये दावे अक्सर कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं।
घटनाओं से उपजे भय का माहौल
ऐसी घटनाएं न सिर्फ पीड़ित महिला बल्कि पूरे समाज में भय का माहौल बना देती हैं। महिलाएं जब भी अकेले सफर करती हैं तो उनके मन में हमेशा एक डर बना रहता है। महिला सुरक्षा की गारंटी सरकार और कानून की जिम्मेदारी है, लेकिन बार-बार होने वाली घटनाएं बताती हैं कि इस दिशा में अब भी बहुत काम बाकी है।
कानूनी कार्रवाई और जांच
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, महिला की शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी सिपाही को ड्यूटी से हटा दिया गया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच भी की जा रही है। महिला ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराते हुए स्पष्ट कहा है कि वह इस मामले में न्याय चाहती है।
क्या है कानून?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 और 354A के तहत किसी भी महिला को अनुचित तरीके से छूना या उसकी सहमति के बिना छूने का प्रयास करना अपराध है। इस पर 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में आरोपी सिपाही के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
महिला सुरक्षा पर समाज की जिम्मेदारी
मानसिकता बदलने की जरूरत
महिला सुरक्षा सिर्फ कानून और पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज की भी है। महिलाओं के प्रति गलत सोच और उन्हें ‘कमजोर समझने’ की मानसिकता बदलने की जरूरत है। जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी, तब तक महिला सुरक्षा पर सवाल उठते रहेंगे।
तकनीक का इस्तेमाल
महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का भी इस्तेमाल जरूरी है। हर ट्रेन को सीसीटीवी से लैस करना, हर कोच में इमरजेंसी बटन देना और मोबाइल ऐप्स के जरिए रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करना जरूरी कदम हो सकते हैं।
बार-बार क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं?
भारत में महिला सुरक्षा को लेकर कानून तो कड़े हैं, लेकिन उनका पालन उतनी सख्ती से नहीं होता। महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले अक्सर बिना सजा पाए बच निकलते हैं। इससे अपराधियों के मन में कानून का डर खत्म हो जाता है। यही वजह है कि महिला सुरक्षा से जुड़े मामले लगातार सामने आते रहते हैं।
महिला सुरक्षा की दिशा में जरूरी कदम
- महिला सुरक्षा को प्राथमिकता बनाते हुए रेलवे को तत्काल कड़े नियम लागू करने चाहिए।
- हर ट्रेन में महिला यात्रियों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।
- आरोपी सिपाहियों और अधिकारियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि महिला सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।
- समाज को महिलाओं को बराबरी का अधिकार और सम्मान देने की दिशा में काम करना होगा।
- महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाने होंगे ताकि अपराधियों की मानसिकता बदली जा सके।
यह घटना केवल एक महिला की परेशानी नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए शर्मनाक है। जिस तंत्र पर महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वही अगर आरोपित बन जाए तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। अब वक्त आ गया है कि महिला सुरक्षा को लेकर केवल दावे नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाए जाएं। हर महिला को यह भरोसा मिलना चाहिए कि चाहे वह कहीं भी हो—ट्रेन में, बस में, सड़क पर या घर में—वह सुरक्षित है।