सदन में काले कपड़ों में घुसे विधायक, नीतीश कुमार बोले– “एक जैसे कपड़े पहनकर आए हैं… सब मिलकर कर रहे हैं नाटक!

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हाइलाइट्स

  • बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्षी विधायकों ने काले कपड़े पहनकर किया प्रदर्शन
  • सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष पर एकजुट होकर ‘नाटक’ करने का लगाया आरोप
  • कार्यवाही के पहले ही मिनट में हुआ जमकर हंगामा, स्पीकर ने दी शांति की अपील
  • विपक्षी विधायकों ने टेबल पलटने की कोशिश की, सुरक्षा कर्मियों को करना पड़ा हस्तक्षेप
  • बार-बार समझाने के बावजूद हंगामा नहीं रुका, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित की गई

बिहार विधानसभा : मानसून सत्र के अंतिम दिन सियासी घमासान

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का पांचवां और अंतिम दिन बेहद हंगामेदार रहा। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी विधायकों ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। इससे पूरे सदन का माहौल गर्मा गया। स्पीकर की अपील, सत्तापक्ष की फटकार और सीएम नीतीश कुमार की तल्ख टिप्पणी के बावजूद विपक्ष का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा था।

सीएम नीतीश का विपक्ष पर करारा वार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सीट से खड़े हुए और विपक्ष के प्रदर्शन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा –

“ई लोग रोज कुछ न कुछ हंगामा करते हैं। आज देख लीजिए सब एक ही जैसे काले कपड़े पहनकर आए हैं। इससे एक बात साफ हो गया कि सब मिलकर नाटक कर रहे हैं। आज तक ऐसा एकजुट प्रदर्शन नहीं देखा गया था। यह पूरा राजनीतिक ड्रामा है।”

बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश के इस बयान के बाद सत्तापक्ष के सदस्य भी विपक्ष पर हमलावर हो गए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने हर क्षेत्र में काम किया है, लेकिन विपक्ष केवल असंतोष फैलाने में व्यस्त है।

स्पीकर की अपील भी रही बेअसर

विधानसभा अध्यक्ष ने बार-बार विपक्षी विधायकों से अपील की कि अंतिम दिन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलने दी जाए। उन्होंने कहा –

“आज आपका दिन है, आज आपके प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। कृपया शांत हो जाइए और कार्यवाही को चलने दीजिए।”

लेकिन विपक्ष अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सवालों से भाग रही है और उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

टेबल पलटने की कोशिश, सुरक्षा कर्मी सतर्क

हंगामा इस कदर बढ़ गया कि कुछ विपक्षी विधायकों ने सदन में टेबल पलटने की कोशिश की। हालांकि वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाल लिया। इस पर स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए कहा –

“आज मौसम ठंडा है लेकिन सदन में गर्मी क्यों है? आप लोग शांत हो जाइए, लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखिए।”

बिहार विधानसभा में ऐसा दृश्य पहले भी देखा गया है, लेकिन इस बार विपक्षी दलों की एकता और उनका प्रतीकात्मक काला वस्त्र प्रदर्शन चर्चा का विषय बन गया।

विपक्ष का आरोप – सरकार जवाब देने से कतरा रही है

विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो जनता के असल मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। रोजगार, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम विषयों को सदन में अनदेखा किया जा रहा है। विपक्ष के नेता ने कहा –

“सरकार जवाब देने के बजाय विपक्ष को बदनाम करने में लगी है। हम जनता के मुद्दे उठा रहे हैं, लेकिन हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।”

बिहार विधानसभा में विपक्ष की मांग थी कि सत्र का विस्तार किया जाए और जनहित से जुड़े सवालों पर विस्तृत बहस हो।

सत्ता पक्ष का जवाब – विपक्ष कर रहा है नाटक

सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा के विधायकों ने विपक्ष पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि उनका प्रदर्शन एक सोची-समझी साजिश है। एक सत्तापक्ष विधायक ने कहा –

“विपक्ष को जनता के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। ये सब सिर्फ टीवी पर दिखने के लिए किया जा रहा है।”

बिहार विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के इस टकराव ने यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य की राजनीति आने वाले समय में और भी गर्म होने वाली है।

कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

लगातार हंगामे और अध्यक्ष की अपीलों के बावजूद जब विपक्ष शांत नहीं हुआ, तब स्पीकर को मजबूरन बिहार विधानसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। यह फैसला लेते हुए उन्होंने कहा –

“हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है। अगर विपक्ष शांत नहीं होता, तो कार्यवाही चलाना संभव नहीं है।”

आगे क्या?

बिहार विधानसभा में आज जो दृश्य देखने को मिला वह एक लोकतांत्रिक संस्था के लिए चिंताजनक है। जहां एक ओर विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार प्रदर्शन को नाटक बता रही है। यह टकराव जनता के हितों को पीछे छोड़ता नजर आ रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष ने अपनी एकजुटता दिखाने के लिए यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे राजनीतिक नौटंकी करार दिया। आने वाले विधानसभा सत्र में यह टकराव और तेज होने की संभावना है।

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन जैसा हंगामेदार रहा, वैसा शायद ही किसी ने सोचा था। विपक्ष का काले कपड़ों में प्रदर्शन, सीएम नीतीश का तीखा भाषण, और अध्यक्ष की अपीलों के बावजूद निरंतर हंगामा – ये सब मिलकर यह दर्शाते हैं कि राज्य की राजनीति में संवाद की जगह शोर-शराबा लेता जा रहा है। अब देखना यह है कि जनता इन सियासी दावपेंचों को किस नजर से देखती है।

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