गुर्दे और पित्त की पथरी चुटकियों में गायब कर देता है ये लाल फूल, लेकिन एक गलती पड़ सकती है भारी!

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हाइलाइट्स

  • Hibiscus Powder प्राकृतिक रूप से किडनी स्टोन और गाल ब्लैडर स्टोन को तोड़कर बाहर निकालने में मदद करता है।
  • गुड़हल में मौजूद प्राकृतिक अम्लीय तत्व पथरी को छोटे टुकड़ों में विभाजित करते हैं।
  • यह उपाय शरीर को डिटॉक्स करने और संक्रमण से बचाव में भी सहायक है।
  • रोजाना रात को खाने के बाद इसका सही तरीके से सेवन करने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं।
  • पालक, चुकंदर, भिंडी जैसी चीजों से परहेज जरूरी, नहीं तो Hibiscus Powder का असर कम हो सकता है।

आयुर्वेद में छुपा है समाधान: Hibiscus Powder से खत्म करें पथरी की जड़

आजकल की तेज रफ्तार जीवनशैली, असंतुलित खानपान और पानी की कमी के कारण किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) और गाल ब्लैडर स्टोन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। मेडिकल साइंस में इसके इलाज के कई महंगे विकल्प मौजूद हैं, लेकिन आयुर्वेद में एक बेहद असरदार, किफायती और प्राकृतिक समाधान है—Hibiscus Powder यानी गुड़हल के फूलों का चूर्ण।

आयुर्वेदाचार्य डॉ. नीरज कौशिक के अनुसार, Hibiscus Powder न सिर्फ पथरी को छोटे टुकड़ों में विभाजित करता है, बल्कि उसे मूत्र मार्ग के ज़रिए बाहर निकालने में भी मदद करता है।

Hibiscus Powder कैसे काम करता है?

प्राकृतिक अम्लीय गुण

गुड़हल के फूलों में मौजूद प्राकृतिक अम्लीय तत्व पथरी को धीरे-धीरे घोलते हैं और उसे छोटे-छोटे कणों में बदलते हैं। ये कण मूत्र मार्ग के जरिए बिना ऑपरेशन शरीर से बाहर निकल सकते हैं।

डिटॉक्स का गुण

Hibiscus Powder शरीर को डिटॉक्स करने का भी काम करता है। यह लीवर और किडनी से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सक्षम है।

पाचन में सुधार

गुड़हल का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। Hibiscus Powder में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो सूजन और दर्द में राहत देते हैं।

Hibiscus Powder का सही तरीका और मात्रा

आवश्यक सामग्री:

  • 1 चम्मच Hibiscus Powder
  • 1 गिलास गुनगुना पानी

कैसे करें सेवन?

  1. रात के भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच Hibiscus Powder लें।
  2. इसे गुनगुने पानी के साथ निगल लें।
  3. इसके बाद कुछ भी न खाएं या पिएं।

नियमित सेवन से पथरी धीरे-धीरे टूटकर मूत्र के जरिए शरीर से बाहर निकल जाती है।

किन चीज़ों से करें परहेज?

पथरी की समस्या से जूझ रहे लोगों को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए:

  • चुकंदर
  • पालक
  • भिंडी
  • टमाटर

ये सभी पदार्थ ऑक्सालेट से भरपूर होते हैं, जो पथरी को बढ़ा सकते हैं। अगर आप Hibiscus Powder का सेवन कर रहे हैं, तो इन चीज़ों से बचना जरूरी है, नहीं तो उसका असर कम हो सकता है।

संभावित दुष्प्रभाव और सावधानियां

दर्द और मूत्र मार्ग में जलन

अगर पथरी बड़ी है, तो उसके छोटे टुकड़ों में टूटने से मूत्र मार्ग में दर्द या जलन महसूस हो सकती है। ऐसी स्थिति में अधिक मात्रा में पानी पिएं और डॉक्टर की सलाह लें।

पानी का सेवन बढ़ाएं

रोजाना 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है ताकि टूटे हुए पथरी के टुकड़े आसानी से बाहर निकल सकें। पानी Hibiscus Powder के असर को और भी अधिक प्रभावी बनाता है।

Hibiscus Powder कैसे बनाएं?

अगर आपके घर में गुड़हल का पौधा है, तो आप खुद भी यह पाउडर बना सकते हैं:

  1. ताजे गुड़हल के फूल तोड़ें और अच्छे से धो लें।
  2. उन्हें छाया में पूरी तरह सूखा लें।
  3. सूखने के बाद फूलों को मिक्सर में पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
  4. एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें और एक महीने तक इसका उपयोग करें।

डॉक्टर की सलाह जरूरी कब है?

यदि पथरी से संबंधित दर्द बहुत अधिक है, पेशाब में रुकावट हो रही है या बार-बार मूत्र संक्रमण की समस्या हो रही है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से परामर्श लें। Hibiscus Powder एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है, लेकिन हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है। चिकित्सा सलाह के साथ इसका संतुलित प्रयोग करें।

Hibiscus Powder एक प्राकृतिक वरदान है जो न केवल गुर्दे की पथरी को खत्म करने में मदद करता है, बल्कि गाल ब्लैडर स्टोन, पाचन समस्याएं, और शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी सहायक है। अगर इसका सही तरीके से और नियमितता से सेवन किया जाए, तो बिना ऑपरेशन के भी आप इस तकलीफदेह बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।

परंतु इस उपाय को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें, खासकर अगर आप पहले से कोई दवाएं ले रहे हैं या कोई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।

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