हाइलाइट्स
- Yogi Minister Protest: उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला धरने पर बैठीं
- मंत्री का आरोप – भाजपा कार्यकर्ताओं पर एससी-एसटी का फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया
- कहा – जब तक इंस्पेक्टर को नहीं हटाया जाएगा, धरना जारी रहेगा
- पुलिस महकमे में मचा हड़कंप, लखनऊ तक पहुंची सूचना
- एसपी और डिप्टी एसपी ने धरनास्थल पर जाकर मंत्री को मनाने की कोशिश की
मामला क्या है: मंत्री जी क्यों बैठीं थाने पर धरने पर?
कानपुर देहात के अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार को उस समय राजनीतिक पारा चढ़ गया जब उत्तर प्रदेश सरकार में महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला स्वयं थाने के बाहर धरने पर बैठ गईं। मंत्री के अनुसार, कोतवाली के इंस्पेक्टर ने भाजपा के कई सक्रिय कार्यकर्ताओं पर एससी-एसटी एक्ट के तहत फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया है।
राज्यमंत्री का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल राजनीति से प्रेरित है, बल्कि यह दर्शाता है कि “Yogi Minister Protest” को भी अब थाने में गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
मंत्री का स्पष्ट संदेश – “इंसाफ चाहिए, ये योगीराज है”
मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा:
“मैं यहां कोई नाटक करने नहीं आई हूं। जब तक इंस्पेक्टर हटाया नहीं जाएगा, मैं धरना खत्म नहीं करूंगी। ये ‘Yogi Minister Protest’ है, न कि किसी विपक्षी पार्टी का प्रदर्शन।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी के अपने मंत्री को न्याय नहीं मिलेगा तो आम कार्यकर्ताओं की क्या बिसात?
क्या है पूरा विवाद? जानिए एससी-एसटी एक्ट के इस केस का बैकग्राउंड
उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री हैं..थाने में धरने पर बैठी ये !!
मंत्री जी का कहना है कि अकबरपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर एससी-एसटी का फर्जी केस लाद दिया है !!जब तक इंस्पेक्टर नहीं हटेगा, तब तक भरने पर बैठी रहूंगी..मंत्री जी कह रही हैं, ये सपा सरकार नहीं है..… pic.twitter.com/q2OZRyZXU4
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) July 24, 2025
भाजपा कार्यकर्ताओं पर फर्जी केस?
सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले क्षेत्र में दो पक्षों के बीच किसी जमीन विवाद को लेकर कहासुनी हुई थी। मामले में अकबरपुर कोतवाली में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
राज्यमंत्री का कहना है कि उक्त घटना में भाजपा कार्यकर्ता शामिल नहीं थे, बल्कि उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है।
इंस्पेक्टर पर पक्षपात का आरोप
प्रतिभा शुक्ला का आरोप है कि कोतवाली के इंस्पेक्टर ने बिना किसी प्राथमिक जांच के भाजपा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज कर दिया। उन्होंने कहा:
“इंस्पेक्टर विपक्षी दलों से साठगांठ कर रहा है और भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रहा है। ‘Yogi Minister Protest’ सिर्फ कार्यकर्ताओं के लिए नहीं, पूरे सिस्टम की जिम्मेदारी है।”
प्रशासन में मचा हड़कंप, लखनऊ तक पहुंची सूचना
जैसे ही Yogi Minister Protest की खबर फैली, पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। लखनऊ तक मामले की जानकारी पहुंचने के बाद एसपी अरविंद मिश्रा, डिप्टी एसपी राजेश पांडे, सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और मंत्री जी को समझाने का प्रयास किया।
अधिकारियों की सफाई
एसपी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और अगर कोई भी अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, मंत्री जी ने साफ कर दिया कि सिर्फ आश्वासन नहीं, इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी ही उनकी प्राथमिकता है।
धरना स्थल बना सियासी अखाड़ा, भीड़ जुटी, नारों की गूंज
भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया शक्ति प्रदर्शन
राज्यमंत्री के धरने में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता भी पहुंच गए और “इंसाफ दो, इंसाफ दो” के नारे लगाने लगे। कार्यकर्ताओं ने भी यह दोहराया कि जब तक इंस्पेक्टर नहीं हटेगा, धरना जारी रहेगा।
विपक्ष की चुप्पी, लेकिन निगाहें बनी हुई हैं
जहां विपक्षी दलों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, वहीं राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा ज़ोर पकड़ रही है कि क्या वाकई Yogi Minister Protest से पार्टी के भीतर ही सत्ता तंत्र को चुनौती दी जा रही है?
“Yogi Minister Protest” का राजनीतिक संदेश क्या है?
इस धरने के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। राज्य मंत्री का इस तरह थाने पर धरने पर बैठना यह दर्शाता है कि निचले स्तर के पुलिसकर्मी भी अब मंत्रियों की नहीं सुन रहे। यह सवाल भी उठता है कि क्या पुलिस महकमे में योगी सरकार की पकड़ ढीली हो रही है?
सरकार की छवि पर असर? क्या कार्रवाई होगी?
Yogi Minister Protest ने यह तो साबित कर ही दिया है कि सत्ता पक्ष के मंत्री भी अब सिस्टम से परेशान हैं। अगर सरकार जल्द ही कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं करती, तो यह मामला विधानसभा तक पहुंच सकता है।
क्या मंत्री को मिलेगा इंसाफ या फिर ये सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध रह जाएगा?
अब देखना यह है कि क्या मंत्री प्रतिभा शुक्ला को इंसाफ मिलेगा? क्या इंस्पेक्टर पर कार्रवाई होगी या प्रशासन एक बार फिर समझौते का रास्ता तलाशेगा?
एक बात तो तय है, Yogi Minister Protest अब केवल थाने की सीमा में नहीं, पूरे प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बन गया है।