हाइलाइट्स
- Underage Relationship के चलते पटना में 15 वर्षीय लड़की की मौत, 17 वर्षीय किशोर गिरफ्तार
- दोस्त ने किराए पर रूम दिलवाया था, तीनों नाबालिग आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
- लड़की की मौत हैवी ब्लीडिंग से हुई, कपल की 10 दिन पहले हुई थी मुलाकात
- पुलिस ने परिवार की तहरीर पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया केस
- घटना ने समाज में नाबालिगों के इंटरनेट और मोबाइल उपयोग पर चिंतन जरूरी कर दिया है
बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना की वजह से चर्चा में है। महज़ 15 वर्षीय एक नाबालिग लड़की की मौत Underage Relationship के चलते हो गई, जब वह अपने 17 वर्षीय प्रेमी से मिलने पटना आई थी। दोनों की यह मुलाकात उनके जीवन की अंतिम मुलाकात साबित हुई।
पुलिस ने इस मामले में तेज़ी से कार्रवाई करते हुए प्रेमी लड़के और उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों दोस्त ही वह लोग थे जिन्होंने लड़की और लड़के को मिलवाने के लिए किराए पर रूम दिलवाया था।
घटना का पूरा विवरण
सिर्फ 10 दिन पहले हुई थी जान-पहचान
मृत लड़की और आरोपी लड़के की पहचान लगभग 10 दिन पहले ही एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए हुई थी। इसके बाद दोनों में बातचीत बढ़ी और फिर उन्होंने मिलने का फैसला किया।
किराए पर लिया गया रूम बना मौत का कारण
दोनों के मिलने के लिए आरोपी लड़के के दोस्तों ने पटना शहर के एक इलाके में रूम किराए पर लिया। वहां दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने, जिसके बाद लड़की को हैवी ब्लीडिंग होने लगी। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाने के बजाय आरोपी उसे वहीं छोड़कर फरार हो गए।
जब लड़की की हालत गंभीर हो गई, तो उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पॉक्सो एक्ट के तहत केस
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर लड़की के नाबालिग होने की पुष्टि होने पर Protection of Children from Sexual Offences Act (POCSO) के तहत मामला दर्ज किया गया।
तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में
पुलिस ने 17 वर्षीय आरोपी लड़के के साथ-साथ उसके दो दोस्तों को भी गिरफ्तार किया है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी किशोर और उसके दोस्तों को इस बात की जानकारी थी कि लड़की नाबालिग है, फिर भी उन्होंने रूम दिलवाने से लेकर पूरे प्लान में मदद की।
समाज के लिए बड़ा सवाल: Underage Relationship पर कौन लेगा जिम्मेदारी?
यह घटना सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं बल्कि पूरे समाज के सामने एक गंभीर सवाल खड़ा करती है – Underage Relationship की बढ़ती प्रवृत्ति पर कौन जिम्मेदार है?
सोशल मीडिया बना ‘प्रेम का जाल’
नाबालिगों का सोशल मीडिया पर बिन सोचे-समझे जुड़ना, और कुछ ही दिनों में व्यक्तिगत मुलाकात तक पहुंचना बेहद चिंता का विषय है। इस घटना में भी इंस्टाग्राम पर ही दोनों की जान-पहचान हुई थी।
माता-पिता की भूमिका
माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखें। 15 और 17 साल की उम्र में बच्चों को इंटरनेट की पूरी आज़ादी देना खतरे से खाली नहीं है।
कानूनी दृष्टिकोण: क्या है नियम?
भारत में बाल यौन अपराध के मामलों में POCSO Act बेहद कठोर है। इसमें आरोपी की उम्र चाहे नाबालिग ही क्यों न हो, यदि वह लड़की से बड़ा है और संबंध बनाता है, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
- POCSO Act के तहत यह स्पष्ट है कि 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, चाहे सहमति हो या नहीं।
- इस मामले में लड़की की उम्र 15 वर्ष और लड़के की 17 वर्ष होने के कारण, कानून की नजर में यह पूर्णतः दंडनीय है।
मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
नाबालिगों में भावनात्मक अपरिपक्वता
विशेषज्ञों का मानना कि इस उम्र में बच्चे भावनात्मक रूप से परिपक्व नहीं होते। वे सिर्फ सोशल मीडिया या फिल्मों से प्रेरित होकर कदम उठाते हैं, जिनका अंजाम गंभीर हो सकता है।
सेक्स एजुकेशन की कमी
देश के अधिकांश हिस्सों में यौन शिक्षा को लेकर संकोच और हिचकिचाहट है। नतीजतन, किशोर अपने शरीर और संबंधों के बारे में सही जानकारी के बिना निर्णय लेते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकता है।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
कई महिला और बाल कल्याण संगठनों ने इस घटना को ‘सोशल मीडिया और पेरेंटिंग की विफलता’ बताया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि:
- स्कूल स्तर पर अनिवार्य Sex Education शुरू की जाए
- सोशल मीडिया पर उम्र सत्यापन को सख्त बनाया जाए
- माता-पिता के लिए डिजिटल पैरेंटिंग सेशन आयोजित किए जाएं
एक जान गई, लेकिन समाज कब जागेगा?
Underage Relationship के चलते एक नाबालिग लड़की की मौत और एक किशोर का जेल जाना – यह त्रासदी कई सवाल छोड़ जाती है। जब तक समाज, परिवार, सरकार और स्कूल मिलकर इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
अब समय है कि न सिर्फ कानून बल्कि चेतना भी मजबूत की जाए, ताकि किसी और की जान इस तरह न जाए।