हाइलाइट्स
- Low sodium salt से उच्च रक्तचाप और हृदय रोग में हो सकता है बड़ा सुधार
- भारतीयों का औसत नमक सेवन WHO की सिफारिश से लगभग दोगुना
- ICMR के वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी: यह एक ‘चुपचाप मारने वाली महामारी’ है
- सिर्फ 28% दुकानों पर ही low sodium salt उपलब्ध, कीमत भी एक बड़ी बाधा
- पंजाब और तेलंगाना में चल रहा है पायलट प्रोजेक्ट, हेल्थ वेलनेस सेंटर के ज़रिए दी जा रही है काउंसलिंग
नई दिल्ली। भारत में उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और किडनी फेल्योर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, और इसके मूल में है — अत्यधिक नमक सेवन। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में औसत नागरिक WHO की अनुशंसित सीमा (5 ग्राम प्रतिदिन) से लगभग दोगुना नमक खा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत को इन बीमारियों से बचाना है, तो low sodium salt को आम जनजीवन में शामिल करना होगा। लेकिन इसके लिए ज़रूरत है जागरूकता, उपलब्धता और सस्ती कीमत की।
कितना खतरनाक है अत्यधिक नमक सेवन?
शहरी और ग्रामीण भारत में नमक खपत के आंकड़े
- शहरी क्षेत्रों में: औसत 9.2 ग्राम प्रति दिन
- ग्रामीण क्षेत्रों में: औसत 5.6 ग्राम प्रति दिन
- WHO की सिफारिश: अधिकतम 5 ग्राम प्रतिदिन
यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि भारत का हर नागरिक औसतन 1.5 से 2 गुना अधिक नमक ले रहा है। और यही है उच्च रक्तचाप (Hypertension) का मूल कारण।
चुपचाप मारने वाली महामारी”: ICMR की चेतावनी
ICMR और WHO के वैज्ञानिकों ने low sodium salt के महत्व पर ज़ोर देते हुए इसे ‘silent epidemic’ करार दिया है। इसके मुताबिक, अधिकतर लोग तब तक जागरूक नहीं होते जब तक उन्हें स्ट्रोक, दिल का दौरा या किडनी फेल्योर जैसी गंभीर स्थिति का सामना न करना पड़े।
क्या है Low Sodium Salt और यह कैसे मदद करता है?
Low sodium salt वह नमक है जिसमें सोडियम की मात्रा कम और पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है।
इसके फायदे
- रक्तचाप को नियंत्रित करता है
- दिल और किडनी पर दबाव कम करता है
- सामान्य नमक के स्वाद के करीब
- बिना स्वाद बदले स्वास्थ्य लाभ
यह low sodium salt उन लोगों के लिए वरदान है जो ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हृदय रोगों से जूझ रहे हैं।
बाजार में क्यों नहीं मिल पा रहा Low Sodium Salt?
ICMR की स्टडी में पाया गया कि भारत के केवल 28% रिटेल स्टोर पर ही low sodium salt उपलब्ध है। इसके अलावा, यह सामान्य नमक की तुलना में लगभग तीन गुना महंगा है।
प्रमुख बाधाएं
- उच्च कीमत: सामान्य नमक ₹20-25 प्रति किलो, जबकि low sodium salt ₹60-90 प्रति किलो
- सीमित ब्रांड और सप्लाई
- उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी
- छोटे कस्बों और गांवों में पहुंच ना के बराबर
समाधान की दिशा में उठाए गए कदम
ICMR ने एक तीन-वर्षीय पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है जो पंजाब और तेलंगाना के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के ज़रिए लोगों को low sodium salt के फायदे समझा रहा है।
प्रमुख पहलें
- ASHA और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दी जा रही है विशेष ट्रेनिंग
- कम कीमत पर सब्सिडी आधारित low sodium salt उपलब्ध कराने की योजना
- स्कूलों, राशन दुकानों और सार्वजनिक भोजनालयों में इसे अनिवार्य करने का सुझाव
विशेषज्ञों की राय
डॉ. रमन गुप्ता, कार्डियोलॉजिस्ट, एम्स
“भारत में दिल के रोगियों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि यह एक राष्ट्रीय आपदा बन चुकी है। अगर हम low sodium salt को हर रसोई तक पहुंचा दें, तो यह एक बड़ी क्रांति होगी।”
डॉ. कविता शर्मा, न्यूट्रिशनिस्ट
“लोग स्वाद और कीमत को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन अब वक्त है सेहत को प्राथमिकता देने का। Low sodium salt अपनाने से पूरे परिवार को दीर्घकालिक लाभ मिल सकते हैं।”
क्या कहता है WHO?
WHO का कहना है कि अगर दुनिया की पूरी आबादी नमक की मात्रा में 30% की कमी करे, तो हर साल 25 लाख से अधिक मौतों को रोका जा सकता है। यह तभी संभव है जब देशों की सरकारें low sodium salt को सुलभ और अनिवार्य बनाएं।
आम जनता को क्या करना चाहिए?
अपनाएं ये उपाय
- भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए नींबू, हर्ब्स और मसालों का प्रयोग
- पहले से पैकेज्ड नमकीन चीज़ों से दूरी
- Low sodium salt को धीरे-धीरे सामान्य नमक की जगह देना
- सप्ताह में एक दिन salt-free meals का अभ्यास
- स्वास्थ्य जांच में नियमित ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग
भारत को चाहिए नमक में संयम
भारत के लिए यह एक निर्णायक समय है। देश जिस गति से दिल और किडनी की बीमारियों की ओर बढ़ रहा है, वह चिंता का विषय है। यदि आम नागरिकों को स्वस्थ रखना है, तो low sodium salt को व्यापक स्तर पर अपनाना ही होगा।
सरकार, उद्योग और जनता — तीनों को मिलकर इस “साइलेंट किलर” के विरुद्ध लड़ाई छेड़नी होगी।