हाइलाइट्स
- पूजा पाल का अखिलेश यादव पर सीधा हमला, दो पन्नों के पत्र में कड़े सवाल उठाए
- समाजवादी पार्टी से निष्कासन के बाद लगातार बढ़ रही है राजनीतिक हलचल
- पूजा पाल बोलीं – “अब मुझे मौत से भी डर नहीं, दोषी होंगे सपा और अखिलेश”
- भाजपा और सपा की नीतियों की तुलना करते हुए कही कई बड़ी बातें
- पिछड़े और दलितों को पार्टी में दूसरे दर्जे का नागरिक बताकर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी से निष्कासन के बाद विधायक पूजा पाल लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात करने के बाद अब उन्होंने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को एक दो पन्नों का लंबा पत्र लिखकर निशाना साधा है। इस पत्र में उन्होंने न केवल अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए, बल्कि अपनी जान को भी खतरा बताया है। पूजा पाल का कहना है कि यदि उनकी हत्या होती है तो इसके लिए समाजवादी पार्टी और स्वयं अखिलेश यादव जिम्मेदार होंगे।
अखिलेश यादव को लिखा दर्द भरा पत्र
पूजा पाल का सख्त लहजा
पूजा पाल ने पत्र में लिखा कि वह एक बेकसूर, विधवा और अति पिछड़े वर्ग की बेटी हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी के लोग सोशल मीडिया पर उन्हें गालियां देते हैं और जान से मारने की धमकियां तक देते हैं। उन्होंने कहा कि निष्कासन का दर्द उनके लिए छोटा है क्योंकि वह पहले ही अपने पति की हत्या का गम झेल चुकी हैं।
हत्या की आशंका
उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह उनके पति की हत्या हुई थी, उसी तरह उनकी भी हत्या हो सकती है। लेकिन अब उन्हें मौत से भी डर नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि उनके पति के हत्यारों को सजा दिलवाकर उन्होंने अपना सबसे बड़ा लक्ष्य पूरा कर लिया है।
समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप
पिछड़े और दलितों के साथ भेदभाव
पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में पिछड़े और दलित दूसरे दर्जे के नागरिक हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे कोई भी मुस्लिम नेता या कार्यकर्ता अपराधी क्यों न हो, पार्टी उन्हें बचाने और मजबूत करने का काम करती है।
अपराधियों के संरक्षण का आरोप
पूजा पाल का कहना है कि उनके पति के हत्यारों को समाजवादी पार्टी और सैफई परिवार ने संरक्षण दिया। जब उन्होंने पार्टी ज्वाइन की तो उन्हें उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा, लेकिन बार-बार प्रयास करने के बावजूद उन्हें केवल निराशा हाथ लगी।
भाजपा की ओर झुकाव
भाजपा की नीति पर भरोसा
पत्र में पूजा पाल ने लिखा कि भाजपा में चाहे कोई कितना भी बड़ा अपराधी हो, उसे सजा मिलती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पति के हत्यारों को भाजपा की सरकार ने सजा दिलाई, जबकि समाजवादी पार्टी ने हमेशा अपराधियों का साथ दिया।
निष्कासन को बताया अन्याय
पूजा पाल ने सवाल उठाया कि यदि उन्हें भाजपा के प्रत्याशी को वोट देने के कारण निष्कासित किया गया है, तो अखिलेश यादव और उनकी पत्नी द्वारा भाजपा को वोट देना कैसे उचित है? उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने कई बार अपने स्वार्थ में कांग्रेस और बसपा को भी समर्थन दिया, लेकिन जब उन्होंने भाजपा को धन्यवाद देने के भाव में समर्थन दिया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
अखिलेश यादव पर सीधा वार
सैफई प्राइवेट लिमिटेड का आरोप
पूजा पाल ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने समाजवादी पार्टी को एक परिवारिक कंपनी की तरह चला रखा है। उनके अनुसार, अखिलेश अपने निजी स्वार्थ के लिए दूसरे दलों को समर्थन दिलाते हैं, लेकिन जब कोई कार्यकर्ता स्वतंत्र निर्णय लेता है, तो उसे कठोर दंड दिया जाता है।
जनता पर भरोसा जताया
पूजा पाल ने साफ कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश की जनता और अपने पाल समाज पर पूरा विश्वास है। उन्होंने चुनौती दी कि चाहे समाजवादी पार्टी उन्हें कितनी भी मुश्किलों में डाले, वह फिर से चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी।
राजनीतिक हलचल तेज
भाजपा में संभावनाओं की चर्चा
पूजा पाल के सुर और उनके हालिया बयानों को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकती हैं। भाजपा के कई नेता उनके पक्ष में खुलकर बयान दे चुके हैं।
सपा की मुश्किलें बढ़ीं
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी पहले ही आंतरिक कलह और जातिगत समीकरणों की चुनौती झेल रही है। पूजा पाल का यह हमला न केवल अखिलेश यादव की छवि पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि पार्टी की रणनीति को भी कमजोर कर सकता है।
पूजा पाल और अखिलेश यादव के बीच बढ़ती तनातनी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। पूजा पाल का यह पत्र केवल व्यक्तिगत नाराजगी नहीं, बल्कि सपा की अंदरूनी राजनीति और जातिगत समीकरणों को उजागर करता है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में पूजा पाल भाजपा का दामन थामती हैं या किसी और राह पर जाती हैं। इतना तय है कि उनका यह हमला समाजवादी पार्टी के लिए गहरा झटका साबित हो सकता है।