हाइलाइट्स
- ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार बनी मुंबई की 71 वर्षीय महिला, दूध ऑर्डर करने की कोशिश में गंवाए 18.5 लाख रुपये
- ठगों ने फोन कॉल और लिंक भेजकर महिला का मोबाइल हैक कर लिया
- तीन अलग-अलग बैंक खातों से पूरी जमापूंजी उड़ाई गई
- पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, साइबर सेल भी अलर्ट पर
- घटना से ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते नए तरीकों का खुलासा
ऑनलाइन फ्रॉड का नया मामला
मुंबई से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें एक ऑनलाइन फ्रॉड के ज़रिए 71 वर्षीय महिला की पूरी जिंदगी की कमाई पलभर में गायब हो गई। महिला ने महज एक लीटर दूध ऑनलाइन ऑर्डर करने की कोशिश की और इस प्रक्रिया में वह ठगों के जाल में फंस गईं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डिजिटल युग में ऑनलाइन फ्रॉड किस तरह आम नागरिकों के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।
कैसे हुआ ऑनलाइन फ्रॉड?
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 4 अगस्त की है जब वडाला में रहने वाली महिला को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को दूध कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि अगर वह दूध ऑनलाइन ऑर्डर करना चाहती हैं तो उन्हें कुछ डिटेल्स भरनी होंगी। इसके बाद महिला को एक लिंक भेजा गया और उनसे कहा गया कि फोन काटे बिना उसी समय उस लिंक पर क्लिक करें।
ठग ने महिला को लगातार फोन पर निर्देश दिए और करीब एक घंटे तक उन्हें उलझाए रखा। महिला ने अंत में फोन काट दिया, लेकिन यह केवल शुरुआत थी। अगले ही दिन ठग ने फिर से कॉल कर उनसे कुछ और निजी जानकारी हासिल कर ली।
जब होश उड़ गए
कुछ दिनों बाद जब महिला बैंक पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि उनके खाते से 1.7 लाख रुपये निकाले जा चुके हैं। उन्होंने बाकी दो खातों की जांच की तो पता चला कि वे भी पूरी तरह खाली हो चुके हैं। इस तरह, तीनों खातों से कुल 18.5 लाख रुपये ठग लिए गए।
यह रकम महिला की जिंदगी भर की जमापूंजी थी। वह स्तब्ध रह गईं और तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
ऑनलाइन फ्रॉड कैसे करते हैं ठग?
मोबाइल हैकिंग और लिंक का खेल
पुलिस का मानना है कि जैसे ही महिला ने लिंक पर क्लिक किया, उनका मोबाइल हैक हो गया। मोबाइल हैक होते ही ठगों को महिला के बैंक खातों की पूरी जानकारी मिल गई।
एक घंटे लंबी कॉल का मकसद
ठग लंबे समय तक महिला को कॉल पर इसलिए रखते रहे ताकि उन्हें बिना शक के उनकी डिटेल्स मिल सकें और मोबाइल में मैलवेयर एक्टिवेट हो जाए।
साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाएं
यह कोई पहली बार नहीं है जब मुंबई या देश में इस तरह का ऑनलाइन फ्रॉड हुआ हो। हाल ही में कई शहरों से ऐसी शिकायतें आ चुकी हैं जहां महज एक क्लिक ने लोगों की पूरी कमाई को खतरे में डाल दिया।
पुलिस और साइबर सेल की कार्रवाई
महिला की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया और साइबर सेल को जांच सौंपी गई। पुलिस के मुताबिक, ठगों ने पैसे कई खातों में ट्रांसफर किए होंगे और फिर उन्हें डिजिटल वॉलेट या क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए छुपाया होगा।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के ऑनलाइन फ्रॉड को रोकना आसान नहीं है क्योंकि अपराधी लगातार अपने तरीकों को बदलते रहते हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपाय
अनजान लिंक पर क्लिक न करें
कभी भी किसी अनजान कॉल या मैसेज पर आए लिंक को न खोलें। यह अक्सर मोबाइल हैकिंग का पहला कदम होता है।
बैंक डिटेल्स साझा न करें
कोई भी बैंक, यूपीआई ऐप या कंपनी आपसे फोन पर ओटीपी या पिन साझा करने को नहीं कहेगी। यदि कोई ऐसी मांग करता है तो समझ लीजिए यह ऑनलाइन फ्रॉड का हिस्सा है।
नियमित रूप से बैंक खातों की जांच करें
अपने बैंक खातों की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री नियमित रूप से देखें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत बैंक और पुलिस को दें।
साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें
भारत सरकार ने साइबर फ्रॉड की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है। किसी भी संदिग्ध लेन-देन पर तुरंत कॉल कर रिपोर्ट करें।
ऑनलाइन फ्रॉड: आम लोगों के लिए बड़ी चुनौती
भारत में डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के साथ ऑनलाइन फ्रॉड भी लगातार बढ़ रहे हैं। बुजुर्ग लोग खासतौर पर इसका शिकार बन रहे हैं क्योंकि वे तकनीकी जानकारी में उतने माहिर नहीं होते।
इस घटना ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन सुविधा जितनी आसान है, उतना ही बड़ा खतरा भी अपने साथ लाती है। साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता और सतर्कता ही इससे बचने का सबसे कारगर उपाय है।
मुंबई की यह घटना एक चेतावनी है कि डिजिटल युग में एक छोटी सी गलती आपकी पूरी कमाई पर भारी पड़ सकती है। ऑनलाइन फ्रॉड अब सिर्फ तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक चुनौती बन चुका है। पुलिस और साइबर सेल भले ही अपनी कोशिशें कर रहे हों, लेकिन जब तक आम लोग सतर्क नहीं होंगे, तब तक ठगों के खिलाफ यह जंग अधूरी रहेगी।