हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश में Alcohol Investment के लिए 15 कंपनियों ने 4320 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए
- आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने दिया भरोसा – नीति के अनुसार मिलेंगी सभी सुविधाएं
- 2023-24 में शराब से राज्य को मिला 56,000 करोड़ रुपये का राजस्व
- राज्य की आबकारी नीति का अन्य राज्य कर रहे अध्ययन, यूपी बना मॉडल
- वाइनरी और माइक्रो-ब्रेवरीज को मिलेगा बढ़ावा, पर्यटन क्षेत्र को भी लाभ
राज्य ब्यूरो, लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश की बयार एक नई दिशा ले रही है। अब Alcohol Investment के क्षेत्र में भी राज्य तेजी से अग्रसर हो रहा है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित ‘इन्वेस्ट यूपी’ और आबकारी विभाग के संयुक्त सम्मेलन में कुल 15 कंपनियों ने 4320 करोड़ रुपये के Alcohol Investment प्रस्ताव दिए। इन प्रस्तावों से न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार और पर्यटन क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
आबकारी मंत्री ने दिया भरोसा: हर निवेशक को मिलेगा समर्थन
नितिन अग्रवाल ने कही बड़ी बात
सम्मेलन में आबकारी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार हर उस Alcohol Investment को स्वागत करेगी, जो राज्य की नीति के अंतर्गत आता हो। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी निवेशकों को नीति के अनुसार हर सुविधा और समर्थन दिया जाएगा।
एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में Alcohol Investment की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में निवेश से राज्य को प्रतिवर्ष हजारों करोड़ का राजस्व प्राप्त हो सकता है, साथ ही लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
2023-24 में 56,000 करोड़ का राजस्व, 5.3 लाख रोजगार
आईएसडब्ल्यूएआई की रिपोर्ट में खुलासा
सम्मेलन के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्प्रिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) की एक रिपोर्ट भी जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में उत्तर प्रदेश को Alcohol Investment और बिक्री से 56,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यही नहीं, इस उद्योग से करीब 5.3 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला।
आबकारी का 25% योगदान
उत्तर प्रदेश के कुल स्वयं के कर राजस्व में से आबकारी का योगदान 25 प्रतिशत है। इसका सीधा अर्थ है कि Alcohol Investment न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक रूप से भी राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन चुका है।
वाइनरी और माइक्रो-ब्रेवरीज को बढ़ावा
नई नीति में बड़ा फोकस
वर्ष 2025-26 की प्रस्तावित आबकारी नीति में वाइनरी और माइक्रो-ब्रेवरीज की स्थापना को प्रमुखता दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि इससे न केवल Alcohol Investment को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य में वाइन टूरिज्म और नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
अब तक 142 प्रस्ताव, 19 इकाइयों में 2339.6 करोड़ का निवेश
आंकड़े जो बताते हैं विश्वास
अब तक राज्य सरकार को Alcohol Investment के लिए कुल 142 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 135 पर MOU साइन हो चुके हैं। कुल 39,479.39 करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया चल रही है, जबकि 19 इकाइयों में 2,339.6 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही हो चुका है।
कौन-कौन सी कंपनियों ने किया निवेश प्रस्ताव?
कंपनी का नाम | जिला | निवेश राशि (करोड़ में) |
---|---|---|
केयांस डिस्टलरी | गोरखपुर | 2265 |
सीआरआई फूट एंड बेवरेज | तय नहीं | 300 |
शिवांश एलाइंस इंडस्ट्रीज | सीतापुर | 300 |
शिवांश एलाइड इंडिया प्रा. लि. | हरदोई | 250 |
बीएएस भारत | अलीगढ़ | 200 |
एलियांज इंडस्ट्रीज | मथुरा | 200 (प्लांट विस्तार) |
पुनीत शर्मा एवं रजत कुमार | मथुरा | 160 |
मेदुसा बेवरेज प्रा. लि. | उन्नाव | 160 |
मेयर एंड फ्रेसर | जत्वी | 120 |
लखनऊ डिस्टलरी | लखनऊ | 100 |
देवांश ब्रेवरी एंड डिस्टलरी | तय नहीं | 100 |
इंडियन वाइन ग्रोवर्स एसोसिएशन | कानपुर देहात | 50 |
एचजी ब्रेवर्स | लखनऊ | 50 |
द्वारिकेश शुगर इंडिया लिमिटेड | बिजनौर | 40 |
गाजियाबाद ऑर्गेनिक्स लिमिटेड | मेरठ | 25 (प्लांट विस्तार) |
अन्य राज्य भी अपना रहे यूपी की आबकारी नीति
यूपी बना मॉडल
मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि अब पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश भी उत्तर प्रदेश की Alcohol Investment नीति का अध्ययन कर अपनी-अपनी नीतियों में बदलाव कर रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
आईएसडब्ल्यूएआई और एपीडा की टिप्पणी
ISWAI के सीईओ संजित पाधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति काफी व्यावहारिक और निवेशक-फ्रेंडली है। वहीं, एपीडा (भारत सरकार) के निदेशक डॉ. तरुण बजाज ने सुझाव दिया कि शराब, वाइन और अन्य अल्कोहल उत्पादों के निर्यात के लिए अलग नीति बननी चाहिए, ताकि भारत वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके।
आर्थिक विकास की नई लहर
Alcohol Investment के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। निवेशकों का बढ़ता विश्वास, सरकार की सहयोगी नीति और विशाल राजस्व क्षमता इस क्षेत्र को एक Game-Changer बना सकते हैं। अगर सभी प्रस्ताव सफलतापूर्वक लागू हुए, तो यह न केवल राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगा, बल्कि लाखों युवाओं के लिए नई संभावनाएं भी खोल देगा।