मां की चीखें गूंजती रहीं, लेकिन दरिंदा नहीं रुका – जानिए पूरी कहानी

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हाइलाइट्स:

  • बेटे की हैवानियत का मामला कोटा के अनंतपुरा से आया सामने, वीडियो वायरल होने पर बढ़ा आक्रोश
  • बुजुर्ग मां को लात, घूंसे और चप्पलों से बेरहमी से पीटता दिखा आरोपी दीपू महावर
  • बहन की गुहार के बावजूद नहीं रुका बेटा, वीडियो ने इंसानियत को किया शर्मसार
  • पुलिस ने की गिरफ्तारी, लेकिन आरोपी को मिली तुरंत जमानत
  • सोशल मीडिया पर लोगों ने की बेटे की हैवानियत की कड़ी आलोचना, न्याय की उठी मांग

 कोटा में बेटे की हैवानियत, मां को चप्पलों से पीटा, वीडियो वायरल

राजस्थान के कोटा शहर से बेटे की हैवानियत का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे समाज को झकझोर दिया है। अनंतपुरा थाना क्षेत्र में एक युवक दीपू महावर ने अपनी बुजुर्ग मां को न केवल गालियां दीं, बल्कि लात-घूंसे और चप्पलों से बेरहमी से पिटाई की। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हंगामा मच गया।

 वीडियो में दिखी बेटे की हैवानियत की हदें

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बुजुर्ग मां ज़मीन पर बैठी हुई हैं और दीपू महावर उन्हें बार-बार चप्पल से मार रहा है। बीच-बीच में वह उन्हें घूंसे और लात भी मारता है। वहां मौजूद उसकी बहन रोती-गिड़गिड़ाती है, लेकिन बेटे की हैवानियत एक पल को भी नहीं थमती। वीडियो देखकर किसी का भी दिल दहल जाए।

 पारिवारिक विवाद या मानसिक विकृति?

पुलिस जांच में अब तक यह सामने आया है कि दीपू का व्यवहार पूर्व से हिंसक रहा है। मोहल्ले वालों के अनुसार, वह नशे का आदी है और अक्सर अपनी मां से पैसों की मांग करता है। जब उसे पैसे नहीं मिलते तो वह इस तरह की हरकतें करता है। लेकिन इस बार बेटे की हैवानियत ने सारी सीमाएं लांघ दीं।

 मां ने दर्ज कराई शिकायत, फिर भी आरोपी जमानत पर रिहा

घटना के बाद पीड़िता मां ने साहस दिखाते हुए अनंतपुरा थाने में बेटे की हैवानियत के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी दीपू महावर को हिरासत में ले लिया।
हालांकि, IPC की धारा 323 और अन्य जमानती धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज होने के कारण आरोपी को जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया गया।

 पुलिस का पक्ष: “मामले की जांच जारी है”

अनंतपुरा थाना प्रभारी ने मीडिया को बताया कि

“हमने वीडियो का संज्ञान लेकर फौरन आरोपी को गिरफ्तार किया था।
हालांकि, अपराध जमानती होने के कारण उसे रिहा करना पड़ा।
लेकिन बेटे की हैवानियत को देखते हुए IPC की अन्य धाराएं भी जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।”

 सोशल मीडिया पर लोगों का फूटा गुस्सा

जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर लोग बेटे की हैवानियत को लेकर आक्रोशित हो उठे।

  • एक यूजर ने लिखा: “ऐसे बेटे को उम्रकैद होनी चाहिए, जो मां को पीटता है।”
  • एक अन्य ने कहा: “ये इंसान नहीं, दरिंदा है। न्याय मिलना चाहिए उस मां को।”

इसी के साथ राजस्थान महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है और पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।

 क्या सिर्फ एक केस? नहीं! यह बढ़ती प्रवृत्ति का संकेत है

बेटे की हैवानियत कोई पहला मामला नहीं है। 2021 में कोटा के ही उद्योग नगर क्षेत्र में 65 वर्षीय राजकुमारी बैरवा की उनके बेटे ने शराब के नशे में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति यह बताती है कि अब पारिवारिक हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है।

 विशेषज्ञों की राय: कानून में बदलाव की जरूरत

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि

“इस तरह की घटनाओं के लिए सिर्फ धारा 323 पर्याप्त नहीं है। अगर पीड़ित बुजुर्ग हैं, तो सख्त गैर-जमानती धाराएं लगाई जानी चाहिए।”

मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं कि

“नशे, बेरोजगारी, और अवसादग्रस्त मानसिकता से उपजे क्रोध का सबसे आसान शिकार घर के बुजुर्ग बनते हैं।”

 समाज की जिम्मेदारी क्या है?

आज जब बेटे की हैवानियत जैसे शब्द खबरों की सुर्खियों में आ रहे हैं, तो यह सोचने का वक्त है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं? समाज को न केवल ऐसी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए, बल्कि पीड़ितों के लिए समर्थन और संरक्षण भी सुनिश्चित करना चाहिए।

कब तक मां की ममता का फायदा उठाते रहेंगे?

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या सिर्फ कानून बनाना पर्याप्त है? या हमें अपने पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक ज़िम्मेदारियों की भी पुनर्परिभाषा करनी होगी?
बेटे की हैवानियत सिर्फ एक खबर नहीं, एक चेतावनी है – उस समाज के लिए जो अपने ही घर में सबसे कमजोर को बचाने में असफल हो रहा है।

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