हाइलाइट्स
- Unnao Court Violence का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल, लोग कानून व्यवस्था पर उठा रहे सवाल
- कोर्ट परिसर में दंपति और वृद्ध को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया, सभी खून से लथपथ हुए
- पीड़ित का आरोप – मृतक के परिवार वाले लगातार कर रहे थे समझौते का दबाव
- पीड़ित पक्ष हत्या के एक पुराने मामले में पैरवी कर रहा था, आरोपी पक्ष ने दिया हमला
- Unnao Court Violence पर प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक, पीड़ित ने FIR की मांग की
उन्नाव कचहरी में इंसाफ मांगने आए लोग खुद बन गए हिंसा का शिकार
Unnao Court Violence की यह घटना सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की खुली चुनौती है। उन्नाव जिले की अदालत परिसर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक दंपति और एक वृद्ध व्यक्ति को बेहरमी से पीटा गया। वायरल हो रहे वीडियो में तीनों खून से लथपथ दिखाई दे रहे हैं। यह हमला ना सिर्फ शारीरिक था, बल्कि इंसाफ की उम्मीद में आए एक आम आदमी के आत्मविश्वास पर भी गहरी चोट थी।
वायरल वीडियो ने खोली आंखें – कहां है कानून?
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे कुछ हमलावरों ने भरी अदालत परिसर में तीन लोगों को लाठी-डंडों और मुक्कों से पीटा। इस Unnao Court Violence ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कोर्ट परिसर जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगहों पर भी अब आम नागरिक सुरक्षित नहीं हैं?
मामला क्या है?
पीड़ित पक्ष का दावा है कि वह एक हत्या के मामले में कोर्ट में गवाही और पैरवी कर रहे थे। मृतक उनके परिवार का सदस्य था। आरोपी पक्ष पिछले कुछ समय से उन पर समझौते का दबाव बना रहा था। कई बार धमकियां भी दी गई थीं। जब उन्होंने झुकने से इनकार कर दिया, तब आरोपियों ने Unnao Court Violence को अंजाम दे डाला।
अदालत में लहूलुहान हुआ इंसाफ – कैसे चूकी सुरक्षा व्यवस्था?
कोर्ट में पुलिस कहां थी?
अक्सर यह देखा गया है कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं। लेकिन Unnao Court Violence के इस वीडियो ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। सवाल उठता है कि इतने गंभीर हमले के दौरान वहां कोई पुलिसकर्मी क्यों नहीं दिखा? क्या पुलिस की मौजूदगी सिर्फ कागज़ों में थी?
मर्डर के मामले में दंपति और वृद्ध को बेरहमी से पीटा गया, पीड़ित का कहना है कि उसके परिवार के सदस्य की हत्या हुई थी, वो कोर्ट में मामले की पैरवी कर रहा है !!
वायरल वीडियो यूपी के उन्नाव कचहरी का है..!!
देखिए तीनों कैसे खून से लथपथ हैं..!!आरोपी मृतक के परिवार पर समझौते का दबाव… pic.twitter.com/CZ8eRn6FQq
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) July 11, 2025
प्रवेश के समय जांच क्यों नहीं?
यदि हमलावर कोर्ट में लाठी-डंडे लेकर आए, तो कोर्ट परिसर में एंट्री के समय उनकी जांच क्यों नहीं हुई? क्या यह सुरक्षा चूक है या कोई साजिश?
पीड़ित की आवाज – “हमें इंसाफ चाहिए, डर के साए में जी रहे हैं”
वृद्ध पीड़ित का कहना है –
“हम अपने बेटे की हत्या का इंसाफ चाहते थे, लेकिन अब हमें ही मारा जा रहा है। आरोपी लोग खुलेआम धमकी देते हैं, और पुलिस कोई सुनवाई नहीं करती।”
दंपति ने भी अपनी आपबीती सुनाई,
“हम अदालत में भरोसा लेकर आए थे, लेकिन हमारे साथ ऐसा होगा, ये कभी सोचा नहीं था। ये Unnao Court Violence हमारे पूरे परिवार को तोड़ गया है।”
क्या कहता है कानून?
हत्या के गवाह को धमकाना और हमला करना – गंभीर अपराध
भारत के दंड संहिता (IPC) के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी गवाह को धमकाता है या नुकसान पहुंचाता है, तो यह धारा 195A और धारा 506 के तहत दंडनीय अपराध है। Unnao Court Violence की घटना सीधे तौर पर इन धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की मांग करती है।
FIR दर्ज हुई या नहीं?
पीड़ित परिवार ने पुलिस से FIR दर्ज करने की अपील की है, लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में आम लोगों में यह भय है कि क्या पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा?
सोशल मीडिया पर गूंजा ‘Unnao Court Violence’
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है। #UnnaoCourtViolence ट्रेंड करने लगा है। लोग ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यूपी पुलिस और प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। कुछ यूजर्स ने यहां तक कहा:
“जब कोर्ट में इंसाफ मांगने वालों को मारा जाता है, तो न्याय की उम्मीद कहां बचती है?”
प्रशासन की चुप्पी – क्या बड़ा दबाव?
Unnao Court Violence पर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की ओर से कोई औपचारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है। यह चुप्पी संदेह और आक्रोश दोनों को जन्म दे रही है।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
- सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी हो
- कोर्ट परिसर में सुरक्षा की समीक्षा हो
- पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान की जाए
- घटना की न्यायिक जांच हो
- कोर्ट परिसरों में CCTV निगरानी बढ़ाई जाए
न्याय की रक्षा होनी चाहिए – वरना लोकतंत्र कमजोर होगा
अगर Unnao Court Violence जैसी घटनाएं इसी तरह होती रहीं और पीड़ितों को न्याय न मिला, तो लोगों का अदालत पर से भरोसा उठ जाएगा। लोकतंत्र की असली ताकत आम नागरिक का न्याय पर भरोसा होता है। इस विश्वास को टूटने से पहले प्रशासन को कठोर कदम उठाने होंगे।
Unnao Court Violence एक गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक विफलता है। यह घटना सिर्फ तीन लोगों पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वो जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई कर एक उदाहरण पेश करे ताकि फिर किसी इंसाफ के सिपाही को खून से लथपथ न होना पड़े।