10 साल से बंद घर में क्या छिपा था? बच्चे की गेंद ने खोला रहस्य, फर्श पर पड़ा था इंसानी कंकाल

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हाइलाइट्स

  • हैदराबाद के नामपल्ली में सुनसान घर से 10 साल पुराना Human Skeleton बरामद
  • क्रिकेट खेलते बच्चे की गेंद ने खोली सालों पुरानी रहस्यमयी मौत की परतें
  • कंकाल के पास मिला पुराना Nokia मोबाइल, जिसमें 84 मिस्ड कॉल्स दर्ज
  • मृतक की पहचान भाई ने अंगूठी और कपड़ों से की, नोटबंदी से पहले के नोट मिले
  • Human Skeleton मामले की जांच में जुटी पुलिस, DNA जांच के लिए सैंपल भेजे गए

10 साल से बंद कमरे में छिपा था राज, ‘Human Skeleton’ से हिली हैदराबाद पुलिस

हैदराबाद के नामपल्ली इलाके में एक पुराने, वीरान पड़े मकान से जो खुलासा हुआ, उसने न केवल स्थानीय लोगों को चौंकाया बल्कि पुलिस के लिए भी यह एक रहस्यमयी चुनौती बन गया। बच्चों की एक गेंद ने इस रहस्य से पर्दा उठाया, और एक दशक पुराना Human Skeleton सामने आया। अब तक की जांच में सामने आया है कि यह कंकाल एक ऐसे व्यक्ति का है, जो वर्षों पहले अपनी ही मौत का गवाह बना और दुनिया से अनजान उसी घर में सड़ता रहा।

सुनसान घर, बंद दरवाजा और अजीब सी गंध

नामपल्ली का वह मकान बीते कई वर्षों से बंद पड़ा था। स्थानीय लोग इस घर के पास से गुजरते हुए अक्सर तेज गंध और खामोशी महसूस करते थे, लेकिन कभी किसी ने अंदर झांकने की हिम्मत नहीं की। मंगलवार को एक स्थानीय बच्चा जब क्रिकेट खेलते हुए अपनी गेंद उस घर में फेंक बैठा, तो उसके कदम उस रहस्य के करीब चले गए, जो 10 वर्षों से छिपा हुआ था। अंदर दाखिल होते ही बच्चे ने जो देखा, वह हिला देने वाला था—एक Human Skeleton पेट के बल फर्श पर पड़ा था, चारों ओर जले हुए दीवारों के निशान और पुराने बर्तन बिखरे थे।

84 मिस्ड कॉल्स और बंद Nokia फोन ने खोला समय का ताला

पुलिस जांच में मिले एक पुराने नोकिया मोबाइल फोन ने इस रहस्य को थोड़ा और स्पष्ट किया। फोन की बैटरी पूरी तरह खराब हो चुकी थी, लेकिन उसे जब मरम्मत किया गया, तो 2015 की 84 मिस्ड कॉल्स उसमें दर्ज थीं। इससे संकेत मिला कि मौत 2016 से पहले हो चुकी होगी। Human Skeleton के पास कोई संघर्ष या हत्या के निशान नहीं मिले, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह एक स्वाभाविक मृत्यु हो सकती है।

तकिये के नीचे मिले पुराने नोट और मृतक की पहचान

पुलिस को जब मृतक के तकिये के नीचे पुराने नोटबंदी से पहले के नोट मिले, तो यह पुष्टि हुई कि उसकी मृत्यु 2016 के पहले हुई होगी। मृतक की पहचान उसके छोटे भाई शादाब ने की, जिसने कंकाल के पास मिले शॉर्ट्स और एक अंगूठी को देखकर उसे अमीर खान बताया। अमीर एक मानसिक रूप से अस्वस्थ और अविवाहित व्यक्ति था, जो उसी घर में वर्षों से अकेले रह रहा था।

फॉरेंसिक टीम की पड़ताल, DNA जांच शुरू

पुलिस ने मामला दर्ज कर फॉरेंसिक विशेषज्ञों और क्लूज टीम को बुलाया। Human Skeleton और घटनास्थल से जुटाए गए अन्य सबूतों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया है। एसीपी किशन कुमार ने NDTV को बताया कि प्रारंभिक जांच में कोई बाहरी हस्तक्षेप या संघर्ष के संकेत नहीं मिले हैं।

मानसिक अस्वस्थता और समाज से कटाव बना कारण?

मृतक अमीर खान की मानसिक स्थिति को लेकर पड़ोसियों ने भी कुछ जानकारियां साझा की हैं। बताया जा रहा है कि वह कई वर्षों से बाहरी दुनिया से कटा हुआ था, और अपने घर से शायद ही कभी बाहर निकला करता था। इस सामाजिक अलगाव और मानसिक स्थिति ने ही उसे मौत के बाद भी भुला दिया। Human Skeleton मिलने के बाद यह सवाल भी उठता है कि क्या समाज और परिवार इतनी दूर हो चुके थे कि किसी को उसकी अनुपस्थिति का एहसास तक नहीं हुआ?

पड़ोसियों का बयान: “हमें लगा कोई बाहर चला गया”

स्थानीय दुकानदारों और पड़ोसियों से बातचीत में सामने आया कि अमीर खान की अचानक अनुपस्थिति को लोगों ने नज़रअंदाज़ कर दिया था। कुछ लोगों ने सोचा कि वह कहीं बाहर काम के लिए गया होगा, कुछ ने यह मान लिया कि उसने मकान बेच दिया होगा। लेकिन किसी ने भी घर की खामोशी और बंद खिड़कियों के पीछे छिपे Human Skeleton की कल्पना नहीं की थी।

अब पुलिस के सामने हैं कई सवाल

  • क्या यह मामला सिर्फ प्राकृतिक मृत्यु का है या कुछ छिपा रह गया है?
  • 84 मिस्ड कॉल्स किसके थे और क्या उनमें मदद की पुकार थी?
  • मृतक के परिवार को उसकी गुमशुदगी का अहसास क्यों नहीं हुआ?

ये सारे सवाल अब पुलिस जांच का हिस्सा हैं, और डीएनए रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हो सकेगी कि बरामद Human Skeleton वाकई अमीर खान का ही है या नहीं।

एक कमरे में कैद रहस्य, जो बताता है अकेलेपन की भयावहता

यह घटना केवल एक Human Skeleton मिलने की नहीं है, बल्कि यह उस भयावह समाजिक अकेलेपन की कहानी है, जहां मानसिक अस्वस्थता, सामाजिक कटाव और उपेक्षा किसी को बिना शोर किए मौत की ओर ले जा सकते हैं। नामपल्ली का यह मामला आने वाले समय में समाज के लिए एक चेतावनी बनकर सामने आएगा।

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