बेहोशी का नाटक नहीं था, दर्दनाक सच था! भर्ती दौड़ में गिरी युवती के साथ एंबुलेंस में हुआ बलात्कार, फिर जो खुलासा हुआ वो रोंगटे खड़े कर देगा

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हाइलाइट्स 

  • होमगार्ड भर्ती दुष्कर्म मामला ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है
  • पीड़िता दौड़ में भाग लेते हुए हुई बेहोश, फिर एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया
  • रास्ते में ड्राइवर और टेक्नीशियन ने किया युवती के साथ बलात्कार
  • पीड़िता की शिकायत पर दोनों आरोपी गिरफ्तार, भेजे गए जेल
  • बोधगया पुलिस कर रही है गहन जांच, सीसीटीवी और मेडिकल रिपोर्ट से तय होगी सच्चाई

होमगार्ड भर्ती दुष्कर्म मामला: शर्मसार करने वाली घटना

बिहार में चल रही होमगार्ड भर्ती दौड़ के दौरान एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। बोधगया थाना क्षेत्र में एक युवती जो इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने आई थी, उसके साथ ऐसा हुआ जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं थी। दौड़ के दौरान अचानक बेहोश हुई इस युवती को अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन इसी दौरान एंबुलेंस के अंदर ही उसके साथ दुष्कर्म किया गया।

घटना का पूरा विवरण: कैसे हुई वारदात?

दौड़ में बेहोश हुई युवती बनी शिकार

घटना की शुरुआत उस समय हुई जब महिला अभ्यर्थी, जो होमगार्ड बनने के सपने लेकर आई थी, दौड़ के दौरान अचानक गिर पड़ी और बेहोश हो गई। भर्ती स्थल पर मौजूद 108 नंबर की एंबुलेंस को तुरंत बुलाया गया और युवती को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।

एंबुलेंस बनी अपराध का अड्डा

पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि जब उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, उसी दौरान एंबुलेंस ड्राइवर विनय कुमार और टेक्नीशियन अजीत कुमार ने रास्ते में एंबुलेंस के अंदर ही उसके साथ दुष्कर्म किया। युवती का आरोप है कि दोनों ने न सिर्फ उसका शारीरिक शोषण किया बल्कि उसे धमकाया भी।

आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई

बोधगया थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की। विनय कुमार, जो कि उत्रेन कोच गांव का निवासी है और अजीत कुमार, जो कि नालंदा जिले के चांदपुर गांव से हैं, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी

थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करते हुए दोनों आरोपितों को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मेडिकल रिपोर्ट और पीड़िता के बयान के आधार पर दुष्कर्म की धारा 376 और अन्य संबंधित धाराएं आरोपियों पर लगाई गई हैं।

मेडिकल जांच और साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया जारी

इस होमगार्ड भर्ती दुष्कर्म मामला में मेडिकल जांच अहम कड़ी है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण सरकारी अस्पताल में कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है। इसके अलावा पुलिस ने घटनास्थल और एंबुलेंस की वीडियो रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स की भी जांच शुरू कर दी है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और महिला सुरक्षा पर सवाल

बिहार में यह कोई पहला मामला नहीं है जहां भर्ती प्रक्रिया में शामिल महिला अभ्यर्थियों के साथ दुर्व्यवहार हुआ हो। होमगार्ड भर्ती दुष्कर्म मामला ने एक बार फिर महिला सुरक्षा, सरकारी प्रक्रिया और एंबुलेंस सेवाओं की निगरानी व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

बिहार राज्य महिला आयोग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए बोधगया प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। आयोग की चेयरपर्सन ने कहा कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

स्थानीय लोगों में आक्रोश, सोशल मीडिया पर उठी आवाज

इस शर्मनाक होमगार्ड भर्ती दुष्कर्म मामला को लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। सोशल मीडिया पर भी #JusticeForHomeGuardCandidate ट्रेंड कर रहा है। कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है।

कानूनी प्रक्रिया: अब आगे क्या?

पुलिस के अनुसार, आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 506 (धमकी) और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि होमगार्ड भर्ती दुष्कर्म मामला की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाएगी ताकि पीड़िता को जल्दी न्याय मिल सके।

सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम

यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि सरकारी भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि:

  • सभी एंबुलेंसों में CCTV कैमरे लगवाए जाएं
  • मेडिकल कर्मियों और ड्राइवरों की पूर्व जांच और चरित्र प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाए
  • महिला अभ्यर्थियों के लिए अलग महिला स्टाफ की नियुक्ति की जाए
  • भर्ती स्थलों पर मौके पर तैनात महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए

शर्म और जागरूकता का समय

होमगार्ड भर्ती दुष्कर्म मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक सिस्टम फेल्योर का प्रतीक है। यह घटना बताती है कि किस हद तक जिम्मेदार संस्थाओं की लापरवाही लोगों की जिंदगी को बर्बाद कर सकती है। जरूरी है कि हम सिर्फ आरोपी को सजा दिलवाने की बात न करें, बल्कि ऐसे सिस्टम को भी बदलें जो इन अपराधों को बढ़ावा देता है।

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