हाइलाइट्स
- साइबर ठगी का नया तरीका “कॉल मर्जिंग स्कैम” तेजी से फैल रहा है।
- बिना OTP डाले ही बैंक खाते से पैसे निकालने लगे स्कैमर्स।
- जॉब इंटरव्यू और इवेंट कॉल के नाम पर लोगों को फंसाया जा रहा है।
- कॉल मर्ज होने के बाद OTP सीधे स्कैमर्स तक पहुंच जाता है।
- NPCI ने साइबर ठगी से बचने के लिए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी।
साइबर ठगी का बढ़ता खतरा
टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में जहां डिजिटल पेमेंट ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं साइबर ठगी के मामले भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। अब तक लोग मानते थे कि OTP (वन टाइम पासवर्ड) उनके बैंक अकाउंट को सुरक्षित रखने का सबसे भरोसेमंद उपाय है। लेकिन अब साइबर अपराधियों ने इस सुरक्षा दीवार को भी तोड़ दिया है।
बीते कुछ महीनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों के बैंक अकाउंट से बिना OTP डाले ही पैसे गायब हो गए। इस नए खतरे को “कॉल मर्जिंग स्कैम” कहा जा रहा है, जिसमें ठग फोन कॉल के जरिए लोगों को जाल में फंसा रहे हैं।
कॉल मर्जिंग स्कैम क्या है?
इंटरव्यू और इवेंट का बहाना
कॉल मर्जिंग स्कैम के दौरान स्कैमर्स खुद को किसी बड़ी कंपनी का इंटरव्यूवर या किसी इवेंट का प्रतिनिधि बताकर कॉल करते हैं। फोन उठाने वाला व्यक्ति अक्सर इसे असली मानकर बातचीत जारी रखता है।
फिर स्कैमर किसी बहाने से कॉल को “मर्ज” करने के लिए कहता है। इस दौरान पीड़ित की कॉल अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी से मर्ज हो जाती है, जहां OTP बताया जा रहा होता है। जैसे ही कॉल मर्ज होती है, OTP सीधे स्कैमर तक पहुंच जाता है।
बिना OTP डाले कैसे हो जाती है साइबर ठगी
कॉल ट्रिक का खेल
जब कोई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन होता है, तो OTP आमतौर पर SMS या कॉल के जरिए भेजा जाता है। स्कैमर्स कॉल वाले विकल्प को ज्यादा तरजीह देते हैं क्योंकि इसे मैनिपुलेट करना उनके लिए आसान होता है।
जैसे ही शिकार कॉल मर्ज करता है, OTP सीधे स्कैमर तक पहुंच जाता है। फिर वह तुरंत बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेता है। पीड़ित को जब तक इसका एहसास होता है, तब तक उसके खाते से बड़ी रकम गायब हो चुकी होती है।
NPCI की चेतावनी
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में लोगों को इस नई साइबर ठगी से सतर्क रहने की चेतावनी दी है। NPCI का कहना है कि किसी भी अनजान कॉल को मर्ज न करें और खासकर तब सतर्क रहें जब बात बैंकिंग या OTP से जुड़ी हो।
साइबर ठगी रोकने के लिए जरूरी सावधानियां
अनजान कॉल्स से बचें
- किसी भी अनजान नंबर से आई कॉल को मर्ज न करें।
- खुद को जॉब इंटरव्यूवर या इवेंट प्रतिनिधि बताने वालों से सतर्क रहें।
- बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी या सरकारी संस्था कभी भी फोन पर OTP नहीं पूछती।
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें
- अपने स्मार्टफोन में मौजूद “स्पैम कॉल डिटेक्शन” फीचर को ऑन रखें।
- कॉल सेटिंग्स में जाकर स्पैम कॉल फिल्टर को एक्टिव करें।
- किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत रिपोर्ट करें।
खुद को जागरूक रखें
- साइबर ठगी के नए-नए तरीकों के बारे में जानकारी हासिल करते रहें।
- RBI, NPCI और बैंकिंग संस्थाओं की सुरक्षा गाइडलाइंस को फॉलो करें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।
साइबर ठगी से जुड़े हालिया मामले
देशभर में कई लोग इस कॉल मर्जिंग स्कैम का शिकार हो चुके हैं। कहीं नौकरी का झांसा दिया गया, तो कहीं इवेंट टिकट बुकिंग के नाम पर लोगों को फंसाया गया। एक मामले में नौकरी की तलाश में लगी महिला ने जैसे ही कॉल मर्ज किया, उसके खाते से लाखों रुपये गायब हो गए।
साइबर ठगी क्यों बन रही है बड़ी चुनौती?
टेक्नोलॉजी और अपराध का मेल
डिजिटल पेमेंट सिस्टम ने लोगों को कैशलेस लेनदेन की सुविधा दी है, लेकिन इसी सुविधा का फायदा उठाकर साइबर अपराधी ठगी को अंजाम दे रहे हैं। हर नए सुरक्षा उपाय के साथ स्कैमर्स नई चाल चलते हैं। यही वजह है कि आज साइबर ठगी देशभर में सबसे बड़ी डिजिटल चुनौती बन चुकी है।
डिजिटल इंडिया की राह में साइबर सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है। OTP जैसे सुरक्षा कवच को भी स्कैमर्स तोड़ने लगे हैं, जिससे लोगों की बचत पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। इसीलिए जरूरी है कि लोग सतर्क रहें, अनजान कॉल से बचें और साइबर ठगी से बचने के लिए हर संभव सावधानी बरतें।