क्या सचमुच ये चूर्ण खत्म कर सकता है डायबिटीज़? बाबा रामदेव के दावे पर मचा हड़कंप, जानिए सच्चाई!

Health

हाइलाइट्स

  • Diabetes Control Powder को बाबा रामदेव ने बताया शुगर कम करने का प्राकृतिक समाधान
  • आयुर्वेदिक जड़ी‑बूटियों का मिश्रण, दावा—इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाए
  • तेलंगाना DCA ने छापा मारकर Diabetes Control Powder समेत कई उत्पाद ज़ब्त किए
  • विशेषज्ञों का सुझाव—डॉक्टर की सलाह के बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाएँ न रोकें
  • शोध में मेथी, गुड़मार जैसी जड़ी‑बूटियों से HbA1c घटने के संकेत

पृष्ठभूमि: Diabetes Control Powder की जड़ें आयुर्वेद में

आयुर्वेदिक फ़ॉर्मूलेशन ‘Divya Madhunashini Vati Extra Power’ को ही हाल में Diabetes Control Powder नाम से री‑ब्रांड कर पेश किया गया। इसमें गिलोय, करेला, बेल पत्र, गुड़मार, मेथी आदि 30 से अधिक औषधीय घटक हैं, जिनका पारंपरिक उपयोग रक्त शर्करा नियंत्रित करने में होता आया है।

Diabetes Control Powder का मार्केटिंग संदेश स्पष्ट है—“इंसुलिन के नैसर्गिक उत्पादन को बढ़ाइए और ब्लड शुगर घटाइए।” कंपनी के मुताबिक यह पाउडर भोजन से पहले गर्म पानी में घोलकर लेने पर धीरे‑धीरे HbA1c को कम करता है। इसी दावे ने लाखों मधुमेह‑रोगियों का ध्यान खींचा है; सोशल मीडिया ट्रेंड्स में “Diabetes Control Powder” टॉप हैशटैग बन चुका है।

बाबा रामदेव का दावा: “अब इंजेक्शन नहीं, चूर्ण होगा समाधान”

योगगुरु बाबा रामदेव ने हरिद्वार आश्रम में प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए कहा, “Diabetes Control Powder नियमित लेने से दवाइयों पर निर्भरता कम होगी और भविष्य में इंसुलिन इंजेक्शन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।” उनके मुताबिक लाइफ़स्टाइल‑मैनजमेंट, योग और इस आयुर्वेदिक पाउडर का संयोजन “डायबिटीज रिवर्सल” का रास्ता खोल सकता है।

लाइव कॉन्फ़्रेंस में क्या कहा गया?

रामदेव ने मंच से तीन प्रमुख दावे रखे—

  1. Diabetes Control Powder दो माह में फास्टिंग शुगर 30 % तक घटाता है।
  2. पाउडर के सेवन से ऊर्जा स्तर बेहतर होते हैं और थकान कम महसूस होती है।
  3. आयुर्वेदिक जड़ी‑बूटियाँ किडनी और लिवर पर बोझ नहीं डालतीं।

इन दावों पर अब सोशल मीडिया पर बहस तेज़ है—क्या यह वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है या सिर्फ़ बाज़ार उत्साह?

आयुर्वेदिक घटक और उनका वैज्ञानिक विश्लेषण

मुख्य जड़ी‑बूटियाँ

  • गुड़मार (Gymnema): रिसर्च के अनुसार गुड़मार की पत्तियाँ स्वाद कलिकाओं में मीठे के रिसेप्टर को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर सकती हैं, जिससे मीठा खाने की इच्छा घटती है।
  • मेथी (Fenugreek): घुलनशील फ़ाइबर गलैक्टोमैनन ग्लूकोज़ अवशोषण की गति कम करता है। नियंत्रण अध्ययन में 8 सप्ताह में HbA1c में 0.8 % की गिरावट दर्ज की गई।
  • करेला (Bitter Gourd): इसमें चारांटिन नामक यौगिक है, जो पशु‑अध्ययनों में ग्लूकोज़ उपयोग बढ़ाता दिखा।

गुड़मार—मीठे पर ब्रेक

गुड़मार की सक्रिय घटक “गुरमिन” मीठे स्वाद को कुंद कर रक्त शर्करा के स्पाइक को रोकने में सहायक मानी जाती है। यही कारण है कि Diabetes Control Powder फ़ॉर्मूलेशन में इसकी मात्रा अन्य जड़ी‑बूटियों से अधिक रखी गई है।

मेथी—इंसुलिन संवेदनशीलता का संवर्धन

मेथी बीज का 4‑हाइड्रॉक्सी आइसोल्यूसिन पैंक्रियाज़ को इंसुलिन स्राव के संकेत देता है। यह प्रभाव पाउडर के नियमित सेवन से लंबी अवधि में दिखाई देता है।

सरकारी नियंत्रण और विवाद

तेलंगाना Drugs Control Administration (DCA) ने 25 फ़रवरी 2025 को मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर “Madhunashini Vati Extra Power” के कुछ बैच ज़ब्त किए। कारण—प्रमाण‑रहित “डायबिटीज क्योर” का दावा और एक्सपायरी डेट की अनियमितता।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि Diabetes Control Powder को “उपचार” की तरह प्रचारित किया जाएगा, तो आयुष मंत्रालय और राज्य DCA की सख़्त मंज़ूरी ज़रूरी है। वर्तमान में यह उत्पाद “डाइटरी सप्लीमेंट” श्रेणी में सूचीबद्ध है, जहाँ नियम अपेक्षाकृत नरम हैं।

विशेषज्ञों की राय

डॉ. अनुराधा सिंह, इंडो‑जैपानी डायबिटोलॉजी सेंटर, दिल्ली बताती हैं, “आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स सहायक हो सकते हैं, मगर Diabetes Control Powder को अकेले उपयोग करने से पहले HbA1c, क्रिएटिनिन और लिवर फ़ंक्शन की नियमित जाँच जरूरी है।”
वह आगे जोड़ती हैं कि कई मरीज़ पारंपरिक दवाएँ छोड़कर सिर्फ़ पाउडर पर निर्भर हो जाते हैं, जिससे हाइपरग्लाइसीमिया या कभी‑कभी हाइपोग्लाइसीमिया का ख़तरा बढ़ता है।

उपयोग, सावधानियाँ और संभावित साइड इफ़ेक्ट

  • अनुशंसित मात्रा: 3–5 ग्राम Diabetes Control Powder सुबह‑शाम गुनगुने पानी के साथ।
  • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इसे लेने से पहले चिकित्सक से सलाह लें।
  • यदि पहले से इंसुलिन या मेटफ़ॉर्मिन ले रहे हैं, तो डोज़ एडजस्टमेंट की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • संभव साइड इफ़ेक्ट: हल्का अम्लपित्त, दस्त या ब्लड शुगर का अत्यधिक गिरना।

बाज़ार प्रभाव और उपभोक्ता अनुभव

ऑनलाइन फ़ार्मेसी पोर्टलों पर Diabetes Control Powder की मांग इतनी तेज़ है कि कई बार स्टॉक‑आउट की स्थिति बन जाती है। उपभोक्ता समीक्षाएँ मिली‑जुली हैं—कुछ को 6 सप्ताह में फ़ास्टिंग शुगर में 20 mg/dL की कमी दिखी, जबकि दूसरों ने कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा। पैकेजिंग पर साफ़ लिखा है कि उत्पाद ‘डिस्क्लेमर’ के तहत आता है और परिणाम व्यक्ति‑विशेष पर निर्भर करते हैं।

आयुर्वेदिक अनुसंधान और परंपरा दोनों Diabetes Control Powder के मूल दावों का आंशिक समर्थन करते हैं, किंतु इसे “चमत्कारिक इलाज” कहना जल्दबाज़ी होगी। बेहतर यह होगा कि रोगी संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, योग और चिकित्सकीय निगरानी के साथ पाउडर को पूरक के रूप में अपनाएँ।

Bottom Line

जब बात मधुमेह जैसी जीवनभर चलने वाली बीमारी की हो, तो किसी भी उत्पाद—चाहे वह Diabetes Control Powder हो या अन्य—को अपनाने से पहले प्रमाणित डॉक्टर और डायटिशियन से सलाह लेना आवश्यक है।

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