हाइलाइट्स
- हिंदू धर्म से जुड़ी धार्मिक स्थलों पर हमले लगातार चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
- सीहोर (मध्यप्रदेश) के प्रसिद्ध गणेश मंदिर में दिनदहाड़े पुजारी पर फरसे से हमला।
- हमलावर ने बिना किसी बहस या उकसावे के किया हमला, मंदिर में मची भगदड़।
- पुलिस ने हमलावर को मौके पर ही दबोच लिया, मानसिक स्थिति की जांच जारी।
- इस हमले को कुछ लोग हिंदू धर्म विरोधी मानसिकता से जोड़ रहे हैं, जांच का दायरा बढ़ा।
कहां और कैसे हुआ हमला?
मध्यप्रदेश के सीहोर ज़िले के गणेश मंदिर में शनिवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। जब पुजारी मंदिर की साफ़-सफ़ाई और पूजा की तैयारी कर रहे थे, तभी एक अज्ञात युवक फरसे (लोहे की कुल्हाड़ी) के साथ मंदिर में घुस आया और पुजारी पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की।
क्या है पूरी घटना का विवरण?
सीहोर कोतवाली क्षेत्र के इस प्राचीन गणेश मंदिर में हर रोज़ की तरह पूजा-अर्चना चल रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपी युवक ने बिना कुछ कहे सीधे पुजारी पर फरसे से वार कर दिया। गनीमत रही कि पुजारी समय रहते पीछे हट गए, जिससे उन्हें गंभीर चोट नहीं आई।
मंदिर परिसर में मचा हड़कंप
हमले के बाद मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई। श्रद्धालु इधर-उधर भागने लगे। स्थानीय लोगों ने साहस दिखाते हुए हमलावर को काबू में किया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को हिरासत में ले लिया। पुलिस के मुताबिक युवक की मानसिक स्थिति सामान्य नहीं लग रही है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
सीहोर (मध्यप्रदेश) के गणेश मंदिर में एक व्यक्ति ने पुजारी पर फऱसे से हमला करने की कोशिश की! हमलावर ने अचानक, बिना किसी वादविवाद के पुजारी पर हमला कर दिया!
ये जो दिनरात कुछ लोगों द्वारा हिंदू धर्म औऱ पुजारियों के खिलाफ नफरत फैलाई जाती है, उसी का नतीजा है👇 pic.twitter.com/d6MAhxIHLp
— Dr. Neha Das (@neha_laldas) July 28, 2025
हमले के पीछे “हिंदू धर्म” के प्रति नफरत?
इस हमले को लेकर कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि हिंदू धर्म और उसके प्रतीकों के प्रति समाज में एक सुनियोजित घृणा फैलाई जा रही है, और यह घटना उसी का परिणाम हो सकती है।
कुछ संगठन इसे “लव जिहाद”, “धार्मिक कट्टरता” और “हिंदू पुजारियों को निशाना बनाए जाने” की साजिश से जोड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस हमले की व्यापक निंदा हो रही है और यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या हिंदू धर्म अब भी सुरक्षित है?
प्रशासन का क्या है कहना?
सीहोर पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम इस घटना की निष्पक्ष जांच कर रहे हैं। आरोपी की मानसिक स्थिति की भी जांच हो रही है। मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।” प्रशासन ने आम जनता से संयम बरतने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
क्या यह पहली बार ह
नहीं, पिछले कुछ वर्षों में कई राज्यों में हिंदू धर्म से जुड़े मंदिरों और पुजारियों पर हमले हुए हैं। चाहे वो यूपी के बुलंदशहर में साधु की हत्या हो या राजस्थान के जोधपुर में मंदिर में तोड़फोड़, यह एक चिंता का विषय बन चुका है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा धार्मिक ज़हर ऐसी घटनाओं की ज़मीन तैयार करता है।
समाज को क्या सोचना चाहिए?
क्या हम धार्मिक सहिष्णुता खोते जा रहे हैं? क्या हिंदू धर्म की सहनशीलता को उसकी कमजोरी समझा जा रहा है? यह घटना सिर्फ एक पुजारी पर हमला नहीं, बल्कि एक पूरी संस्कृति पर प्रश्नचिन्ह है। ऐसे समय में समाज को एकजुट होकर इस तरह की नफरत के खिलाफ खड़ा होना होगा।
सीहोर की यह घटना अकेली नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक मानसिकता का हिस्सा है, जो हिंदू धर्म और उसकी परंपराओं को चोट पहुंचाने का प्रयास करती है। सरकार, समाज और न्याय व्यवस्था को इस दिशा में सजग और सतर्क होना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।