हाइलाइट्स
- मेरठ की मुस्कान जैसा कांड अलवर में उजागर, नीले ड्रम से मिला युवक का शव
- मृतक हंसराज उर्फ सूरज का गला धारदार हथियार से काटा गया
- शव पर नमक डालकर लाश छिपाने की कोशिश, फैली तेज़ बदबू से खुला राज
- पत्नी सुनीता, तीन बच्चे और मकान मालिक का बेटा जितेंद्र फरार
- पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, इलाके में सनसनी फैल गई
अलवर की आदर्श कॉलोनी में फैली सनसनी
राजस्थान के ज़िला अलवर के किशनगढ़बास थाना क्षेत्र की आदर्श कॉलोनी रविवार सुबह अचानक चर्चा में आ गई। इलाके में तेज़ बदबू फैलने लगी तो लोग घबरा गए। जब मकान मालिक की पत्नी ने छत पर रखे नीले ड्रम को खोला तो अंदर युवक का शव मिला। शव पर नमक डाला गया था और गला धारदार हथियार से कटा हुआ था। इस वारदात ने हर किसी को मेरठ की मुस्कान जैसा कांड याद दिला दिया।
मृतक की पहचान और पृष्ठभूमि
मृतक की पहचान हंसराज उर्फ सूरज के रूप में हुई। वह उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले का रहने वाला था। करीब डेढ़ महीने पहले ही वह अपनी पत्नी सुनीता और तीन बच्चों हर्षल, नंदिनी और गोलू के साथ अलवर आया था और आदर्श कॉलोनी में किराए पर रहने लगा था।
हंसराज यहां ईंट भट्ठे पर काम करता था। मकान मालिक का बेटा जितेंद्र ही उसे किराए का कमरा दिलवाने में मददगार बना था। पुलिस के अनुसार हंसराज नशे का आदी था और जितेंद्र के साथ अक्सर शराब पीता था।
गुमशुदा पत्नी और बच्चे
वारदात के बाद से मृतक की पत्नी सुनीता और तीनों बच्चे लापता हैं। मकान मालिक का बेटा जितेंद्र भी घर से गायब है। यही वजह है कि पुलिस को शक है कि इस मेरठ की मुस्कान जैसा कांड में परिवार और मकान मालिक का बेटा शामिल हो सकते हैं।
घटना का दिन: जन्माष्टमी के बहाने गायबगी
मकान मालिक की पत्नी मिथिलेश ने बताया कि शनिवार को जन्माष्टमी थी। वह पूजा-पाठ और खरीदारी के लिए बाजार गई थीं। जब वापस लौटीं तो घर में हंसराज की पत्नी और बच्चे नहीं मिले। देर शाम तक बदबू फैलनी शुरू हो गई। पहले तो सबने इसे नज़रअंदाज़ किया, लेकिन बदबू तेज़ होने पर ड्रम खोला गया और लाश देखकर सभी दंग रह गए।
हत्या की गुत्थी और पुलिस की आशंका
पुलिस की शुरुआती जांच में साफ हुआ कि हंसराज की गला रेतकर हत्या की गई है। लाश पर नमक डालने का मकसद शायद इसे जल्दी गलाना था ताकि बदबू और पहचान दोनों मिट जाएं।
पुलिस की आशंका
- हत्या में जितेंद्र और मृतक की पत्नी सुनीता की मिलीभगत हो सकती है।
- प्रेम-प्रसंग या घरेलू विवाद इसकी बड़ी वजह हो सकती है।
- मृतक की शराबखोरी ने कई दुश्मन खड़े कर दिए थे।
फिलहाल पुलिस ने सभी फरार लोगों की तलाश शुरू कर दी है और मकान मालिक से भी गहन पूछताछ की जा रही है।
मेरठ की मुस्कान जैसा कांड क्यों कहा जा रहा है?
उत्तर प्रदेश के मेरठ में हाल ही में एक महिला मुस्कान का मामला सुर्खियों में रहा, जिसमें रिश्तों के उलझाव ने एक सनसनीखेज हत्या को जन्म दिया था। अलवर की इस वारदात में भी हालात लगभग वैसे ही हैं—
- किराएदार परिवार शामिल
- महिला और बच्चों का अचानक गायब होना
- हत्या के बाद शव छिपाने की कोशिश
- रिश्तों की उलझन और शक की सुई परिवार पर
इसी वजह से लोग इसे मेरठ की मुस्कान जैसा कांड कहकर याद कर रहे हैं।
पड़ोसियों की गवाही
आसपास के लोगों का कहना है कि हंसराज अक्सर शराब के नशे में झगड़ा करता था। उसकी पत्नी और जितेंद्र के बीच नजदीकियां भी चर्चा में थीं। पड़ोसियों के मुताबिक, कई बार मकान मालिक और किराएदार परिवार के बीच कहासुनी भी हो चुकी थी।
अलवर पुलिस की कार्रवाई
किशनगढ़बास थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। डॉग स्क्वाड और एफएसएल टीम को बुलाया गया ताकि सबूत इकट्ठा किए जा सकें। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि—
- सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
- मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं।
- मृतक की पत्नी और बच्चों की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
समाज पर असर और चर्चा
यह वारदात स्थानीय समाज पर गहरा असर छोड़ गई है। लोग दबी ज़ुबान से कह रहे हैं कि कहीं इस पूरे घटनाक्रम के पीछे अवैध संबंध या पारिवारिक विवाद तो नहीं। ऐसे मामलों ने रिश्तों पर से भरोसा डगमगा दिया है।
क्या रिश्तों की मर्यादा टूट रही है?
हाल के दिनों में पारिवारिक रिश्तों और किराएदार संबंधों से जुड़े ऐसे अपराध लगातार बढ़े हैं। मेरठ की मुस्कान जैसा कांड हो या अलवर की यह सनसनीखेज हत्या, हर घटना समाज में अविश्वास और भय का माहौल पैदा कर रही है।
अलवर का यह मामला अब केवल एक हत्या का मामला नहीं रहा, बल्कि यह पूरे समाज में रिश्तों की कमजोर पड़ती बुनियाद का आईना है। पुलिस की जांच से भले ही हत्यारे सामने आ जाएं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर क्यों हमारे घर-आंगन से ही ऐसे खतरनाक अपराध जन्म ले रहे हैं।
मेरठ की मुस्कान जैसा कांड अब अलवर की आदर्श कॉलोनी में भी गूंज रहा है और लोग दहशत में हैं कि सच सामने आने तक भरोसा किस पर किया जाए।