बेटे की मौत के 5 दिन बाद बाप ने रचाया बहू से निकाह, देवरिया की इस शादी ने उड़ा दिए होश

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हाइलाइट्स

  • Deoria Shocking Marriage: देवरिया के मोहम्मद शकील ने अपने बेटे के इंतकाल के 5 दिन बाद बहू से कर ली शादी
  • मोहल्ले में मचा बवाल, लोगों ने बताया सामाजिक और धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन
  • बहू के मायके वालों ने जताई आपत्ति, पुलिस से भी की शिकायत
  • शकील का बयान: “हम दोनों बालिग हैं, और सहमति से की है शादी”
  • सोशल मीडिया पर घटना ने पकड़ा तूल, लोग कर रहे नैतिकता पर सवाल

Deoria Shocking Marriage की यह सनसनीखेज घटना न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लोगों को हैरान कर रही है। देवरिया जिले के एक छोटे से गांव से उठी इस खबर ने समाज, नैतिकता, और धर्म की बुनियादी जड़ों को हिला दिया है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले मोहम्मद शकील (उम्र 45 वर्ष) का बेटा फ़ैज़ान (उम्र 22 वर्ष) बीते सप्ताह एक सड़क हादसे में जान गंवा बैठा। परिवार शोक में डूबा हुआ था, लेकिन बेटे की मौत के महज 5 दिन बाद मोहम्मद शकील ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अपनी ही बहू ज़ैनब (उम्र 20 वर्ष) से निकाह कर लिया।

Deoria Shocking Marriage: मोहल्ले में मचा भूचाल

जब लोगों को Deoria Shocking Marriage की जानकारी मिली, तो पूरे मोहल्ले में हंगामा मच गया। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि एक पिता अपने बेटे की पत्नी को इतने कम समय में अपना जीवनसाथी बना सकता है।

स्थानीय निवासी नसीर अहमद ने बताया, “ऐसा कभी नहीं सुना था। एक तरफ जहां बेटे के इंतकाल पर मातम होना चाहिए था, वहीं शकील साहब शादी के जश्न में मशगूल थे।”

बहू की सहमति, पर समाज की नाराजगी

ज़ैनब ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह शकील के साथ अपनी मर्जी से शादी कर रही है। “हम दोनों अकेले थे। हमें सहारा चाहिए था और हमने तय किया कि हम निकाह करेंगे,” ज़ैनब ने कहा।

हालांकि, समाज इस Deoria Shocking Marriage को स्वीकार नहीं कर रहा। कई लोगों ने इसे इस्लामिक शरीयत और सामाजिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन बताया है।

पुलिस में शिकायत, पर मामला ‘दो बालिगों’ का

इस घटना के बाद ज़ैनब के मायके वालों ने देवरिया पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार ने बताया, “हमें शिकायत मिली है लेकिन दोनों बालिग हैं और उनका निकाह कानूनन वैध है। नैतिकता पर बहस अलग है।”

मौलवियों की राय: ‘इस्लाम में है प्रतिबंध’

स्थानीय मस्जिद के मौलवी हाफिज अजीम ने कहा कि इस प्रकार की शादी इस्लाम में नाजायज़ मानी जाती है। “एक पिता का बहू से निकाह करना शरीयत में हराम है। ये Deoria Shocking Marriage इस्लामी कानूनों का उल्लंघन है,” उन्होंने कहा।

सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। ट्विटर और फेसबुक पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ ने इसे ‘प्यार की जीत’ बताया तो कई लोगों ने नैतिकता और धर्म की मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया।

एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, “अगर यही किसी दूसरे धर्म में हुआ होता तो अब तक बवाल मच गया होता।”

मानसिक और सामाजिक विश्लेषण

सामाजिक मनोवैज्ञानिक डॉ. अमृता रॉय कहती हैं, “इस तरह के Deoria Shocking Marriage केस भावनात्मक अस्थिरता का परिणाम होते हैं। जब व्यक्ति शोक में होता है तो वह भावनात्मक संबंधों की ओर खिंचता है।”

उनका मानना है कि ऐसी स्थितियों में परामर्श और सामाजिक सहयोग की ज़रूरत होती है, न कि सामाजिक बहिष्कार की।

क्या है कानूनी स्थिति?

भारतीय कानून के तहत यदि दोनों व्यक्ति बालिग हैं और उनकी शादी बलपूर्वक नहीं कराई गई है, तो वह वैध मानी जाती है। हालांकि, ‘मुल्जिम का बहू से निकाह’ जैसा मामला न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है बल्कि समाज में भ्रम की स्थिति भी पैदा करता है।

कानून बनाम नैतिकता

Deoria Shocking Marriage केवल एक शादी नहीं, बल्कि समाज और संवेदनशीलता के बीच की रेखा पर सवाल खड़ा करती है। क्या दो बालिगों के आपसी सहमति से लिए गए निर्णय को समाज मान्यता देगा, या नैतिकता और धर्म के नाम पर इसे नकार दिया जाएगा?

यह मामला आने वाले समय में सामाजिक, धार्मिक और कानूनी स्तर पर बड़ी बहस को जन्म दे सकता है।

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